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आज साल का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात

साल का आखरी महीना दिसम्बर में आज का दिन क्यों है खास ?

साल का आखरी महीना दिसम्बर में आज का दिन खास है।क्योकि आज 22 दिसंबर साल 2023 में आज सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात होगी।सूर्य के मकर रेखा पर लंबवत होंने से आज दिन 10 घंटे 41 मिनिट का होगा। और रात 13 घन्टे 19 मिनिट की होगी।

खगोलीय घटना की जानकारी रखने वालों के मुताबिक सूर्य के चारों तरफ धरती के परिभ्रमण की वजह से 22 दिसंबर को मकर रेखा पर सूर्य लंबवत होगा. इसकी वजह से उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे बड़ी रात और सबसे छोटा दिन होगा. 22 दिसंबर को देश के अलग-अलग स्थानों पर सूर्योदय सुबह छह बजकर कुछ मिनट से लेकर सात बजकर कुछ मिनट पर होगा. उदाहरण के तौर पर दिल्ली में 22 दिसंबर को सात बजकर 11 मिनट पर सूर्योदय और 5: 29 मिनट पर सूर्यास्त होगा।

●आज शीतकालीन संक्रांति भी:-

22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है। विज्ञान की भाषा में इसे दक्षिणायन भी कहा जाता है। रात करीब 16 घंटे की होती है जबकि दिन करीब 8 घंटे ही रहता है। इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है जबकि दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य चमकता रहता है।

● यह होता है सॉल्सिटिस का मतलब :-

आज साल का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात

सॉल्सिटिस एक लैटिन शब्द है, जिसके पहले भाग सोल का मतलब है सूर्य, जबकि दूसरे भाग सेस्टेयर का अर्थ होता है स्थिर खड़े रहना. इन दोनों को मिलाकर ही सॉल्सिटिस शब्द का निर्माण हुआ है. कुछ देशों में इसे त्योहार के तौर पर मनाया जाता है।

●कई देशों में इस दिन त्यौहार मनाया जाता है:-

इस दिन ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान और अर्मेनिया में विंटर सोल्स्टिस को यालदा या शब ए याल्दा के तौर पर मनाया जाता है।वहीं यहूदी लोगों के द्वारा विंटर सोल्स्टिस को तेकूफात तेवेत के नाम से जाना जाता है जिसे सर्दी की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है और चीन में इस दिन पर एक भोज का आयोजन भी होता है जिसमें कई परिवार साथ में भोजन करते हैं। आपको यह भी बता दें कि ईसा पूर्व स्कॅन्डिनेवियन द्वीपों पर यूल त्यौहार के तौर पर मनाया जाता था जो 12 दिनों तक चलता था।

 

●साल की इन तीन तिथियों पर होती है विशेष घटना:-

●21 मार्च : 21 मार्च को दिन और रात समान समय 12-12 घंटे के होते हैं। यह घटना वर्ष में दो बार होती है। जब सूर्य उत्तरायण चलते हुए दक्षिण गोल से उत्तर गोल की तरफ झुकता है अर्थात सूर्य सायन मेष राशि में प्रवेश करता है तब दिन और रात बराबर होते हैं। 21 मार्च के बाद दिन बड़े होते जाते हैं और रातें छोटी होती जाती है।

●21 जून:- 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन होता है, जिसे ‘सोल्स्टिस’ कहा जाता है। इसे ग्रीष्मकालीन सोल्स्टिस होता है जिसे ‘सोल्स्टिस’ कहा जाता है. इसे ग्रीष्मकालीन सोल्स्टिस भी कहा जाता है। दरअसल, 21 जून को सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध पर मौजूद होता है, जिससे सूर्य की रोशनी कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है। परिभ्रमण पथ के दौरान 21 जून को निश्‍चित समय पर सूर्य कर्क रेखा पर एकदम लंबवत हो जाता है। इस दिन भारत सहित उत्तरी गोलार्द्घ में स्थित सभी देशों में सबसे बड़ा दिन तथा रात सबसे छोटी होती है। 21 जून के बाद से सूर्य दक्षिण की ओर गति करना प्रारंभ कर देगा, जिसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहा जाता है। और फिर दिन क्रमशः छोटे होते जाएंगे और 23 सितंबर को रात-दिन बराबर होंगे।

●22 दिसंबर- 22 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन होता है। पृथ्वी के अपनी धुरी पर आवर्तन के दौरान साल में एक दिन ऐसा आता है, जब दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की धरती से दूरी सबसे ज्यादा होती है। नतीजतन 22 दिसंबर का दिन साल में सबसे छोटा होता है और इस दिन रात सबसे लंबी होती है। इस दिन को विंटर सोलस्टाइस कहा जाता है। कुछ वर्षों की अवधि में विंटर सोलस्टाइस के तय दिन बदल जाते हैं, लेकिन साल के इस सबसे छोटे दिन के दर्ज होने की अवधि 20 से 23 दिसंबर के बीच ही होती है। 22 दिसंबर को सूर्य के पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होने के कारण धरती पर किरणें देर से पहुंचती हैं। इस वजह से तापमान में भी कुछ कमी दर्ज की जाती है।

●सामान्य ज्ञान तथ्य,प्रतियोगी परीक्षा के लिए उपयोगी-.

●साल का सबसे लम्बा और सबसे छोटा दिन कौन सा होता है ?

साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून को ग्रीष्मकालीन संक्रांति (Summer Solstice) या ग्रीष्मकालीन अयनांत के अवसर पर एवं एवं सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति (Winter Solstice) या शीतकालीन अयनांत के अवसर पर दर्ज किया जाता है।

●साल 2023 का सबसे लम्बा दिन कौन सा है ?

साल 2023 का सबसे लम्बा दिन 21 जून 2023, दिन गुरुवार को है जिसकी कुल अवधि 13 घंटे 33 मिनिट और 46 सेकेंड है।

●साल 2023 का सबसे छोटा दिन कौन सा है ?

साल 2023 का सबसे छोटा दिन 21 दिसम्बर 2023, दिन शुक्रवार को है, जिसकी कुल अवधि 10 घंटे 19 मिनट एवं 10 सेकेंड की दर्ज की गयी है।

●पृथ्वी पर दिन रात क्यों होते है ?

पृथ्वी पर दिन रात पृथ्वी की परिभ्रमण गति के कारण होते है।

●पृथ्वी पर दिनों की अवधि में अंतर क्यों दर्ज किया जाता है ?

पृथ्वी पर दिनों की अवधि में अंतर सूर्य के उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी गोलार्ध की ओर अग्रसर होने के कारण होता है।

●पृथ्वी को कुल कितने भागो में बाँटा गया है ?

धरती को भौगोलिक आधार पर 2 भागो में विभाजित किया गया है – उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) एवं दक्षिणी गोलार्ध (Southern hemisphere।

Lokendra Singh Tanwar
Auther at Hind Manch

लोकेन्द्र सिंह तंवर

आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं।

आप  The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।

By Lokendra Singh Tanwar

लोकेन्द्र सिंह तंवर

आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं। आप  The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।

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