Akhilesh Yadav : अखिलेश यादव ने मीडिया को भी सुनाया
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने गुरुवार को सीबीआइ की नोटिस को लेकर कहा मैंने उसका जवाब दे दिया है। जवाब में क्या लिखा है यह आपको (मीडिया) बताने की जरूरत नहीं है। लीक करने का काम तो भाजपा करती है। जिसने आपको नोटिस के बारे में बताया है, उन्हीं से जवाब के बारे में भी पूछ लीजिए।
सपा मुखिया ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर प्रकोष्ठों की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि की मुझसे बेहतर आप जानते हो, यह शुरू पहली बार नहीं है जब सीबीआइ क्यों बुला रही है। याद करिए नेताजी (मुलायम सिंह यादव) और हमारे परिवार को कितने दिन सीबीआइ के अंडर रहना पड़ा था।

अगर आप राजनीति कर रहे हैं और पीडीए की लड़ाई लड़ रहे हैं तो इन सब चीजों का सामना करना पड़ेगा। दस वर्ष से सरकार चलाने के बाद भी ये घबराए – हुए लोग हैं। अखिलेश यादव ने कहा की बीजेपी इस समय सबसे ज्यादा कमजोर है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रही है। जब बीजेपी आप विधायकों को पैकेज दे सकते हैं तो जनता को पैकेज क्यों नहीं दे सकते हैं।
Akhilesh Yadav : भाजपा के हथकंडों से हम नहीं डरते : डिंपल यादव
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि भाजपा ईडी, सीबीआइ का दुरुपयोग कर रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे गए समन लेकर कहा कि यह पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं है। चुनाव के समय ही भाजपा द्वारा ऐसे हथकंडे अपनाए जाते हैं, लेकिन इससे हम लोग डरने वाले नहीं हैं। सपा कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के दौरान राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई क्रास वोटिंग के सवाल पर डिंपल यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन चुनाव लड़ने जा रहा है और प्रदेश में सपा- कांग्रेस दोनों ही मजबूत स्थिति में है।
Akhilesh Yadav : क्या है मामला
दरअसल, वर्ष 2019 में सपा शासन में हुए अवैध खनन घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें वर्ष 2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला (तत्कालीन डीएम हमीरपुर) और विधान परिषद सदस्य रमेश मिश्रा समेत 11 नामजद आरोपियों समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर लिख कर जांच शुरू की थी। जांच की कड़ी में वर्ष 2019 में सीबीआई ने डीएम चंद्रकला के लखनऊ के आवास समेत अन्य जिलों में खनन विभाग के कर्मचारियों व ठेकेदारों के 14 ठिकानों पर भी छापेमारी भी की थी। जिसमें प्रयागराज हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने हमीरपुर, शामली, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थ नगर और अन्य जिलों में वर्ष 2012 से 2016 में जहां-जहां बी चंद्रकला की सेवा रही , वहां-वहां जांच हुई।

दरअसल, बताते चलें कि उस समय आरोप लगाया गया था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कविरुद्ध (एनजीटी) के प्रतिबंध के बाद भी हमीरपुर में कई स्थानों पर खनन किया गया था। सीबीआई जांच में सामने आया था कि उस समय की डीएम रही बी. चंद्रकला ने अपने वर्ष 2012 से 2014 तक कार्यकाल में खनन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर 50 से ज्यादा खनन के पट्टे बिना किसी नियम के पालन के जारी कर दिए थे।
बिना किसी टेंडर निकाले पट्टे दिए गए और पुराने पट्टों की समय सीमा भी बढ़ाई गई। सीबीआई ने अपनी जांच में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के इस घोटाले में शामिल होने के भी संकेत मिले।
सीबीआई ने अपनी जांच में यह भी पाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय ने 17 फरवरी 2013 को ई-निविदा नीति का उल्लंघन करके एक ही दिन में 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। वर्ष 2013 में उनकी जगह गायत्री प्रजापति ने खनन मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, जिन्हें चित्रकूट निवासी एक महिला द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद 2017 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।