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Gaganyaanवर्ष 2025 में गगन यान मिशन होगा लांच

Gaganyaan : वर्ष 2025 में गगन यान मिशन होगा लांच

एस्ट्रोनॉट्स ग्रुप कमांडर प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ये ऐसे चार नाम है जो आने वाले समय में भारत की तरफ से अंतिरक्ष की यात्रा करेंगे। इस बात का एलान खुद पीएम मोदी ने आज किया। जानकारी के लिए बता दें की भारत का गगन यान मिशन वर्ष 2025 में लांच किया जाएगा।

Gaganyaan जिसे लेकर पीएम मोदी ने आज इस Gaganyaan में शामिल इन चरों गगन वीरों के नाम क सार्वर्जनिक किया। इसके तहत दो से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की निम्न कक्षा में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। भारत के Gaganyaan में शामिल जिन चार एस्ट्रोनॉट्स के नांम का एलान हुआ है। ये चारों भारतीय वायु सेना के टेस्ट पॉयलट हैं। इस मिशन के लिए चारों ने रूस जाकर ट्रेनिंग की है। इस चारों की फिलहाल एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग चल रही है।

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वर्ष 2025 में गगन यान मिशन होगा लांच

Gaganyaan पीएम मोदी ने इन चारों गगनवीरों का नाम अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स साझा करते हुए लिखा,” नामित चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पंख सौंपना मेरे लिए बहुत विशेष क्षण था। वे 140 करोड़ भारतीयों की आशाओं, आकांक्षाओं और आशावाद को दर्शाते हैं। भारत को ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला पर गर्व है।” आइए जानते हैं इन चारों गगनवीरों के बारे में,

Gaganyaan : पीएम मोदी ने चारों गगनवीरों के नामों की घोषणा

प्रशांत बालाकृष्णन नायर : ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर केरल से रहने वाले हैं। प्रशांत बालाकृष्णन नायर का जन्म केरल के तिरुवजियाड में 26 अगस्त 1976 को हुआ था। 47 वर्षीय ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर ने अपनी स्कूली शिक्षा कुवैत से की। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के भी छात्र रहे हैं।

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इस संस्था से इन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने वहां ‘स्वोर्ड ऑफ ऑनर’ में इनका उच्च प्रदर्शन रहा जिसके लिए इन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर ने वर्ष 1999 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए। प्रशांत बालाकृष्णन नायर वायु सेना में बतौर एक कमीशन अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे। जानकारी के लिए बता दें कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर बतौर पायलट वो सुखोई युद्धक विमान भी उड़ा चुके हैं। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर को लगभग 3000 घंटे की उड़ान भरने का अनुभव है। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर ने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 समेत कई विमान उड़ाए हैं।

शुभांशु शुक्ला : शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 10 अक्तूबर 1985 को हुआ था। शुभांशु शुक्ला ने 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी। शुभांशु शुक्ला ने बतौर वायु सेना में फाइटर स्ट्रीम में नियुक्त हुए थे। शुभांशु फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग दो हजार घटे की उड़ान का अनुभव है। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है।

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अजीत कृष्णन : ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में से हैं जिन्हें मिशन के लिए चुना गया था। अजीत कृष्णन भी भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं। इन्हें भी आधुनिक विमान उड़ाने की क्षमता हासिल है।

अंगद प्रताप : इसरो के मुताबिक,अंगद प्रताप का उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 17 जुलाई 1982 में जन्म हुआ। अंगद प्रताप ने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में नियुक्त हुए थे। अंगद प्रताप इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग दो हजार घटे की उड़ान का अनुभव है। अंगद प्रताप राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला ने रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है।

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Gaganyaan :  क्या है गगनयान मिशन

जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2025 अंतरिक्ष मिशन के लिए काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस वर्ष अंतरिक्ष संबंधी कई परीक्षण उड़ानें पूरी की जाने वाली है। इसी क्रम में गगनयान को वर्ष 2025 में लांच किया जाएगा। यह भारत का पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ समय के लिए निम्न कक्षा में अंतरिक्ष में लाया जाएगा। इस मिशन के तहत दो से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की निम्न कक्षा में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके बाद दो से तीन दिन बिताने के बाद अंतरिक्ष में बिताने के बाद उन्हें सुरक्षित हिंद महासागर में उतार दिया जाएगा।

Gaganyaan :  पीएम मोदी ने चारों को लेकर क्या कहा?

इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मैं चाहता हूं कि हर कोई हमारे अंतरिक्ष यात्रियों का खड़े होकर अभिनंदन करें।” पीएम मोदी ने आगे कहा,”हम सभी आज एक ऐतिहासिक सफर के साक्षी बन रहे हैं। अब से कुछ देर पहले देश पहली बार अपने 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ 4 नाम और 4 इंसान नहीं हैं, ये 140 करोड़ aspirations को स्पेस में ले जाने वाली 4 शक्तियां हैं। 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है। लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।”

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Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

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