नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलने की तैयारी में हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले हैं। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच अनबन की खबरें आ रही थी। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी कि बिहार में दोबारा सत्ता पलटने वाली है। जिसपर आज सुबह मुहर भी लग गई।
दरअसल, आज सुबह बिहार की राजधानी पटना में जदयू दल की बैठक में नीतीश कुमार ने अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के एलान कर दिया। इसके बाद तुरंत ही नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने के लिए निकल गए हैं। और, आज ही बीजेपी के समर्थन से बिहार में एक बार एनडीए की सरकार बनाने वाले हैं। अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार बिहार के लगातार नौवें मुख्यमंत्री बन जाएंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सुबह 10 बजे जदयू विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद वह राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। मिली खबर के अनुसार, नीतीश कुमार एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार का गठन करने वाले हैं। जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दो उपमुख्यमंत्री बीजेपी के तरफ से होंगे। माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष भी बीजेपी का ही होगा।
नीतीश कुमार ने 18 महीने के भीतर मारी दूसरी बार पलटी
नीतीश कुमार आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा के साथ नई सरकार बनाने जा रहे हैं। ऐसे में नीतीश कुमार 18 महीने के भीतर वह दूसरी बार पाला बदलेंगे। नीतीश ने अगस्त 2022 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई थी। तब उन्होंने भाजपा पर जदयू को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए रविवार को राज्यपाल सचिवालय को खोलने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले ही करीबी सहयोगियों को अपने अगले कदम के बारे में बता दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी समारोह में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, शाह पश्चिम बंगाल के दो दिन के दौरे पर जाने वाले थे, जिसे रद्द कर दिया गया है। भाजपा के और भी कई नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना है।

नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद अब इंडिया गठबंधन भी खतरे में हैं। नीतीश कुमार ही एक ऐसा फेस थे जिन्होंने गठबंधन के तमाम नेताओं को एक साथ लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। ऐसे में कांग्रेस,सपा और अन्य गठबंधन के घटक दलों में हलचल तेज हो गई है। जहां नीतीश के इस फैसले से लालू की बेटी ने तंज कस्ते हुए कहा है कि “कूड़ा गया फिर एक बार कूड़ेदान में “., वहीं कांग्रेस के बड़े नेता जयराम रमेश ने उन्हें गिरगिट तक कह दिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमें पहले से पता था कि नीतीश कुमार पाला बदलने वाले हैं।

इस बात जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया कि आखिर राजद के साथ क्या दिक्कत थी, ” तो उन्होंने बताया कि वहां कुछ भी ठीक नहीं नहीं चल रहा था। आज सुबह जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि कांग्रेस की वजह से यह गठबंधन टूटा है। कांग्रेस नहीं चाहती कि क्षेत्रीय दलों को विकसित करें। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो क्षेत्रीय दलों के विकास का रोड़ा बनी हुई है। राहुल गांधी का कोई स्पष्ट मत नहीं है, वह एक बार आते हैं। और 4 महीने के लिए गायब हो जाते हैं।

हालांकि, केसी त्यागी ने वार्ता में बिहार को लेकर कोई स्पष्ट मत नहीं दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या राजद के साथ कोई समस्या थी तो बताया कि हां समस्या थी। और जब उनसे पूछा गया कि क्या यह गठबंधन केवल लोकसभा के चुनाव तक ही रहने वाला है, कि आगे भी रहेगा? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नहीं यह एनडीए का साथ लोकसभा और आने वाले विधानसभा के चुनाव में भी रहने वाला है।
खबरों से अपडेट रहने के लिए जुड़ें :-

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
[…] बिहार विधानसभा में भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के चार विधायक हैं। 243 सदस्य विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 आंकड़े से पांच ज्यादा है। […]
[…] में नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ मिल जाना अन्य दलों के […]