Basant Panchami 2024: ज्ञान की देवी को प्रसन्न करने का दिन है बसंत पंचमी
सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी सरस्वती को हंसवाहिनी, वीणाधारिणी, मां शारदा भी कहा जाता है। माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए हर वर्ष Basant Panchami के दिन माता सरस्वती की पूजा होती है। बताते चलें की हिन्दू धर्म में Basant Panchami का विशेष महत्व है।
सरस्वती पूजा Basant Panchami को हर वर्ष की माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती की पूजा अर्चना करने वाले को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। माता सरस्वती को प्रसन्न करने वाला व्यक्ति सदा ही शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ता है। ऐसे में इस बार यह पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा।

ऐसा माना जाता कि यदि किसी व्यक्ति को ज्ञान की देवी सरस्वती को प्रसन्न करना हो तो Basant Panchami से उत्तम दिन नहीं हो सकता है। बसंत पंचमी को लेकर कई कथाएं भी प्रचलित हैं। जिनके अनुसार, श्रीकृष्ण को देखकर देवी सरस्वती उनपर मोहित हो गई। देवी सरस्वती भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में मानने लगी। हालांकि, यहां बताते चलें कि देवी सरस्वती ब्रम्हा जी की पत्नी है। ऐसे में जब श्री कृष्ण को यह बात पता चली की देवी सरस्वती उनपर मोहित है और उनसे विवाह करना चाहती हैं।
ऐसे में श्री कृष्ण ने देवी सरस्वती को बताया वे तो राधा को प्रेम करते हैं और राधा को ही समर्पित हैं। लेकिन, उन्होंने देवी सरस्वती को निराश नहीं किया। और, उन्हें वरदान दिया कि यदि को भी व्यक्ति जो विद्या की इच्छा रखता है और माघ मास की शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी को आपकी आराधना करेगा, तो वह हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेगा। इसीलिए, हर वर्ष बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

जानकारी के लिए दें कि पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ की पंचमी 13 फरवरी को लग रही है, और 14 फरवरी को खत्म हो रही है। ऐसे में सनातन परंपरा को मानने वाले असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सरस्वती पूजा कब मनाई जाए। चलिए आपको बताते हैं कि किस दिन मनाया जाएगा Basant Panchami का त्योहार?

दरअसल, पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से प्रारंभ होगी। फिर अगले दिन यानि 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। बताते चलें कि सनातन परंपरा में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में जब 13 फरवरी को दिन बीतने के बाद तिथि लग रही है, ऐसे में पूजा-पाठ की शुरुआत 14 तारीख में सुबह में पूजा पाठ किया जा सकता है। पंचांग के अनुसार,14 तारीख को मां सरस्वती की पूजा-अर्चना सुबह 07 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक कर सकते हैं।
Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी पूजा विधि
- बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठे और दिन की शुरुआत मां सरस्वती के ध्यान से करें।
- इसके बाद स्नान आदि से निवृत हो जाएं और पीले रंग के कपड़े धारण करें।
- अब मंदिर की सफाई करें और गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करें।
- चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें पीले रंग वस्त्र अर्पित करें।
- अब मां सरस्वती को अक्षत, चंदन, पीले फूल, दीप और गंध अर्पित करें।
- विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करें और सरस्वती वंदना का पाठ करें। साथ ही मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।
- मां सरस्वती की आरती करें।
- मां सरस्वती को खीर और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें।
- अब लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।