PM Modi : इतिहास रचने की ओर पीएम मोदी
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हर राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में लग चुका है। नए-पुराने संबंधों को ताजा किया जा रहा है, गठबंधनों का दौर शुरू हो चुका है। हर दल आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी पैठ वोटरों में बनाना चाहता है। वहीं इस बार यदि PM Modi तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो वो ऐसा करने वाले गैर-कांग्रेसी पहले राजनेता होंगे। जिन्हें पहली बार लोकसभा चुनाव में बीते 62 वर्षो में पंडित नेहरू के अलावा किसी प्रधानमंत्री को तीन बार लगातार जनादेश मिलेगा।
वहीं इस बार 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को मिले रिकॉर्ड बहुमत से आगे निकलकर नए रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में बीजेपी रहने वाली है। जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 1977 में चुनाव के हार के बाद इंदिरा गांधी की लगातार तीसरी बार पीएम बनने की राह पर विराम लगा दिया था। आइए जानते हैं यदि इस बार PM Modi दिल्ली की गद्दी पर बैठते हैं तो उनके नाम कई अन्य रिकॉर्ड जुड़ जाएंगे:

पिछले दस वर्षों में PM Modi कई ऐसे चौंकाने वाले निर्णय लेते रहे हैं, जिन्हें लगभग असंभव माना जाता रहा था। अब जब वह प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी पारी के लिए मैदान में खड़े हैं तो सामने एक कीर्तिमान है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को छोड़कर कोई लगातार तीसरी बार नहीं जीत पाया है, लेकिन PM Modi का खुद का विश्वास इतना प्रबल है और राजनीतिक माहौल उनके लिए इतना सकारात्मक है कि फिलहाल यह पड़ाव दूर नहीं दिख रहा है।
इसके अतिरिक्त इस बार PM Modi के नेतृत्व में राजग वर्ष 1984 में कांग्रेस को मिलीं 415 सीटों के कीर्तिमान से भी आगे निकलने की कोशिश कर सकता है। उस समय कांग्रेस को 48:5 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे और इस बार भाजपा इससे आगे निकलने की तैयारी करती नजर आ रही है।
PM Modi : पीएम मोदी तोड़ देंगे नेहरू का रिकॉर्ड
देश में हुए अब तक के 17 लोकसभा चुनावों में नेहरू के अलावा किसी प्रधानमंत्री को लगातार तीसरी बार जनादेश में नहीं मिला है। नेहरू के नेतृत्व में हुए कांग्रेस 1952, 1957, 1962 लोकसभा चुनाव जीती। इसी बीच वर्ष 1964 में नेहरू के देहांत के बाद लाल बहादुर शास्त्री पीएम बने। वर्ष 1966 में उनके देहांत के बाद इंदिरा गांधी ने देश की बागडोर संभाली।

वर्ष 1977 में जनता सरकार सत्ता में पीएम बने मोरारजी देसाई की सरकार 1979 में गिर गई। 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी को तीसरी पारी जरूर मिली, मगर तीन वर्ष के विराम के बाद। अक्टूबर 1984 में 1977 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव लगातार गांधी पीएम बने और वर्ष 1984 के आम चुनाव में अब तक के रिकार्ड बहुमत 415 सीटों के साथ सत्ता हासिल की। हालांकि वर्ष 1989 के आम चुनाव में राजीव गांधी को पीएम के तौर पर लगातार दूसरी पारी नहीं मिल पाई। जनता दल नेता वीपी सिंह भाजपा और वाम दलों के समर्थन से पीएम बने, 1984 के लेकिन 11 महीने में ही यह सरकार गिर गई।
उनके स्थान पर कांग्रेस के बाहरी समर्थन से चंद्रशेखर की सरकार बनी, जो चार महीने रही। वर्ष 1991 में चुनाव के दौरान कांग्रेस के पीएम उम्मीदवार राजीव गांधी की हत्या हो गई। तब चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पीवी नरसिंह राव पीएम बने। वर्ष 1996 के चुनाव में चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला तो सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 13 दिन की भाजपा सरकार बनी जो बहुमत नहीं जुटा पायी।

फरवरी-मार्च 1998 में चुनाव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने और भाजपा के नेतृत्व में 24 पार्टियों के राजग गठबंधन की पहली सरकार बनी मगर अप्रैल 1999 में 13 महीने में ही अटल बिहारी वाजपेयी सरकार एक वोट से बहुमत खो बैठी। 1999 के सितंबर-अक्टूबर में हुए चुनाव और अटल बिहारी वाजपेयी बतौर पीएम लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटे। वर्ष 2004 के चुनाव में उतरी भाजपा-एनडीए के साथ वाजपेयी को भी इसमें निराशा हाथ लगी और लगातार तीसरी पारी की राह नहीं खुली।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।