राममंदिर (Ram Mandir) में अवधपति विराजमान हो चुके हैं।
अयोध्या के राममंदिर (Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं का जन सैलाब हर रोज बढ़ता ही जा रहा है। राममंदिर (Ram Mandir) में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ पर मौसम का कोई भी असर देखने को नहीं मिल रहा है। कड़कड़ाती ठंड और घने कोहरे के बीच भी श्रद्धालुओं का तांता सरयू में स्नान करके रामलला के दर्शन कर रहा है। ऐसे में ठंड के मौसम में भी देश के कोने-कोने से रामभक्तों का आने का सिलसिला जारी है।
इसी क्रम में स्थानीय प्रशासन भी अयोध्या दर्शन को आ रहे हैं श्रद्धालुओं को चरणबद्ध तरीके से दर्शन करवा रहा है। जिससे अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं का अनुभव अच्छा और सुलभ हो। बताते चलें कि 22 जनवरी के बाद से अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। बल्कि, भक्तों की यह संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही हुई दिखाई दे रही है। नवनिर्मित राममंदिर (Ram Mandir) में रामलला के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से रामभक्त दर्शन के लिए आ रहे हैं।

ऐसे में राममंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट की कोशिश है कि आने वाले सभी रामभक्तों को दर्शन और पूजन सुलभ हो सके। जिसके लिए राममंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर आने वाले भक्तों के लिए उचित व्यवस्था करवा रहा है। जाहिर है कि इतने वर्षों के बाद दिव्य भव्य राममंदिर (Ram Mandir) में रामलला विराजमान हुए हैं। ऐसे में सनातन परंपरा को मानने वाले सभी लोगों में प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए अटूट श्रद्धा और आस्था देखने को मिल रही है।
राममंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट ने बनाए नए नियम
वहीं राममंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट के लिए भी सभी श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। राममंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट नियमित रूप से भगवान रामलला के दर्शन और आरती का समय बदल रहा है। जिससे ज्यादा से ज्यादा भक्तों को आसानी से रामलला के दर्शन सुलभ हो सकें। किसी भी भक्त को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार, रामलला की मंगला आरती सुबह साढ़े चार बजे और श्रृंगार आरती सुबह साढ़े 6 बजे होगी। इसके बाद सभी भक्तों को सुबह सात बजे से रामलला के दर्शन सुलभ हो पाएंगे।

इसके बाद रामलला की भोग आरती दोपहर 12 बजे, संध्या आरती शाम साढ़े सात बजे और नौ बजे रात्रि भोग करवाया जाएगा। मंदिर में रामलला की शयन आरती रात्रि 10 बजे होगी। बता दें कि राममंदिर ट्रस्ट लगातार परिवर्तन कर रहा है, जिससे आने वाले भक्तों को दर्शन आसानी से हो सके। इसी क्रम में प्रवेश द्वार की भी संख्या 2 से बढ़ाकर 6 कर दी गई है।
वहीं अयोध्या जोन के आईजी प्रवीण कुमार के अनुसार, अयोध्या में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या आ रही है। हर रोज करीब 3 लाख के आसपास भक्त दर्शन पा रहे हैं। हम सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन लगातार सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कराने में जुटा हुआ है।

पौष माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पौष पूर्णिमा कहलाती है। इस साल पौष पूर्णिमा बृहस्पतिवार को मनाई गई।पौष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सभी कष्ट और दोष दूर हो जाते हैं। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस बार पौष पूर्णिमा पर 7 ऐसे संयोग रहे। जो बेहद शुभ माने जाते हैं। इनमें गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि ,रवि योग, स्वार्थ सिद्धि, प्रीति योग और गुरु योग का सहयोग रहा।
इन शुभ संयोगों में सरयू में स्नान करने भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिली। सरयू में स्नान दान करने के बाद भक्तों का कारवां राम जन्मभूमि व हनुमानगढ़ी दर्शन करने के लिए निकल पड़ा। सबसे अधिक भक्तों की सबसे ज्यादा ललक नवनिर्मित महल में विराजित रामलला के दर्शन की रही।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
[…] राम मंदिर में भक्त दर्शन के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। वहीं इन्हें सुलभ दर्शन […]