लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
भारत के इतिहास में लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का कद काफी ऊंचा है। “जय जवान,जय किसान” का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने देश की कृषि व्यवस्था में काफी सुधार किया। आज यानी 11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की पुण्यतिथि है, आज ही के दिन भारत के दूसरे प्रधानमंत्री और भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का ताशकंद में निधन हो गया था।
हालांकि, लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का निधन कैसे हुआ? यह प्रश्न आज भी एक रहस्य बना हुआ है। उस दिन आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके कारण भारत के सबसे योग्य प्रधानमंत्री ने हमेशा के लिए भारत को अलविदा कह डियस। आइए जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) के बारे में कुछ विशेष बातें
लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का जन्म
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के छोटी सी जगह मुगलसराय (वर्तमान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर) में हुआ था। इनके पिता का नाम शरद प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम रामदुलारी देवी था। यह जगह वाराणसी से सात मील की दूरी पर है। लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) जी के पिता एक शिक्षक और माता एक घरेलू महिला थी। मात्र डेढ़ वर्ष की आयु में ही उनके पिता का देहांत हो गया, जिसके कारण उनकी माता जी लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) एवं अन्य दो संतानों सहित अपने पिता के घर आकर रहने लगी।

पिता का साया छोटी सी उम्र में छूट जाने के बाद शास्त्री जी का जीवन बेहद कठिनाई में गुजरने लगा। शुरुआती शिक्षा-दीक्षा में दिक्कतें आने लगी, जिसके कारण उन्हें वाराणसी में उनके चाचा के घर भेज दिया गया। लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) अपने चाचा के घर रहकर उच्च शिक्षा के लिए विद्यालय जाने लगे। गरीबी इतनी थी कि उन्हें नंगे पैर ही स्कूल जाना पड़ता था, भीषण गर्मी में भी जब सड़कें आग उगलती थी तबभी लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) कई मील की दूरी नंगे पैर ही तय किया करते थे।

लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने मात्र 11 वर्ष की आयु में ही गाँधीजी से प्रेरित होकर आजादी के लड़ाई में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। जब गांधीजी ने असहयोग आंदोलन को शुरू किया तब लाल बहादुर शास्त्री की उम्र महज 16 वर्ष थी। इतनी कम उम्र में भी शास्त्री जी ने आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
वर्ष 1927 में लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की शादी मिर्जापुर की ललिता देवी के साथ हो गया। इसके बाद इनका परिवारिक जीवन शुरू हुआ। लेकिन, इसके बाद भी लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का मन आजादी की लड़ाई में ही लगा रहा। वर्ष 1930 में गांधीजी ने नमक तोड़ो आन्दोलन चलाया और दांडी मार्च किया। जिससे प्रभावित होकर लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने इसमें भी हिस्सा लिया और कई आंदोलनों के नेतृत्व किया। लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) ने पूरे 7 वर्ष जेल में बिताए, जिससे शास्त्री जी को अंदर से और मजबूत बना दिया।

वर्ष 1946 में जब कांग्रेस सरकार का गठन हुआ तो लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। आजादी के बाद उन्हें गृहमंत्री का पद दिया गया। वर्ष1951 में नई दिल्ली आ गए एवं केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला – रेल मंत्री; परिवहन एवं संचार मंत्री; वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री; गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे। उनकी प्रतिष्ठा लगातार बढ़ रही थी। एक रेल दुर्घटना, जिसमें कई लोग मारे गए थे, के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए उन्होंने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध को खत्म करने के लिए लाल बहादुर शास्त्री जी को ताशकंद में शांति संधि पर हस्ताक्षर के लिए जाना पड़ा। हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद यानी 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, उज्बेकिस्तान (तत्कालीन सोवियत संघ) में शास्त्री की मृत्यु हो गई ।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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