Lok Sabha Election 2024 : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का बड़ा एलान
आगामी Lok Sabha Election 2024 को लेकर जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है। सभी राजनीतिक दल अपनी पकड़ वोटरों के बीच मजबूत करना चाहते हैं। बता दें कि देश की संसद में सत्तारूढ़ पार्टी एनडीए को चुनाव में पटखनी देने के लिए कांग्रेस, सपा, राजद जैसे अन्य छोटे-बड़े दलों को मिलाकर इंडिया गठबंधन बना। अब जब Lok Sabha Election 2024 की तारीखें नजदीक आ रही है वैसे-वैसे इंडिया गठबंधन भी अपने प्रत्याशियों के नाम सामने ला रहा है।
इसी कड़ी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबसे बड़ी सीट वाराणसी लोकसभा में अपने प्रत्याशी का एलान कर दिया है। बता दें कि गुरुवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव वाराणसी में थे। इस दौरान जब उनसे पत्रकारों ने पूछा कि ,” इंडिया गठबंधन से कौन नेता वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है। तो, इसके सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वाराणसी से पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी पूर्व मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र पटेल होंगे।

कांग्रेस को 20 सीट देने के प्रश्न पर अखिलेश ने कहा कि जो मजबूत होगा वह लड़ेगा। मूड ऑफ नेशन में सपा को सात सीट मिलने पर मीडिया को ही कटघरे में खड़ा किया और कहा मूड आप कैसे तय कर सकते हैं? राम मंदिर में दर्शन के लिए जाने के प्रश्न पर कहा कि बीजेपी के घर के धार्मिक नेता के घर का मंदिर देखकर आओ। हम भी अपना मंदिर दिखाएंगे।

जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने के सवाल पर कहा, भाजपा दलों को तोड़ना जानती है। किसे कब लेना है, कब खरीदना है, किस पत्रकार का कब मुंह बंद करना है। बीजेपी बेईमानी करना भी जानती है। किसके पास ईडी, सीबीआई, आईटी भेजना है, बीजेपी को अच्छे से पता है।
Lok Sabha Election 2024 : कौन हैं सुरेंद्र पटेल?
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में संसदीय सीट वाराणसी पर सपा से सुरेंद्र पटेल की दावेदारी मजबूत है। इसके पीछे कारण सुरेंद्र पटेल के जमीनी जातीय समीकरण, और कार्यकर्ताओं की भी सहमति है। सुरेंद्र पटेल की पटेल और पिछड़ी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। वाराणसी सीट के अंतर्गत आने वाली सेवापुरी और रोहनियां सीट पटेल बिरादरी बाहुल्य है। शहर उत्तरी के पटेलों को मिला दिया जाए तो संख्या तीन लाख बैठती है। इसमें अगर सपा के कैडर वोट मिला दिया जाए तो सुरेंद्र पटेल अच्छी लड़ाई लडेंगे। पखवारे पूर्व लखनऊ में वाराणसी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांचों विधानसभा क्षेत्रों के पदाधिकारियों की अखिलेश के साथ बैठक हुई।

सभी ने सर्वसम्मति के साथ सुरेंद्र पटेल को मोदी के खिलाफ सबसे मजबूत प्रत्याशी बताया था। वहीं अखिलेश ने सुरेंद्र पटेल को प्रभारी भी नियुक्त किया था। जानकारी के लिए बता दें कि सुरेंद्र पटेल की दावेदारी इसीलिए भी मजबूत बताई जा रही है क्योंकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को बलिया और वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा के भदोही से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है।
बता दें कि सुरेंद्र पटेल 2002 में गंगापुर विधानसभा क्षेत्र से अपना दल व 2007 में सपा से विधायक चुने गए। नए परिसीमन में वह 2012 में सेवापुरी से चुनाव जीते। वह लोक निर्माण व सिंचाई मंत्री जैसे बड़े पदों पर रहे। 2017 में भाजपा-अद गठबंधन प्रत्याशी से चुनाव हार गए। एक समय सुरेंद्र पटेल बसपा में भी गए थे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें संस्कृति आयोग के अध्यक्ष का दर्जा प्राप्त मंत्री पद दिया था।
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अखिलेश यादव ने विधानसभा में सीएम योगी के कौरव-पांडव पर भी जवाब दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को तय करना होगा, कौरव और पांडव कौन है? महंगाई, बेरोजगारी पर भाजपा को घेरते हुए उन्होंने कहा कि नौजवान इजराइल वार जोन में नौकरी करने जा रहा है। पढ़े-लिखे नौजवानों को डिलीवरी ब्वाय बना रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी के पांडव द्वारा पांच गांव मांगने के प्रश्न पर अखिलेश ने कहा कि वह संविधान से बंधे हैं। उन्हें सदन में ऐसी बात नहीं करनी चाहिए। यह तय करना होगा कि कौरव कौन है और पांडव कौन है। हमने भी महाभारत पढ़ी है कौरवों की संख्या ज्यादा थी और भाजपा कहती है वह सबसे बड़ी पार्टी है।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।