CAA : केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा- CAA से किसी नागरिकता नहीं जाएगी
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक नया और जोरदार मास्टरस्ट्रोक खेला है। बता दें कि मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले CAA 2019 को लागू कर दिया। जिसे लेकर सरकार में गृहमंत्री अमित शाह अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, वहीं पीएम मोदी को धन्यवाद भी बोल रहे हैं। लेकिन, वहीं विपक्ष में विरोध की आवाजें भी उठ रही हैं। लेकिन, इसी बीच गृहमंत्री अमित शाह ने CAA पर असमंजस को साफ करते हुए बोला है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के जरिये हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मानित किया है। हैदराबाद में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए गृह मंत्री ने CAA पर भी अपनी राय रखी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी झूठ बोल रहे हैं कि CAA के लागू होने से देश अल्पसंख्यक अपनी नागरिकता खो देंगे। CAA में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रविधान नहीं है। यहां भाजपा इंटरनेट मीडिया कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और एआइएमआइएम तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के चलते इसका विरोध कर रहे हैं।
शाह ने CAA लागू करने को जायज ठहराते हुए कहा कि हमने कहा था कि हम CAA लाएंगे और हमने वादा निभाया है। उन्होंने कहा- ‘आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का यह वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर सताए गए लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी

लेकिन तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के चलते कांग्रेस ने इसकी खिलाफत की। उन्होंने कहा कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों-करोड़ों लोग अपनी आस्था और सम्मान को बचाने के लिए भारत आए लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं दी गई। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सम्बोधन में कहा कि CAA के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करके उनका सम्मान किया गया है।
इसी कड़ी में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं देश के उन लोगों से कहना चाहता हूं जिनको कांग्रेस और अन्य पार्टियां इस कानून में उलझाना चाहती है। उन लोगों खास कर अल्पसंख्यक वर्ग की नागरिकता इस कानून से नहीं जाने वाली है। यह किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है।” इस दौरान शाह ने मोदी सरकार की अपनी अनुच्छेद 370 की समाप्ति, अयोध्या में भगवान राम मंदिर निर्माण, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के बारे में भी जानकारी दी।
CAA : ऑनलाइन आवेदन पोर्टल हुआ लांच
इसी कड़ी में बीते मंगलवार को CAA 2019 के तहत भारतीय नागरिकता हेतु एक आवेदन पोर्टल भी लांच किया गया है। यह कदम सरकार द्वारा CAA 2019 के क्रियान्वयन के लिए नियमों को सोमवार को अधिसूचित करने के एक दिन बाद आया है। जानकारी के लिए बता दें कि यह कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत आए गैर मुस्लिम प्रवासियों जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शामिल हैं। उनको इस कानून के तहत नागरिकता देने का प्रावधान है।

प्रवक्ता ने कहा कि सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्ति पोर्टल https:/ indiancitizenshiponline.nic in पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। मोबाइल एप के माध्यम से आवेदन की सुविधा के लिए शीघ्र ही एक मोबाइल एप ‘सीएए-2019’ भी जारी किया जाएगा। आवेदक को वैध या समाप्त हो चुके पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण मसलन भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र की प्रति या मैरेज रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र की प्रति देनी होगी। हालांकि, इन दस्तावेजों को जमा करना अनिवार्य नहीं है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।