Farmer Protest : ट्रैक्टर-ट्राली से ज्यादा से ज्यादा किसान पहुंचे दिल्ली बॉर्डर पर
सोमवार को एमएसपी एवं अन्य मांगों को लेकर दिल्ली-शंभू बॉर्डर पर Farmer Protest में किसान रणनीति बनाने में जुटे रहे। Farmer Protest नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की, उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति जो रवैया है वो संतोषजनक नहीं है। Farmer Protest में आगे की रणनीति को बताते हुए कहा कि कल यानी छह मार्च को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों द्वारा मार्च किया जाएगा,लेकिन इसी के साथ देश के अलग -अलग राज्यों से भी किसान बड़ी संख्या में दिल्ली कूच करने की तैयारी में है।
किसान नेताओं ने बताया कि Farmer Protest को एक नई दिशा देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से सहमति बन चुकी है। इस सहमति पर विचार करते हुए जल्द ही मोर्चा पदाधिकारियों संग बैठक करके अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
Farmer Protest : आरपार की लड़ाई की तैयारी में किसान संगठन
वहीं खबर मिल रही है कि बुधवार यानी 6 मार्च को दिल्ली कूच कार्यक्रम में पंजाब के किसान शामिल नहीं होंगे। लेकिन, दिल्ली- शंभू बॉर्डर व खनौरी बॉर्डर पर चल रहे Farmer Protest को मजबूत करके पंजाब से केंद्र की सरकार पर दबाव बनाने का काम किया जाएगा। जिसके लिए एक बड़े स्तर पर तैयारी भी की जा रही है।

जानकारी के लिए बता दें की दिल्ली-शंभू बॉर्डर पर किसानों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है। जिसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और भारतीय किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से सभी जत्थेबंदियों से अपील की गई है कि बॉर्डर पर किसानों की संख्या को बढ़ाया जाए। जिससे केंद्र सरकार पर Farmer Protest का दबाव बनाया जा सके।
किसान नेताओं ने अपने-अपने जत्थेबंदियों के नेताओं से अपील की है कि,’ अपने-अपने स्तर से गांव-गांव जाए और बड़ी संख्या में किसानों को ट्रैक्टर और ट्राली के माध्यम से बॉर्डर तक लाए। पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने बताया की आज यानी मंगलवार को जत्थेबंदी काफी गिनती में किसानों के साथ 10-12 ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर शंभू बार्डर पर जा रही है।
खबरों से अपडेट रहने के लिए जुड़ें :-
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि यही सही समय है कि हम शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर ट्राली की संख्या को बढ़ा लें। क्योंकि यदि सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है तो जिस तरह से दिल्ली-शंभू बॉर्डर को घेरा गया है, वैसे ही दिल्ली से सटे अन्य बॉर्डर्स को घेरा जाएगा। इसके लिए अभी ज्यादा मात्रा में ट्रैक्टर और ट्राली की जरुरत पड़ने वाली है।
वहीं किसान आंदोलन में मृतक किसान शुभकरण की अंतिम अरदास के मौके पर किसान संगठनों में फूट का आरोप लगा था। जिसका किसान नेताओं ने पूरी तरह से खंडन किया था। किसान आंदोलन के मीडिया प्रभारी ने कहा कि किसान नेताओं में किसी भी तरह का कोई भी मतभेद नहीं है। सभी किसानों के हित के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इसीलिए किसी भी तरह की अफवाह से बचा जाए और किसान आंदोलन को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने को लेकर काम किया जाए।
वहीं किसान संगठनों ने पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें किसान आंदोलन में शामिल होने की सलाह दी। किसानों कि पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ मुकेश अम्बानी के बेटे की प्री वेडिंग में जाकर जामनगर में परफॉर्म कर रहे हैं। जबकि उन्हें किसानों के हक के लिए दिल्ली-शंभू बॉर्डर पर आना चाहिए। किसान संगठनों की मांग है कि जिस तरह से दिलजीत दोसांझ ने पहले किसानी आंदोलन में किसानों के हक में दम भरा था। उसी तरह से इस बार भी उन्हें दिल्ली-बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन में आगे आना चाहिए, ताकि केंद्र सरकार पर मांगों को लेकर दबाव बनाया जा सके।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।