नीतीश कुमार बिहार के नौवीं बार मुख्यमंत्री बन गए हैं।
नीतीश कुमार ने अपनी नई सरकार बीजेपी के समर्थन में बनाई है। आज नीतीश कुमार ने पिछले कई दिनों से चली आ रही चर्चाओं को विराम दे दिया। नीतीश कुमार ने अपनी 2 साल पुरानी दोस्ती लालू यादव के साथ तोड़ दी। जी हां, नीतीश कुमार ने राजद के साथ छोड़ एनडीए का दामन एक बार फिर पकड़ लिया है। नीतीश कुमार ने आज सुबह अपने दल के विधायकों के साथ बैठक करके बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इसके बाद बीजेपी का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपते हुए नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। इसके बाद शाम होते-होते मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेली। नए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दो नए डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली। बीजेपी की तरफ से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाया गया है।

बिहार के नए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी शकुनी चौधरी के बेटे हैं। बिहार की राजनीति में शकुनी चौधरी बड़ा नाम रहे हैं। समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शकुनी चौधरी भी एक हैं। बिहार में कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं में शकुनी चौधरी शुमार किए जाते हैं। अब सम्राट चौधरी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
बिहार विधानसभा में भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के चार विधायक हैं। 243 सदस्य विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 आंकड़े से पांच ज्यादा है।

शपथ लेने वालों में डॉक्टर प्रेम कुमार,विजय चौधरी, विजेंद्र यादव,श्रवण कुमार, संतोष कुमार सुमन, और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने मंत्री के रूप में शपथ ली है। एनडीए के घटक दल HAM के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन उर्फ संतोष मांझी ने भी पद की शपथ ली। मांझी पिछले तीन दिन से काफी चर्चा में थी उनकी पार्टी से चार विधायक हैं। निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 2020 के विधानसभा चुनाव में सुमित कुमार सिंह निर्दलीय विधायक चुने गए थे। इसके बाद वह एनडीए सरकार में मंत्री बने। फिर महा गठबंधन सरकार में भी मंत्री बने। अब फिर से एनडीए 2.0 में भी मंत्री हैं।
नीतीश कुमार पिछले 23 सालों से ऐसे बने सीएम
नवंबर 2005, में नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल की बिहार में पंद्रह साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका। इसके बाद नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हुई। वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों के आधार पर वे भारी बहुमत से अपने गठबंधन को जीत दिलाने में सफल रहे, और नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बने।
2014 में उन्होनें अपनी पार्टी की संसदीय चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया उनकी मनसा थी कि जीतन राम मांझी उनके निर्देश पर हर एक काम करें परंतु जीतन राम मांझी अपने तरीके से सरकार चलाने लगे इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री के पद से हटाया। 2015 में महागठबंधन बनाया जिसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई ।
2017 में महागठबंधन छोड़कर भाजपा के साथ चले गए और पुनः सरकार का गठन किया जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने रहे। 2019 का लोकसभा चुनाव और 2020 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार लड़े और लगातार मुख्यमंत्री बने रहे ,परंतु 2022 में नीतीश कुमार पलटी मारते हुए राष्ट्रीय जनता दल के साथ जाकर सरकार बना लिया और मुख्यमंत्री बने रहे, आज के राजनीतिक हलचल के अनुसार यह तय माना जा रहा है कि 2024 में एक बार फिर नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।