वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बुधवार को आखिरी बजट 2024 की घोषणा कर दिया गया। बजट से ऑटो सेक्टर को क्या मिला ?
ऑटो/ BJP सरकार की ओर से पहली फरवरी को अंतरिम बजट 2024 के लिए पेश किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ऑटो सेक्टर के लिए क्या घोषणाएं की गई हैं। इस खबर में अंतरिम बजट में ऑटो सेक्टर को मिले बजट की जानकारी आपको दे रहे हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर रहेगा ज्यादा फोकस:-
सेंट्रल सरकार की तरफ से अंतरिम बजट 2024 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी फोकस किया गया है। सेंट्रल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नें अपने बजट भाषण में ऑटो सेक्टर के लिए बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है हमारी सरकार। कोशिश की जा रही है कि इलेक्ट्रिक बसों को भी ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन सेवा में लाया जायेगा ।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी महत्ता:-
सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के साथ ही चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आखिरी बजट भाषण में कहा कि सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा ज्यादा से ज्यादा मिल पाएगा।
इसके साथ ही साथ सरकार की कोशिश स्टार्टअप को बढ़ाने की भी है। जिससे रखरखाव के छेत्र, उत्पादन के छेत्र और इंस्टालेशन जैसे क्षेत्रों में नौकरियों की मांग भी बढ़ने लगेगी l
बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा, “हमारी सरकार मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा ई-व्हीकल इकोसिस्टम का विस्तार करने के साथ ही इसे सुदृढ़ बनाने का भी काम पर फोकस किया जायेगा. पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिजम के जरिये से पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के लिए लोगों द्वारा ई-बसों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाएगा.”ई-व्हीकल (EV) इंडस्ट्री के लिए चार्जिंग फेसलिटी एक बड़ा मुद्दा है, इसको भी वित्त मंत्री ने अपने अंतरिम बजट में शामिल किया है.
पिछले साल के अपने पिछले बजट में, वित्त मंत्री ने इलेक्ट्रिक व्हीकल में उपयोग होने वाली लिथियम-आयन सेल्स बैटरी के निर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी में छूट दी थी. कपड़ा और कृषि को छोड़कर बाकी के अन्य वस्तुओं पर लिथियम-आयन बैटरियों पर सीमा शुल्क 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत तक कर दिया गया था. इन ईवी बैटरियों पर सब्सिडी एक और साल के लिए बढ़ा दी गई थी.
ICE मॉडल्स के तहत भारत सरकार ने (पेट्रोल-डीजल वाहन) से होने वाले उत्सर्जन को घटाने के लिए लगातार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. देश में सभी नए व्हीकल्स की बिक्री में ईवी की 30% हिस्सेदारी का लक्ष्य गवर्नमेंट ने 2030 तक का रखा है. अभी ईवी की हिस्सेदारी बहुत कम है वाहनों की कुल बिक्री में, कारों में ये बिक्री लगभग 2% तो वहीं दोपहिया वाहनों में इसकी बिक्री 5% तक है.
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Deepak Maurya
दीपक कुमार मौर्य
आप उत्तर प्रदेश के गंज, सारनाथ, वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने सिक्किम मनिपाल विश्वविद्यालय दिल्ली से BCA किया है,आप टेक्नोलॉजी के बारे में जानना एक्सप्लोर करना और लिखने का शौक रखते हैं। आप HIND MANCH में Tech Writer के रूप में जुड़े हैं।