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कृषि विज्ञान केंद्रश्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता में सम्मलित महिलाएं

 कृषि विज्ञान केंद्र- 2 कटिया द्वारा श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन

अंतराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष- 2023 के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र- 2  कटिया, सीतापुर द्वारा ग्राम रालामऊ , ब्लॉक मछरेहटा, जनपद सीतापुर में श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता आयोजित की गयी जिसमे ग्रामीण महिलाओ ने मोटे अनाजों के विभिन्न व्यंजन- बाजरा के बड़े, बाजरा के  लड्डू, बाजरा की नमकीन, काकुन की खीर, काकुन की कचौड़ी, काकुन के पुवा,  कोदो के भात, कोदो के पुवा, सांवा की पूड़ी, सांवा की खीर, बाजरा के नमकीन पुवा, सांवा की खिचड़ी, बाजरा के चौसेला  इत्यादि  तैयार कर  प्रतियोगिता में भाग लिया।

उक्त प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी:

प्रथम स्थान: बाजरा के बड़े ने प्राप्त किया, इसे तैयार करने  वाली महिमा रस्तोगी  बताती है कि इस बाजरा के बड़े को सर्दियों  के सीजन में खूब पसंद किया जाता है ।  ये खाने में बहुत स्वादिस्ट होने के साथ साथ  सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है और इसको आसानी से बहुत ही कम  सामग्री के साथ बनाया जा सकता है जैसे कि बाजरा का आटा, तेल या घी, अन्य मसाले।

दूसरा स्थान: बाजरा के लड्डू  ने प्राप्त किया, जिसे रीना ने तैयार किया उनका मानना है कि बाजरा के लड्डू, अन्य लड्डू की तुलना में ज्यादा  स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक होते है।

तीसरा स्थान: बाजरा की नमकीन ने प्राप्त किया इसको तैयार करने वाली सुनीता चौधरी बताती है कि  बाजरा की नमकीन न सिर्फ स्वाद में उत्तम होती है बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है।

कृषि विज्ञान केंद्र
कृषि विज्ञान केंद्र- 2  कटिया, सीतापुर

मोटा अनाज प्रोटीन, फाइबर विटामिन, खनिज से भरपूर:

प्रतियोगिता समन्वयक एवं वैज्ञानिक डॉ रीमा ने  मोटे अनाजों  (श्री अन्न) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और बताया कि भारत हमेशा से ही कृषि प्रधान देश है। पिछले कुछ सालों में ही यहां गेहूं-चावल खाने का चलन तेजी से  बढ़ा है, लेकिन इससे पहले  हमारा देश मोटा अनाज से समृद्ध था।  यहां के लोग पहले से ही मोटा अनाज खाकर निरोगी काया का वरदान ले चुके हैं। इससे तमाम व्यंजन बनाए जाते रहे है। यह प्रोटीन, फाइबर विटामिन, खनिज से भरपूर है।   पोषण सुरक्षा के लिए श्री अन्न  एक बेहतर विकल्प है। श्री अन्न के फायदों को देखते हुए इन्हे सुपर फूड भी कहा जाने लगा है।  मोटे अनाज के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है, ताकि इसे अपने दैनिक आहार में जोड़कर सेहत को बेहतर बनाया जा सके। गेहूं-चावल के मुकाबले मोटा अनाज उगाना और खाना दोनों ही ज्यादा सुविधाजनक है। मिलेट में पोषण भी अधिक होता है, जिससे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है।

सरकार ने अपने बजट में मिलेट को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना चलाई:

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक श्री शैलेन्द्र सिंह  ने मोटे अनाजों  के अंतर्गत आने वाली मुख़्य फसलों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और बताया कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में मिलेट को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना चलाई है। इसी के साथ उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र कटिया भी  निरंतर इन फसलों के बीज किसानो को उपलब्ध करा रहा है।  जिससे किसान मोटे अनाजों को अपने खेतो में उगाकर मुनाफा कमाने के साथ-साथ  अपने स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रख सके। इसी के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को विभिन्न योजनाओ के बारे में अवगत कराया और कहा  कि इसी तरह के पारम्परिक ज्ञान को आगे बढाकर महिलाये स्वयं सहायता समहू बनाकर श्री अन्न के उत्पाद का व्यवसाय शुरू कर सकती है, मोटे अनाजों कि प्रोसेसिंग करके एवं उनके वैल्यू एडेड उत्पाद बनाकर मार्केट में बेच सकती है जिससे महिला किसानो एवं गृहणियों  को रोजगार के अवसर मिल सके।

प्रतियोगिता  में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान ग्रहण करने वाली प्रतियोगियों को पुरुस्कृत करने के साथ साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया  गया साथ ही साथ अन्य सभी प्रतिभागियों को भी प्रशस्ति पत्र देकर पुरुस्कृत किया गया।  प्रतियोगिता कार्यक्रम में स्थानीय सहयोग ग्राम प्रधान शांति देवी, प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक धीरेन्द्र कुमार, एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ती महिमा रस्तोगी ने किया।

कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम सहायक श्री आशीष शुक्ला  ने किया।

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Choosig the right house
Dr Shashikant Singh
Agricultural Reporter at hind manch
5 thoughts on “ कृषि विज्ञान केंद्र- 2 कटिया द्वारा श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन”
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