Ayodhya: अयोध्या में नव्य दिव्य राममंदिर बनकर तैयार हो चुका है।
राममंदिर में रामलला विराजमान भी हो चुके हैं। ऐसे में राममंदिर की चर्चा देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही है। राममंदिर में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ रही है। यही कारण है कि मौजूदा सरकार भी Ayodhya को आने वाले दिनों में रेल, सड़क और एयरपोर्ट से जोड़ रही रही है। सरकार की कोशिश है कि देश के हर कोने को अयोध्या से जोड़ा जाए। जिससे देश के कोने-कोने से रामभक्त अपने आराध्य का नव निर्मित राममंदिर में दर्शन कर सकें। इसीलिए सरकार इस दिशा में बुनियादी सुविधाओं पर करोड़ों खर्च करके रामनगरी को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने जा रही है।
सरकार की योजना है कि इससे अयोध्या आने वाले भक्तों को दर्शन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन भी कराया जा सके। एक अनुमान के मुताबिक, इससे देश में घरेलू पर्यटन को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। जो देश की जीडीपी और रोजगार की संभावनाएं भी इसे बढ़ाने में भी मदद करेगा।वहीं अयोध्या में स्वर्ण मंदिर अमृतसर, तिरुपति बालाजी, माता वैष्णो देवी,काशी विश्वनाथ धाम, तथा उज्जैन महाकाल धाम से भी ज्यादा श्रद्धालु पर्यटक हर वर्ष आने वाले हैं।

इसीलिए आने वाले समय में अयोध्या में अन्य आध्यात्मिक स्थलों के तुलना में पर्यटन हॉस्पिटैलिटी और दूसरे व्यावसायिक क्षेत्र में रोजगार की प्रचुर संभावनाएं देखी जा रही हैं। जहां पुराने समय में धार्मिक जगह पर घूमना फिरना अधिक उम्र के लोगों की ही पसंद माना जाता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। अब धार्मिक स्थलों पर युवाओं का भी आना-जाना शुरू हो चुका है। जानकर आश्चर्य होगा की तीर्थ यात्रा पर जाने वाले कुल यात्रियों में 80% यात्री 18 से 34 वर्ष की आयु वाले लोग हैं।
Ayodhya: अयोध्या के बाद धार्मिक पर्यटन को मिल रहा है बढ़ावा
एक ट्रैवल एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, तीर्थ यात्रा करने वाले लोगों में अब नई पीढ़ी के लोग सामने आ रहे हैं। नई-नई धार्मिक जगहों पर दर्शन-पूजन करने के लिए युवा वर्ग अब ज्यादा रुचि दिखा रहा है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मथुरा,काशी,उज्जैन, कटरा की तरह ही इस धार्मिक स्थल को लेकर भी युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है।

अयोध्या को ऑनलाइन सर्च करने वालों का आंकड़ा 585% तक बढ़ गया है। जहां भारत में लोग पहले पर्यटन के लिए दिल्ली- आगरा- जयपुर जाना पसंद करते थे। वहीं अब Ayodhya- काशी- प्रयागराज जाना पसंद कर रहे हैं। केंद्र सरकार का जोर देश के धार्मिक स्थलों को पर्यटन से जोड़ने पर है। काशी विश्वनाथ धाम, उज्जैन का महाकाल धाम के बाद अब रामनगरी अयोध्या का उदाहरण हमारे सामने है।

पीएम मोदी ने भी अपने एक संबोधन में भी कहा है कि देशवासियों को बाहर जाने की बजाय देश के अंदर ही लोग घूमने जाएं। जिससे पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सामने आएंगे।
जानकार बताते हैं कि धार्मिक स्थलों पर बढ़ते पर्यटन में रोजगार के मौके भी बढ़ने वाले हैं। वर्तमान समय में टूरिज्म सेक्टर में एक बेहतर कैरियर बनकर उभर रहा है। यह सबसे लोकप्रिय करियर में से एक है। ऐसे प्रोफेशनल ग्राहकों की जरूरत के अनुसार टूर कि प्लानिंग/पैकेजिंग करते हैं। ये आपके लिए टिकट से लेकर गंतव्य तक पहुंचने, वहां रुकने, घूमने फिरने तक की सारी व्यवस्था भी देखते हैं। पर्यटकों को किसी चीज की चिंता नहीं करनी को पड़ती। बस, आपको उन्हें अपना बजट, डेस्टिनेशन, दिनों की संख्या के बारे में जानकारी देनी होती है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।