इंदौर की स्वच्छता: देश में लगातार छह बार स्वच्छता का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाला इंदौर शहर एक मिसाल है। इस शहर की स्वच्छता की कहानी में कई कारक शामिल हैं, जिनमें मीडिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
इंदौर की स्वच्छता का इतिहास:
इंदौर की स्वच्छता का इतिहास 223 साल पुराना है। 1800 में इस शहर के तत्कालीन शासक राजा यशवंत राव होलकर ने शहर में स्वच्छता के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने शहर में नालियों का निर्माण करवाया, कचरा निपटान की व्यवस्था की और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया।
1810 में फैली प्लेग महामारी ने इंदौर की स्वच्छता पर पुनः ध्यान केंद्रित किया। इस महामारी ने शहर में भारी तबाही मचाई और हजारों लोगों की जान ली। महामारी के बाद शहर में स्वच्छता के उपायों को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया गया।
स्वतंत्रता के बाद भी इंदौर की स्वच्छता को लेकर लगातार प्रयास जारी रहे। 1970 के दशक में शहर में स्वच्छता अभियान को एक नया आयाम मिला। इस अभियान में स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इस अभियान ने इंदौर की स्वच्छता को और अधिक बढ़ावा दिया। अभियान के तहत शहर में कई नए स्वच्छता पहल शुरू किए गए।
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मीडिया की भूमिका:
इंदौर की स्वच्छता में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। मीडिया ने इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाया और लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा की।
मीडिया ने स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए। उन्होंने लोगों को कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक स्थानों की सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में बताया।
मीडिया ने स्वच्छता अभियान में शामिल लोगों की कहानियों को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया। इन कहानियों ने लोगों को प्रेरित किया और उन्हें स्वच्छता के प्रति और अधिक जागरूक बनाया।
अन्य कारक:
इंदौर की स्वच्छता में कई अन्य कारकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें शामिल हैं:
- सरकार का समर्थन: सरकार ने इंदौर की स्वच्छता के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन योजनाओं और कार्यक्रमों ने शहर की स्वच्छता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- लोगों का सहयोग: इंदौर के लोगों ने स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। उन्होंने घरों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई में अपना योगदान दिया है।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: इंदौर में स्वच्छता के लिए प्रौद्योगिकी का भी उपयोग किया गया है। शहर में स्वच्छता के लिए कई आधुनिक उपकरण और मशीनें तैनात की गई हैं।
इंदौर की स्वच्छता एक सफलता की कहानी है। इस कहानी में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। मीडिया ने इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाया और लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा की। इसके अलावा, सरकार का समर्थन, लोगों का सहयोग और प्रौद्योगिकी का उपयोग भी इंदौर की स्वच्छता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।

Pradeep Saini
प्रदीप कुमार सैनी
आप उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के रहने वाले हैं। आपने कानपुर के C.S.G.M विश्विद्यालय से Biochemistry में Msc किया है। व GD verma IIT, JEE institute , Allen Plus Institute ,Pace IIT JEE Institute , Vedanta IIT JEE Istitute जैसे कोचिंग संस्थान में Chemistry Faculty के रूप में काम किए हैं।
आप THE HIND MANCH में संपादक के रूप में जुड़े हैं।