New Year 2024: वर्ष 2023 की विदाई के साथ वर्ष 2024 का आगमन हो गया।
भारत समेत पूरे विश्व में हर वर्ष 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है। लोगों ने नए वर्ष का स्वागत आतिशबाजियों के साथ किया, वहीं कुछ लोगों ने इसे अपने अंदाज में भी मनाया। इसी के साथ लोगों ने नए साल पर नई उम्मीदों, नई ऊर्जा के साथ तय लक्ष्यों को पूरा करने के संकल्प के साथ नव वर्ष का स्वागत किया। हालांकि, सनातन संस्कृति के अनुसार भारत में नव वर्ष का प्रारंभ होलिका दहन की पहली सुबह को मनाया जाता है, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है।
दरअसल, नया साल 1 जनवरी को पहले नहीं मनाया जाता था। 1 जनवरी को नया साल 15 अक्टूबर 1582 ई से मनाया जाने लगा। इससे पहले नव वर्ष 25 मार्च या 25 दिसंबर को मनाया जाता था। नया साल 1 जनवरी को मनाने के पीछे एक कहानी है। आइए जानते हैं कि हर साल 1 जनवरी को ही नव वर्ष क्यों मनाया जाता है:
न्यू ईयर (NEW YEAR) 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता था
जनवरी से पहले पूरे विश्व में मार्च को वर्ष का पहला महीना माना जाता था। लेकिन, रोम के राजा नूमा पोंपलिस ने रोमन कैलेंडर में बदलाव किए, तभी से 1 जनवरी को हर साल नया साल मनाया जाता है। बताते चलें कि मार्च का नाम मंगल ग्रह के अंग्रेजी नाम मार्स पर रखा गया है। रोम में मंगल ग्रह को लोग युद्ध के देवता के रूप में मानते हैं। दुनिया में जो सबसे पहले कैलेंडर बनाया गया था, उसमें 10 महीने ही होते थे। प्रत्येक महीने में 31 दिन होते थे, ऐसे में कुल मिलाकर 310 दिनों का एक वर्ष होता था। इसी के साथ हर महीने में 8 सप्ताह होते थे।

ऐसा कहा जाता है कि रोमन शासक जूलियस सीजर ने ही एक बार फिर कैलेंडर में बदलाव किया। जिसमें 1 जनवरी की तारीख से नए वर्ष का शुभारंभ किया जाता है। इसके बाद एक वर्ष में 12 महीने भी किए गए। सीजर खगोलविदों से भी मिला, जिससे पता चला कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365 दिन और 6 घन्टे में पूरी करती है। जिसे ध्यान में रखते हुए सीजर ने कैलेंडर में वर्ष के दिनों को 365 कर दिया।
न्यू ईयर (NEW YEAR) रोमन कैलेंडर के अनुसार
इसके बाद पोप ग्रेगरी ने साल 1582 में सीजर कैलेंडर में लीप वर्ष को लेकर गलती खोजी थी। उस समय के धर्म गुरु सेंट बीड के अनुसार, एक वर्ष में 365 दिन, 5 घन्टे और 46 सेकंड होते हैं। इसके बाद रोमन कैलेंडर में नए सिरे से बदलाव किया गया और तभी से 1 जनवरी को नया साल मनाया जाता है।

तभी से लेकर आज तक 1 जनवरी को ही पूरे विश्व में नए साल मनाने की परंपरा शुरू हो गई। वैसे आज के दिन को लोग बड़े धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। लोग अपने परिवारों, मित्रों, रिश्तेदारों के साथ घूमने,पिकनिक मनाने के लिए बाहर जाते हैं या घर में पार्टी का आयोजन करते हैं।

वहीं कुछ लोग अपने नए रेसोल्यूशन को लेकर आगे बढ़ते हैं, जिससे पूरे साल वो अपने तय लक्ष्य के लिए मेहनत कर सकें। चूंकि, जनवरी महीने में सर्दी का भी मौसम होता है और इसमें नए साल का पड़ना भी मजेदार अनुभव होता है। सर्दी के मौसम में खाने पीने से लेकर घूमने तक के कई ऑप्शन होते हैं। जिससे लोग इस दिन को खूब जमकर सेलिब्रेट करते हैं।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।