Kisan Andolan : सरकार किसानों के बीच नहीं बन रही बात
दिल्ली-शंभू बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अन्य मांगों को लेकर कई दिनों से Kisan Andolan चल रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि शंभू बॉर्डर पर ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं। जहां इन आंदोलित किसानों के साथ केंद्र सरकार हरसंभव वार्ता के लिए तैयार है। यह किसानों के हित में इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। अभी तक चार दौर की वार्ता के बावजूद Kisan Andolan पर अड़े किसानों को केंद्र ने पांचवें दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
साथ ही शांति बनाए रखने की भी अपील की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि सरकार एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली एवं पिछले Kisan Andolan के दौरान किसानों पंजाब-हरियाणा सीमा पर बुधवार को सुरर्मियों सेाकेद दर्ज प्राथमिकी को हटाने जैसे मुद्दों पर बातों के लिए कृषि मंत्री ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और समाधान तलाशने के लिए बातचीत में शामिल होने की अपील की है। मुंडा ने कहा कि नीति बनाते समय पूरे देश के किसानों के हित को ध्यान में रखना जरूरी है।
Kisan Andolan : दिल्ली-शंभू बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव जारी
हम उनको चिंताओं को दूर करने को दिशा में काम करेंगे। उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुणी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। सरकार ने सुलह की कोशिश करते हुए पिछले दौर की बातचीत में तीन फसलों को अगले पांच वर्षों के लिए एमएसपी पर खरीदारी की गारंटी देते हुए किसानों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया था। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसानों ने उस दिन तो सुलह का संकेत दिया था, लेकिन एक दिन बाद हो पलट गए।

किसानों ने भाले, बरछी, तलवार व कुल्हाड़ी लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागने को ड्रोन उड़ाए तो उन्हें उलझाने के लिए किसानों ने पतंगें। इस बीच एक किसान की संदिग्ध स्थिति में मौत की खबर के बाद किसानों और अधिकारियों की बीच चल रही वार्ता रुक गई। बाद में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की कि हम अगले दो दिन दिल्ली कूच नहीं करेंगे। हम केंद्र सरकार की ओर से मिले बातचीत के न्योते व मौजूदा हालात पर चर्चा के बाद 23 फरवरी की शाम को अगला निर्णय लेंगे।
केंद्र सरकार की ओर से वार्ता की कोशिश के बीच पटियाला जिले के शंभू और संगरूर जिले के खनौरी बार्डर पर बुधवार को दिनभर तनावपूर्ण स्थिति रही। दातासिंहवाला बार्डर पर पुलिस में हुई। हरियाणा के 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए और फतेहाबाद में तबीयत बिगड़ने पर एक एसआइ की मौत हो गई।

इसी बीच आज दिनभर किसानों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव की खबरें सामने आती रही। दरअसल, किसान नेताओं ने किसानों को दिल्ली कूच के आह्वान किया था।वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के पंजाब से लगते अन्य जिलों की सीमाओं पर भी पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखाई दिया। कुरुक्षेत्र में पंजाब से लगती सीमाओं पर पुलिस व सुरक्षा बलों के जवान मुस्तैद रहे। पिहोवा में ट्यूकर बॉर्डर व इस्माईलाबाद में कुम्हार माजरा बॉर्डर पर हालात सामान्य रहे, लेकिन ट्यूकर बाॅर्डर पर पंजाब सीमा में किसानों का प्रदर्शन व मोर्चा जारी रहा। यहां किसान शंभू बाॅर्डर से आने वाली कॉल का इंतजार करते रहे।
वहीं इस किसान आंदोलन को अब हरियाणा की खाप पंचायतों का भी समर्थन मिल रहा है। बता दें कि सर्वजातीय खाप पंचायत के राष्ट्रीय संयोजक व भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष टेकराम कंडेला ने अपने एक बयां में कहा है कि किसानों व अन्य सामाजिक मुद्दों को लेकर सर्वखाप, जनकल्याण मंच, किसान संगठनों के पदाधिकारी व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक 24 फरवरी को कंडेला गांव के राष्ट्रीय मुख्यालय में होगी। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे आंदोलन को लेकर चर्चा की जाएगी।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।