CAA LIVE: कानून के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंची मुस्लिम लीग
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कल देश भर में नागरिक संशोधन कानून CAA लागू कर दिया गया। जिसका देश भर में कहीं विरोध हो रहा है तो कहीं इसका समर्थन भी किया जा रहा है। दरअसल, बताते चलें कि भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के द्वारा धार्मिक तौर पर प्रताड़ित किए गए गैर-मुस्लिमों लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
CAA कानून के इन तीन देशों के मुस्लिमों को छोड़कर हिंदू, सिख,बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई वर्ग के लोगों को ही भारत की नागरिकता दी जाएगी। CAA कानून को लेकर देश के कई जगहों पर विरोध हो रहा है। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कानून उनके साथ भेदभाव करता है। देश में कई लोगों का कहना है कि इस कानून से लोगों की नागरिकता छिन ली जाएगी।

CAA कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक तौर पर प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आने वाले गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। CAA कानून के तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन और ईसाई वर्ग के लोगों को ही भारत की नागरिकता दी जाएगी। सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान है। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कानून उनके साथ भेदभाव करता है, जो देश के संविधान का उल्लंघन है। वहीं इस कानून को लेकर देश भर से मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।
CAA LIVE: अति संवेदनशील इलाकों पर है पुलिस की नजर
वहीं इस कानून के लागू होने पर केंद्र सरकार ने सुरक्षा भी कड़ी कर दी है। देश की राजधानी दिल्ली में अति संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। वहीं दिल्ली में दिल्ली पुलिस ने भी फ्लैगमार्च किया। जिससे की कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथों में ले सके। जानकारी के लिए बता दें कि सीएए लागू होने के बाद दिल्ली पुलिस समेत सभी राज्यों की पुलिस अलर्ट है। दिल्ली पुलिस की रैपिड एक्शन फोर्स ने मंगलवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च भी निकाला।

जहां बंगाल में ममता बनर्जी इस कानून का पुरजोर विरोध कर रही है। वहीं बंगाल के बीजेपी नेता और विधायक शंकर घोष ने CAA पर बोलते हुए कहा कि ल ‘भाजपा ने पहले ही इसका एलान कर दिया था। सीएए और कुछ नहीं बल्कि संविधान के तहत भारतीय नागरिकता देने का दस्तावेज है। इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। वहीं बीजेपी विधायक ने टीएमसी सुप्रीमों ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा-टीएमसी ऐसी पार्टी है, जो घुसपैठियों का समर्थन करती है।’

इसी दौरान CAA का विरोध करते हुए मुस्लिम लीग ने देश की सर्वोच्च अदालत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम लीग ने याचिका दायर की है। इस याचिका को इंडियन मुस्लिमइ की तरफ से दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि इस कानून पर लोक लगाया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के प्रावधानों को देश में लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। मुस्लिम लीग ने याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया है कि इस कानून के तहत कुछ धर्मो के लोगों को ही नागरिकता दी जाएगी। जो साफ तौर पर संविधान का उल्लंघन है।
वहीं जहां बंगाल में इस कानून का विरोध हो रहा है, उत्तर प्रदेश में भी इसका विरोध किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी से सांसद एसटी हसन ने भी सीएए लागू करने पर कहा कि ‘यह सिर्फ लोगों को भ्रमित करने की रणनीति है। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है कि लोगों को नागरिकता दी जाए, लेकिन इसे धर्म के आधार पर क्यों वर्गीकृत किया गया है? अहमदिया मुस्लिमों को इन देशों में प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। ऐसे में सरकार को सभी प्रताड़ित वर्गों को नागरिकता देनी चाहिए। सीएए सिर्फ एनआरसी का आधार है, जहां लोगों को ये घोषित करना पड़ेगा कि वे भारतीय हैं।’
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।