Airtel की तारा से भारत में मिलेगा हाई स्पीड इंटरनेट
भारत में इंटरनेट की पहुंच लगातार बढ़ रही है। लेकिन, अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कि मोबाइल टॉवर लगाने की लागत, खराब मौसम में इंटरनेट की सेवा में बाधा, और सैटेलाइट इंटरनेट की महंगी कीमत।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए, भारत की प्रमुख दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने एक नई टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसका नाम है “तारा”। यह टेक्नोलॉजी लेजर बीम का उपयोग करके हवा से इंटरनेट पहुंचाती है।
Bharti Airtel और गूगल की साझेदारी से भारत में एक नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है। इस टेक्नोलॉजी का नाम “तारा” है। तारा एक लेजर-आधारित इंटरनेट टेक्नोलॉजी है, जो बिना तार के इंटरनेट पहुंचाने में सक्षम है।
तारा टेक्नोलॉजी में टॉवर या सैटेलाइट की जरूरत नहीं होती है। इसमें दो स्टेशनों के बीच लेजरबीम का इस्तेमाल किया जाता है। इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी 20 किलोमीटर तक हो सकती है। तारा टेक्नोलॉजी की मदद से दूर-दराज के इलाकों तक भी 4G और 5G इंटरनेट पहुंचाया जा सकता है।

तारा टेक्नोलॉजी के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह मोबाइल टॉवर लगाने की लागत को कम करती है। इसके अलावा, यह खराब मौसम में भी इंटरनेट की सेवा को सुचारू रखती है। और, यह सैटेलाइट इंटरनेट की तुलना में काफी सस्ती है।
Airtel ने तारा टेक्नोलॉजी का परीक्षण भारत के कई क्षेत्रों में किया है। इन परीक्षणों में, यह देखा गया है कि तारा टेक्नोलॉजी हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करने में सक्षम है।
Airtel का लक्ष्य है कि तारा टेक्नोलॉजी का उपयोग करके भारत के सभी दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच प्रदान की जाए।
Airtel की तारा टेक्नोलॉजी के लाभ:
- मोबाइल टॉवर लगाने की लागत कम होती है।
- खराब मौसम में भी इंटरनेट की सेवा सुचारू रहती है।
- सैटेलाइट इंटरनेट की तुलना में सस्ती होती है।
तारा टेक्नोलॉजी के लिए चुनौतियां:
- लेजर बीम को खराब मौसम से बचाना एक चुनौती है।
- लेजर बीम को लंबी दूरी तक भेजना एक चुनौती है।
निष्कर्ष:
तारा टेक्नोलॉजी भारत में इंटरनेट की पहुंच को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह टेक्नोलॉजी मोबाइल टॉवर लगाने की लागत को कम करने, खराब मौसम में इंटरनेट की सेवा को सुचारू रखने, और सैटेलाइट इंटरनेट की तुलना में कम कीमत पर हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करने में सक्षम है।
Airtel ने तारा टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया है और यह इस टेक्नोलॉजी के काम करने की क्षमता से संतुष्ट है। Airtel का लक्ष्य है कि तारा टेक्नोलॉजी का उपयोग करके भारत के सभी दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच प्रदान की जाए।
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