Shafiqur Rahman Barq : संभल सीट से लोकसभा सांसद थे डा. शफीकुर्रहमान बर्क
देश के सबसे आयु के सांसद Shafiqur Rahman Barq का आज निधन हो गया। जानकारी के लिए बताते चलें कि समाजवादी पार्टी से डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करीब 57 वर्ष पहले किया था। Shafiqur Rahman Barq ने किसानों के नेता कहे जाने वाले नेता चौधरी चरण सिंह के साथ अपनी राजनीति शुरू की थी। Shafiqur Rahman Barq उत्तर प्रदेश के संभल से लोकसभा के सदस्य थे। संभल मुस्लिम आबादी होने के कारण मुस्लिम नेता के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
जब Shafiqur Rahman Barq ने अपनी राजनीति शुरू की, तभी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी देश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। बता दें कि समाजवादी पार्टी की स्थापना में डा. शफीकुर्रहमान बर्क, मुलायम सिंह यादव, चौधरी चरण सिंह,जनेश्वर मिश्रा, मोहन सिंह, आजम खां समेत कई अन्य संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल रहें।
Shafiqur Rahman Barq : देश के सबसे उम्रदराज सांसद का हुआ निधन
डा. शफीकुर्रहमान बर्क के बारे में कहा जाता है कि उन्हें किसी राजनीति दल से कोई विशेष लगाव नहीं था। यही कारण था कि डा.शफीकुर्रहमान बर्क ने एक समय सपा और बसपा से भी अलग चुनाव लड़ा। डा. शफीकुर्रहमान बर्क काराजनीतिक एजेंडा मुस्लिम राजनीति एजेंडे से ऊपर था। डा.शफीकुर्रहमान बर्क ने लोकसभा में वंदे मातरम का विरोध किया था। बताते चलें कि डा. शफीकुर्रहमान बर्क देश के सबसे ज्यादा उम्र के सांसद रहे। संभल लोकसभा सीट से सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क की आयु इस समय 94 वर्ष है। डा. शफीकुर्रहमान बर्क को उनकी लंबी आयु के लिए पीएम मोदी ने उनको बधाई दी है।

सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क के विषय में एक रोचक बात है कि उनकी आयु से जुड़ा हुआ सवाल टीवी शो ” कौन बनेगा करोड़पति” में भी पूछा गया है। दरअसल, कार्यक्रम के दौरान हॉट सीट पर बैठे अमिताभ बच्चन ने भी प्रतिभागी से सवाल पूछा था कि सबसे अधिक आयु वाले सांसद कौन हैं।
Shafiqur Rahman Barq: मुरादाबाद से भी रहे थे सांसद
डा. शफीकुर्रहमान बर्क संभल अतिरिक्त मुरादाबाद लोकसभा से भी सांसद रह चुके हैं। यही कारण है कि इस कारण उन्हें जानने वाले संभल ही नहीं बल्कि मुरादाबाद में बाखूबी पहचानते थे। डा. शफीकुर्रहमान बर्क की पहचान एक बेबाक नेता के रूप में रही है। इसी वजह से डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने संसद में चल रहे सत्र के दौरान वंदेमातरम का विरोध किया था। इस पर वह काफी समय तक मीडिया की सुर्खियों में शामिल रहे।

Shafiqur Rahman Barq: फिलिस्तीन का किया था समर्थन
डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने इजराईल और फिलिस्तीन के बीच हुए युद्ध के दौरान फिलिस्तीन का समर्थन किया था। सांसद डा. बर्क इनदिनों अपने आवास पर ही लोगों की समस्याएं सुनते और उनका निस्तारण भी करते थे। इसके लिए वह किसी भी अधिकारी से फोन पर बात करने से भी नहीं चूकते हैं।

Shafiqur Rahman Barq: डा. शफीकुर्रहमान बर्क का राजनीतिक सफर
- संभल सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क 1967 में संभल विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे।
- दो बार के विधायक महमूद हसन खां को बराबर की टक्कर दी थी, लेकिन इस दौरान जीत जनसंघ प्रत्याशी महेश कुमार को मिली थी।
- 1969 में फिर से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतरे, लेकिन इस बार भी उन्हें शिकस्त और महमूद हसन खां को जीत मिली।
- 1974 के विधानसभा चुनाव में डा. बर्क की मेहनत रंग लायी और वह संभल से विधायक बने।
- इसके बाद लगातार दूसरी बार भी डा. बर्क को विजय मिली।

- वर्ष 1995 में डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया
- वर्ष 1996 में मुरादाबाद लोकसभा से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा।
- जहां पहली बार में ही उन्होंने जीत हासिल की।
- यहां से लगातार दे बार जीत के बाद उन्हें दो बार हार का सामना करना पड़ा।
- वर्ष 2009 में बसपा से संभल लोकसभा से प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे।
- संभल सीट पर जीत भी हासिल की।
- जबकि वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी से संभल लोकसभा सांसद हैं। वैसे तो राजनीति में सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क की अपनी अलग साफ सुथरी छवि है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।