World Forestry Day 2024 : मनुष्य का जीवन जंगलों पर ही निर्भर है।
World Forestry Day 2024 मनुष्य का जीवन वृक्षों के इर्दगिर्द ही घूमता है। वृक्ष मनुष्य के जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वृक्ष आर्थिक, धार्मिक, सामाजिक, जीवन और अन्य कई तरह से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां तक कि जिस ऑक्सीजन को मनुष्य के लिए प्राणवायु समझा जाता है, वो भी हमें वृक्षों से ही प्राप्त होती है। जी हां, वृक्ष पर्यावरण से कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन को छोड़ते हैं।
वृक्ष अपनी जड़ों से मिट्टी को बांधे रखते हैं जिससे मृदा अपरदन नहीं होता है। वृक्ष, बारिश होने का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने आसपास के वृक्षों की रक्षा करें। यदि संभव हो तो खुद भी ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 21 मार्च को पूरी दुनिया में “World Forestry Day 2024” मनाया जाता है। दुनियाभर में “World Forestry Day 2024” मनाने का प्रमुख उद्देश्य पेड़ों के महत्व के विषय में जन-जागरूकता फैलाना है। दरअसल, जंगलों को बचाए रखने के लिए साल 1971 में यूरोपीय कृषि संगठन की 23वीं आम बैठक में 21 मार्च को प्रतिवर्ष ‘World Forestry Day 2024’ के रूप में मनाने का फैसला किया गया।
World Forestry Day 2024 : विश्व वानिकी दिवस 2024 थीम
दुनिया भर में हर साल 21 मार्च को “World Forestry Day 2024″ एक नई थीम पर मनाया जाता है। ऐसे में World Forestry Day 2024 की थीम ,” वन और नवाचार : बेहतर दुनिया के लिए नए समाधान है।” इस वर्ष की थीम का अर्थ है कि इस धरती पर संभव सारा जीवन किसी न किसी तरह वनों के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है।

जो जल हम ग्रहण करते हैं, जो इलाज के लिए चिकित्सा करते हैं, जो हम भोजन ग्रहण करते है , हम जिस आवास में रहते हैं। यहां तक कि हम जिस ऑक्सीजन के भरोसे जीवित हैं इन सभी का सम्बंध वनों से है। और, ऐसे में जब पूरा जीवन ही वनों पर आधारित है तो तो हम ऐसी जीवंतता से कभी इनकार नहीं कर सकते।

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने वृक्षों के महत्व और उनके प्रति जन जागरूकता फैलाने के लिए विश्व स्तर पर हर वर्ष 21 मार्च को ‘विश्व वानिकी दिवस’ मनाने के लिए अपनी रजामंदी दे दी। वानिकी के 3 महत्वपूर्ण तत्वों- सुरक्षा, उत्पादन और वन विहार के बारे में लोगों को जानकारियां देने के लिए उसी साल बाद में 21 मार्च ‘विश्व वानिकी दिवस’ के रूप में चुना गया।
World Forestry Day 2024 : जंगलों की अंधाधुंध कटाई चिंता का विषय
दरअसल, जानकारों के अनुसार, वास्तव में जंगल एक ऐसा जीवित समुदाय होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, कीट-पतंगे एक-दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं। जंगलों से मानव जीवन भी जुड़ा हुआ है। आज भी देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां पर आमजनमानस का जीवन सीधे तौर पर जंगलों से जुड़ा हुआ है। वे लोग चिकित्सा, भोजन, आवास, ईंधन के लिए जंगलों पर ही निर्भर हैं। इसीलिए जरूरी हो जाता है कि इन जंगलों की सुरक्षा की जाए और इनका बड़े स्तर पर वृक्ष लगाकर उत्पादन भी किया जाए।
हालांकि, जिस तरह से मनुष्य ने केवल अपने हित की सोचते हुए जंगलों को बड़ी मात्रा में काटा है। उससे वर्तमान समय में पर्यावरण संबंधी समस्याओं को देखा जा रहा है। इसके लिए विश्व के बड़े-बड़े पर्यावरणविदों ने भी चिंता जताते जताई है। इसी के साथ यह भी शिकायत कि है कि पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से मनुष्य ने अपने लालच की पूर्ति के लिए जंगलों का वध करना शुरू किया है, उससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर का पिघलना जैसी विकट समस्याएं शुरू हुई हैं। अगर हमने अभी भी ध्यान नहीं दिया तो समस्त प्रकृति व जीव खतरे में पड़ जाएंगे।
World Forestry Day 2024 : एक व्यस्क मनुष्य को ऑक्सीजन के लिए चाहिए इतने पेड़
एक मनुष्य के लिए जीवित रहने के लिए करीब 16 बड़े पेडों से ऑक्सीजन मिलती है। लेकिन, दिनोंदिन पेड़ों की कटाई से इनकी संख्या तेजी से कम होती जा रही है। यदि आज के समय की बात करें तो वायुमंडल से कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सीएफसी जैसी जहरीली गैसों को ग्रहण करके मनुष्य समेत अनगिनत जीवधारियों को जीवन देने वाली ऑक्सीजन देने वाले जंगल आज खुद ही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।
यदि दुनिया का हर मुनष्य केवल एक पेड़ भी अपने पूरे जीवनकाल में लगाए तो भी हम अपनी पूरी धरती को फिर से एक बार हराभरा बना सकत्व हैं। हमें यह सदा ही ध्यान देना चाहिए कि जंगल प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया गया वो अनमोल उपहार है जो हमें प्राणवायु ऑक्सीजन देता है। इसीलिए जलवायु परिवर्तन जैसी तमाम समस्याओं से बचने के लिए हमें पेड़ लगाने चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि विश्व दुनिया की आधे से ज्यादा वनस्पति, जंतु तथा कीट प्रजातियां इन्हीं ऊष्णकटिबंधीय वर्षावनों में पाई जाती हैं। लेकिन बड़ी तेजी से काटे जा रहे पेड़ों के कारण सभी का जीवन खतरे में पड़ रहा है। मानव जिस निर्ममता से पृथ्वी को जंगलविहीन कर रहा है, उसे देखकर लगता है कि आने वाले कुछ वर्षों में जंगल संग्रहालय की वस्तु बनकर रह जाएंगे। अत: हमें हर हाल में जंगलों को बचाने एवं ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने की आवश्यकता है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।