Start of google : मतलब एक नए युग की शुरुआत
start of google
आज, गूगल एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर हर कोई सीधे ही इंटरनेट की दुनिया की ओर मुड़ जाता है. यह दुनियाभर में सवालों के जवाब ढूंढ़ने का माध्यम बन चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिग्गज कंपनी का आरंभ कैसे हुआ और इसका नाम कहां से आया?
start of google : स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में
start of google 1995 में स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी. लैरी पेज ने अपनी ग्रेजुएशन की तैयारी करते समय छात्र Sergey Brin को अपनी कैंपस दिखाने के लिए कहा था. इस पहले मुलाकात में दोनों के बीच बड़ी अद्वितीयता थी, लेकिन एक साल के भीतर उन्होंने मिलकर एक-दूसरे के साथ पार्टनरशिप कर ली. इस ताजगी और उत्साह से उन्होंने एक सर्च इंजन बनाया, जो बाद में लोगों की जिंदगी में बदलाव की दिशा में कामयाब हुआ.
गूगल नाम का राज
जब इस google सर्च इंजन को शुरुआत में बनाया गया, तो उसका नाम “Backrub” था. लेकिन बाद में इसे बदलकर “Google” रखा गया. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि गूगल का नाम कहां से आया है. इसका रहस्य है गूगल के संस्थापकों लेरी पेज और Sergey Brin के साथी बनने के पहले ही उन्होंने एक नए शब्द का चयन किया था.
1920 में अमेरिकी गणितज्ञ Edward Kasner ने अपने भांजे Milton Sirotta को ऐसी संख्या के लिए नाम चुनने के लिए कहा, जिसमें 100 शून्य मौजूद हों. Sirotta ने “googol” नाम सुझाया, जिसे Kasner ने अपनी किताब में इस्तेमाल किया. इस शब्द का मतलब है 1 जिसके बाद 100 शून्य हों. 1998 में, जब लेरी पेज और Sergey Brin ने इस कंपनी की शुरुआत की, तो उन्होंने इसे बहुत बदलाव के साथ “Google” रखा. इसमें उनका उद्देश्य था दुनियाभर की जानकारी को एक स्थान पर एकत्र करना.
Google का फ़ुल फ़ॉर्म
Google को आम तौर पर Google के नाम से जाना जाता है. यह एक शक्तिशाली मंच है जिसने जानकारी तक पहुंचने, दूसरों से जुड़ने और डिजिटल परिदृश्य को नेविगेट करने के तरीके में क्रांति ला दी है। google का फुल फॉर्म:- ग्लोबल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ ओरिएंटेड ग्रुप लैंग्वेज ऑफ़ अर्थ (Global Organisation of Oriented Group Language of Earth) है।
उच्चतम निवेश से शुरुआत
start of google सिलिकॉन वैली के निवेशकों के साथ हुई. अगस्त 1998 में, कंपनी के सह-संस्थापक Andy Bechtolsheim ने लेरी पेज और Sergey Brin को 1 लाख अमेरिकी डॉलर का चेक दिया, जिससे गूगल इंक की आधिकारिक शुरुआत हुई. इस निवेश के साथ, गूगल की टीम ने अपने पहले दफ्तर में शिफ्ट होने का निर्णय किया. कंपनी का पहला दफ्तर कैलिफोर्निया के सबअर्बन मैन्लो पार्क में था, जिसका मालिकाना Susan Wojcicki के पास था, जो बाद में यूट्यूब के सीईओ बनीं हैं.
इस प्रकार, Start of google से लेकर आज के दिन तक एक अद्वितीय यात्रा तय की है. यह कंपनी न केवल एक Search engine है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में नए मील के कदम भी बढ़ाती रही है. गूगल की कहानी हमें यह सिखाती है कि सही समय, सही विचार और सही नाम का चयन करने से किसी भी चीज को महत्वपूर्ण और सफल बनाया जा सकता है.

Pradeep Saini
प्रदीप कुमार सैनी
आप उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के रहने वाले हैं। आपने कानपुर के C.S.G.M विश्विद्यालय से Biochemistry में Msc किया है। व GD verma IIT, JEE institute , Allen Plus Institute ,Pace IIT JEE Institute , Vedanta IIT JEE Istitute जैसे कोचिंग संस्थान में Chemistry Faculty के रूप में काम किए हैं।
आप THE HIND MANCH में संपादक के रूप में जुड़े हैं।
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