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Farmer Protestट्रैक्टर-ट्राली से ज्यादा से ज्यादा किसान पहुंचे दिल्ली बॉर्डर पर

Kisan Andolan : किसान आंदोलन में किसानों का रुख हुआ नरम

Kisan Andolan में दिल्ली- शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अपना रुख नरम करते हुए दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल दिया है। यह फैसला पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के सिद्धपुर गुट ने लिया है। खनौरी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस दौरान किसान हरियाणा सीमा पर ही डटे रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जन समर्थन के लिए किसान 24 फरवरी को कैंडल मार्च, 25 को सेमिनार, 26 को गांव- गांव जागरूकता, 27 को सहयोगी संगठनों के साथ बैठकें, 28 को कान्फ्रेंस और 29 को अगले संघर्ष की घोषणा करेंगे।

Kisan Andolan : 29 फरवरी तक डटेंगे बॉर्डर पर

Kisan Andolan दरअसल, जानकारी के लिए दें कि दिल्ली-शंभू बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा एमएसपी एवं अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया है। इस Kisan Andolan में किसानों द्वारा ट्रैक्टर ट्राली लेकर कई किसान संगठन पहुंचे हुए हैं। उधर, पटियाला की शंभु सीमा पर ही किसानों ने पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

Kisan Andolan
केंद्र सरकार को किसानों ने दिया अल्टीमेटम

इसके लिए सड़क के किनारे लोहे की शेड बनाई जाने लगी है और बड़ा मंच तैयार करने की भी चर्चा है। हालांकि इस बारे में कोई ‘भी नेता खुलकर नहीं बोल रहा है। यह जरूर कहा जा रहा है कि हमारे लिए दिल्ली जाना जरूरी नहीं, हमारी तो मांग है कि हमसे जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा किया जाए। 13 फरवरी को दिल्ली कूच के आह्वान के बाद 11 दिन से पंजाब भर से किसान हरियाणा की सीमा से सटे पटियाला के शंभू, संगरूर के खनौरी और बठिंडा के डबवाली में डेरा जमाए हुए हैं।

किसानों की ओर से बार-बार हरियाणा सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की गई, लेकिन हरियाणा पुलिस की ओर से की गई किलेबंदी को भेदने में वे कामयाब नहीं हो पाए। 21 को हरियाणा में जरूरी प्रवेश करने का प्रयास किया था। जो किसानों का आरोप है कि हरियाणा किया पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों – कूच पर आंसू गैस के गोले और रबड़ पंजाब की गोलियां चला दी गईं।

Kisan Andolan
केंद्र सरकार को किसानों ने दिया ने दिया अल्टीमेटम

खनौरी मासे में एक युवा किसान शुभकरण की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का हो गई। इसके बाद सिद्धपुर गुट ने कि अपना दिल्ली कूच का आह्वान दो ज दिन के लिए टाल दिया था। इस बीच में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर क शुभकरण की मौत के खिलाफ प्रदेश भर में शुक्रवार को काला दिवस मनाया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व गृह मंत्री अनिल विज के पुतले फूंके। किसानों ने दिल्ली कूच के लिए हरियाणा सीमा पर पुलिस की ओर से की गई किलेबंदी को तोड़ने का कई बार प्रयास किया।

Kisan Andolan : महिला पत्रकार को एक घंटे ट्राली में बैठाए रखा

शुक्रवार शाम को शंभू बार्डर पर दिल्ली के एक न्यूज चैनल की महिला पत्रकार व उसके साथी के साथ किसानों किसानों की कहासुनी हो गई। इस पर किसानों ने उन्हें एक घंटे तक ट्राली में बैठाए रखा। हालांकि कुछ किसानों के आग्रह पर उन्हें छोड़ दिया गया। जानकारी के लिए बता दें कि किसान आंदोलन में मृत शुभकरण सिंह के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पटियाला में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कहा कि चाहे शुभकरण के परिवार को वित्तीय सहायता और नौकरी दी जा रही है। लेकिन, जब तक उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हरियाणा के अधिकारियों और गृहमंत्री अनिल विज के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कि जाती। तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे। इस मौके पर शुभकरण के पिता चरणजीत सिंह ने कहा कि हमें पैसा नहीं न्याय चाहिए।

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Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

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