Lok Sabha Election 2024 : सपा ने काशी में खेला बड़ा दांव
कांग्रेस से किनारा करने के बाद अब समाजवादी पार्टी ने आगामी Lok Sabha Election 2024 के लिए लड़ाई और तेज कर दी है। जहां उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा में बात नहीं बनती दिख रही है। वहीं अब सपा ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने शुरू कर दिए हैं। सपा ने कांग्रेस को 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीट देकर कह दिया, की आगे कांग्रेस की मर्जी है। अब उन्हें तय करना है कि गठबंधन में रहना है या नहीं। मिली जानकारी के अनुसार, सपा ने पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए वाराणसी लोकसभा सीट से सुरेंद्र पटेल पर दांव खेला है।
दरअसल, संसदीय सीट वाराणसी पर सपा ने सुरेंद्र पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वह यहां से सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ताल ठोकेंगे। सपा ने पीएम मोदी के खिलाफ तीन बार के विधायक रहे सुरेंद्र पटेल पर भरोसा जताया है तो सुरेंद्र पटेल इसका कारण है उनका जमीनी नेता होना। वह अखिलेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।

सुरेंद्र पटेल 2002 में गंगापुर विधानसभा क्षेत्र से अपना दल से विधायक बने थे। 2003 में विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग में राज्य मंत्री बने। बसपा सरकार में संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष बने। बसपा में उनका अधिक मन नहीं लगा। 2007 में सपा से रोहनिया से विधायक चुने गए। नए परिसीमन में 2012 में सेवापुरी से चुनाव जीते। अखिलेश सरकार में वह लोक निर्माण व सिंचाई मंत्री जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभाला। 2017 व 2022 विन में वह भाजपा-अपना दल गठब चुनाव हार गए। 2014 में रोहनि सीट से विधायक अनुप्रिया पटेल से सांसद बन गईं तो सुरेंद्र भाई महेंद्र पटेल को मैदान में एनडीए से छीन ली।
सुरेंद्र पटेल राजातालाब तहसील के बीरभानपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी पटेल और पिछड़ी बिरादरी में अच्छी पकड़ है।वाराणसी सीट के अंतर्गत आने वाली सेवापुरी सीट पटेल बिरादरी बाहुल्य है। वहीं अगर शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के पटेलों की संख्या तीन लाख बैठती है।
Lok Sabha Election 2024 : कौन हैं सुरेंद्र पटेल
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में संसदीय सीट वाराणसी पर सपा से सुरेंद्र पटेल की दावेदारी मजबूत है। इसके पीछे कारण सुरेंद्र पटेल के जमीनी जातीय समीकरण, और कार्यकर्ताओं की भी सहमति है। सुरेंद्र पटेल की पटेल और पिछड़ी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। वाराणसी सीट के अंतर्गत आने वाली सेवापुरी और रोहनियां सीट पटेल बिरादरी बाहुल्य है। शहर उत्तरी के पटेलों को मिला दिया जाए तो संख्या तीन लाख बैठती है। इसमें अगर सपा के कैडर वोट मिला दिया जाए तो सुरेंद्र पटेल अच्छी लड़ाई लडेंगे। पखवारे पूर्व लखनऊ में वाराणसी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांचों विधानसभा क्षेत्रों के पदाधिकारियों की अखिलेश के साथ बैठक हुई।

सभी ने सर्वसम्मति के साथ सुरेंद्र पटेल को मोदी के खिलाफ सबसे मजबूत प्रत्याशी बताया था। वहीं अखिलेश ने सुरेंद्र पटेल को प्रभारी भी नियुक्त किया था। जानकारी के लिए बता दें कि सुरेंद्र पटेल की दावेदारी इसीलिए भी मजबूत बताई जा रही है क्योंकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को बलिया और वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा के भदोही से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है।

बता दें कि सुरेंद्र पटेल 2002 में गंगापुर विधानसभा क्षेत्र से अपना दल व 2007 में सपा से विधायक चुने गए। नए परिसीमन में वह 2012 में सेवापुरी से चुनाव जीते। वह लोक निर्माण व सिंचाई मंत्री जैसे बड़े पदों पर रहे। 2017 में भाजपा-अद गठबंधन प्रत्याशी से चुनाव हार गए। एक समय सुरेंद्र पटेल बसपा में भी गए थे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें संस्कृति आयोग के अध्यक्ष का दर्जा प्राप्त मंत्री पद दिया था।
Lok Sabha Election 2024 : शिवपाल यादव लड़ेंगे बदायूं से लोकसभा चुनाव
सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव अब बदायूं Lok Sabha Election 2024 सीट से चुनाव लड़ेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर चाचा को दे दिया है। धर्मेंद्र को आजमगढ़ व कन्नौज दोनों ही लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है। माना जा रहा है कि इनमें से सकते हैं। सपा ने मंगलवार को पांच प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की है। सपा के अब तक कुल 31 प्रत्याशी मैदान में आ गए हैं।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।