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राजेंद्र प्रसाद: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम राष्ट्रपति की जयंती पर अधिवक्ता दिवस

भारत के प्रथम राष्ट्रपति Dr. Rajendra Prasad की जयंती के मौके पर, भारतीय वकील समुदाय ने 3 दिसंबर को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन को समर्पित करके हम उनकी महानता और उनके योगदान को सलामी अर्पित करते हैं। Dr. Rajendra Prasad स्वतंत्रता संग्राम में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए सदाचार और दृढ़ संकल्प का प्रतीक थे ।

Dr. Rajendra Prasad: एक महान स्वतंत्रता सेनानी, वकील और राष्ट्रपति

Dr. Rajendra Prasad

Dr. Rajendra Prasad, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत और प्रथम राष्ट्रपति थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी प्रमुख भूमिका के लिए प्रशंसा पाई। उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना समर्पण दिखाया और भारतीय जनता को एक नए आधारभूत भूमिका में खड़ा किया।

उनका जीवन परिचय

Dr. Rajendra Prasad का जन्म बिहार के सीवान जिले में हुआ था। उनके पिता महादेव सहाय एक विद्वान थे और माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थीं। उनकी शिक्षा का आरंभ बिहार में हुआ और उन्होंने कानून में उच्च शिक्षा प्राप्त की।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

Dr. Rajendra Prasad ने स्वतंत्रता संग्राम के समय अपना अद्भुत नेतृत्व कौशल दिखाया । उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर अंग्रेज साम्राज्य के खिलाफ आवाज बुलंद की और जनता को स्वतंत्रता के लिए खड़ा किया। उनका योगदान स्वतंत्र भारत की रूपरेखा को तैयार करने में महत्वपूर्ण था, और उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

प्रथम राष्ट्रपति के रूप में योगदान

Dr. Rajendra Prasad को 1950 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाया और देश को संविधानिक संरचना की दिशा में मार्गदर्शन किया। उनका योगदान राष्ट्र के निर्माण में अविस्मरणीय रहा है।

आदर्श नेता और व्यक्तित्व

Dr.राजेंद्र प्रसाद ने अपने आदर्श नेतृत्व और सजीव विचारशीलता के लिए अपने समय के साथ चर्चा में रहे हैं। उनकी संविधानिक संरचना में योजना बनाने और उसे अमल में लाने में उनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

समर्पण और सेवाभाव

उनका जीवन समर्पण और सेवाभाव का परिचायक है। उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया और देश को एक समृद्धि शाली और सामरिक दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रेरित किया।

समापन में

इस अद्भुत अधिवक्ता दिवस पर, हम सभी भारतीयों को Dr. Rajendra Prasad के उदाहरण का आदर करने और उनके योगदान को समझने के लिए प्रेरित होना चाहिए। उनकी जयंती पर, हमें उनकी महानता को याद करके भारतीय समाज को मजबूती और एकता की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। Dr. Rajendra Prasad के समर्थन में उठाए गए इस विशेष दिन को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाना हमारे समाज की सामूहिक उन्नति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

 

Amritesh Kumar Mritunjay
Advocate High Court Lucknow

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