Paytm को लेकर अशनीर ग्रोवर का बड़ा बयान
Paytm : RBI ने देश की डिजिटल पेमेंट की सबसे बड़ी कंपनी Paytm की बैंकिंग सेवाएं रोक दी है। जिसे लेकर Paytm के ग्राहकों में चिंता बनी हुई है। बता दें कि Paytm की सारी बैंकिंग सुविधाएं अभी 29 फरवरी तक शुरू रहेंगी, ऐसे में घबराने की कोई बात नहीं है। लेकिन, RBI के अनुसार जिन लोगों के सेविंग और करेंट एकाउंट Paytm पेमेंट्स बैंक में हैं, वे लोग 29 फरवरी से अपने पैसे निकाल सकते हैं। इसके बाद सभी प्रकार के लेनदेन बंद हो जाएंगे।
ऐसे में फिलहाल Paytm के ग्राहकों को चाहिए कि अपने वॉलेट में रखे रूपयों को किसी अन्य जगह ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें अभी फिलहाल बाहर से अपने Paytm एकाउंट में रुपए मंगाने से बचना होगा। ऐसे में यदि Paytm खाता किसी थर्ड पार्टी बैंक से जोड़कर रखा है तो आपका पेटीएम काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट भी काम करता रहेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि थर्ड पार्टी बैंक का मतलब राष्ट्रीकृत बैंक से है। जैसे यदि आपका पेटीएम खाता किसी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफ़सी बैंक या पंजाब नेशनल बैंक सहित किसी भी इस तरह के बैंक से जुड़ा है तो आपके लिए कोई भी चिंता की बात नहीं है। यहां बताना जरूरी है कि पेटीएम का इस्तेमाल कई लोग फास्टैग का भुगतान करने के लिए भी करते हैं। जिससे वो टोलटैक्स पेमेंट करते हैं। दरअसल, फास्टैग कारों की विंडशील्ड पर लगा होता है, जिससे टोलटैक्स पार करते समय अपने आप ही टैक्स कट जाता है।

फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है। जिसका संचालन नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया करता है। ऐसे में RBI के इस फैसले से फास्टैग धारकों को भी समस्या हो सकती है। बता दें कि 29 फरवरी के बाद फास्टैग से पेमेंट नहीं हो सकेंगे। 1 मार्च से यदि फास्टैग में बचे हुए पैसे यूज़ कर सकते हैं। लेकिन, अपने फास्टैग में अपने पैसे नहीं डाल सकेंगे।
Paytm बैन पर आई कड़ी प्रतिक्रिया
RBI के इस फैसले पर ऑन्त्रप्रन्योर और भारत पे के फाउंडर अशनीर ग्रोवर का बड़ा बयान सामने आया है। अशनीर ने इस फैसले को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। अशनीर ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखते हुए कहा कि, “मुझे समझ नहीं आ रहा, इस कदम से साफ पता चलता है कि आरबीआई फिनटेक का बिज़नेस ही नहीं चाहती।

इस तरह की गतिविधियों से सेक्टर भी खत्म हो जाएगा वित्त मंत्रालय, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देना चाहिए। आज आईआईएम-आईआईटी अपने छात्रों के प्लेसमेंट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस तरह की ओवररीच देश के लिए ठीक नहीं। दुनिया में यूपीआई का ढिंढोरा पीटना और इसकी शुरुआत करने वालों को सज़ा देना ठीक नहीं है।”
जहां डिजिटल पेमेंट को लेकर भारत में बड़े-बड़े प्रचार किए जा रहे हैं। वहीं पेटीएम की बैंकिंग सुविधा को रोकना एक चिंता का विषय है। बताते चलें कि कोरोना महामारी के बाद से भारत सहित पूरी दुनिया में डिजिटल पेमेंट को लेकर तेजी देखी गई। जिसमें भारत में एक बड़ी जनसंख्या ने डिजिटल पेमेंट को अपनाया था। हालांकि, डिजिटल पेमेंट को देश के। पीएम नरेंद्र मोदी तक ने बढ़ावा दिया है।

भारत में डिजिटल लेनदेन करने वालों में अमीर से लेकर गरीब तक के वर्ग शामिल हैं। यहीं नहीं ठेले, खोमचे, पटरी वाला, दुकानदार, बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल तक पेटीएम को यूज़ करते हैं। ऐसे में अचानक से इस तरह के फैसले से इन जैसे लोगों पर इसका खास असर देखने को मिलेगा। जानकारी के लिए बता दें कि पेटीएम के पास फिलहाल करीब 100 मिलियन से ज्यादा ग्राहक है। जो पेटीएम की सेवाओं का लाभ लेते हैं। जिसमें छोटे, बड़े व्यापारी से लेकर आम नागरिक भी शामिल हैं। वहीं फास्टैग यूजर की बात करें तोपेटीएम के पास 8 मिलियन के करीब यूजर हैं।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।