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Paralegal Volunteer

Paralegal Volunteer/ भारत में हाल में आम लोगों को सस्ता, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करने की दिशा में अनेक सार्थक प्रयास किए गए हैं, इसी क्रम में विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से विभिन्न इलाकों मेंParalegal Volunteer की नियुक्ति की जाती है. इसके माध्यम से सरकार का प्रयास होता है कि गरीब और असहाय लोग भी न्याय प्राप्त कर सकें और लोगों के छोटे छोटे झगड़े प्रारम्भिक स्तर पर हीं आपसी बात-चीत, समझौते के साथ सुलझ सके. इसके लिए Paralegal Volunteer गाँव-गाँव जाकर न्याय के लिए प्रयासरत लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए रास्ता बताते हैं.

इसके अलावा Paralegal Volunteer जनता के छोटे छोटे झगड़ों में मध्यस्थता के माध्यम से समझौता करवाने के लिए भी प्रातिबद्ध होते है. इस क्रम में पक्षकारों के बीच की कटुता को दूर कर उनमें मधुर सम्बन्ध बनाने का प्रयास किया जाता है. किसी भी झगड़े का फैसला करवाते समय Paralegal Volunteer बहुत धैर्य से काम लेते हैं और वादी या प्रतिवादी में से किसी का भी पक्ष लिए बगैर पूर्ण निष्पक्षता से अपना काम करते हैं. एक पंक्ति में कहा जाए तो वंचितों, उपेक्षितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में पैरा लीगल वालंटियर की भूमिका एक कर्मयोगी के समान होती है.

👉🏻यह होते है Paralegal Volunteer”(PLV)

Paralegal Volunteer

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का शुरुआत से ही लक्ष्य रहा है कि “न्याय” को आपके दरवाज़े तक बिना रोक-टोक के पहुँचाया जाये। इसी बात को ध्यान में रखतेहुये वर्ष 2009 से प्राधिकरण द्वारा पैरा-लीगल वालंटियर नाम की एक स्कीम शुरू की गयी। जिसके अंतर्गत समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों का चयन करके उन्हें न्यायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इन्हीं चयनित एवं प्रशिक्षित लोगों को हम आम भाषा में “पैरा-लीगल वालंटियर”(PLV) बोलते हैं। “पैरा-लीगल वालंटियर” का मतलब यह है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसे क़ानून का बुनियादी ज्ञान तो है लेकिन वह पूर्ण रूप से वक़ील नहीं है। इनका मुख्य काम समाज और न्याय संस्थाओंके बीच की दुरी को कम करना है।

👉🏻समूह जिनसे PLV चुनें जा सकते हैं:-

1. शिक्षक (सेवानिवृत्त शिक्षकों सहित)।
2. सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी और वरिष्ठ नागरिक।
3. M.S.W(मास्टर इन सोशल वर्क) के छात्र और शिक्षक।
4. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता।
5. डॉक्टर्स / फिजिशियन।
6. छात्र और विधि छात्र (जब तक वे वकीलों के रूप में नामांकन नहीं करते हैं)।
7. गैर-राजनीतिक, सेवा उन्मुख गैर सरकारी संगठनों और क्लबों के सदस्य।
8. महिला पड़ोस समूह, मैत्री के सदस्य संघ और अन्य स्वयं सहायता समूह।
9. लम्बे समय से जेलों में सज़ा काट रहे अच्छे व्यवहार वाले क़ैदी।
नोट: इसके अलावा कोई अन्य व्यक्ति जिसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुक कानूनी सेवा समिति PLV के रूप में सही समझती है।

 

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👉🏻पेरालिगल वोलेंटियर का मुख्य उद्देश्य :-

एक पैरा लीगल वालंटियर का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि जनता तक त्वरित न्याय पहुंच सके, गरीब व असहाय लोग भी न्याय प्राप्त कर सकें और जनता के छोटे-छोटे झगड़े प्रारंभिक स्तर पर हीं आपसी बातचीत के माध्यम से हीं सुलझ जाएँ. न्याय की प्रक्रिया में आगे चले जाने वाले केसेस में मानसिक परेशानी के साथ साथ अच्छा खासा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है, जो गरीब लोगों के लिए कतई हितकर नहीं है.

अतः ऐसे झगड़ों को शुरूआती स्टेज में हीं निपटा देना अच्छा होता है और यही कार्य एक पैरा लीगल वालंटियर का होता है. बात समय और धन के बचाव की हो या पक्षकारों के बीच की कटुता को दूर करने की एक पैरा लीगल वालंटियर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

👉🏻पैरा लीगल वालंटियर बनने के लिए क्या है न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता-

Paralegal Volunteer

Paralegal Volunteer बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय अथवा संस्थान से दसवीं/ 10+2 पास, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट है. आवेदक का अच्छे नैतिक चरित्र तथा आपराधिक प्रवृतिमुक्त होना भी आवश्यक है. पैरा लीगल वालंटियर बनने के लिए अभ्यर्थी की मानसिक प्रवृति, समाज के कमजोर, ज़रुरतमंद लोगों के लिए दया व सहायता की भावना रखने वाली होनी चाहिए।

👉🏻Paralegal Volunteer के लिए पात्रता-

इस परियोजना में रिटायर्ड गवर्मेंट सर्वेन्ट तथा सीनियर सिटीजन, लॉ स्टूडेंट्स/स्टूडेंट्स,आंगनबाड़ी वर्कर, डॉक्टर्स /फिजिशियन, मेम्बर ऑफ़ नॉन पोलिटिकल, शिक्षक (सेवानिवृत भी), सर्विस ओरिएण्टेड एनजीओ और क्लब्स, गैर राजनितिक एवं सेवा-भाव रखनेवाले गैर सरकारी संस्थानों और क्लबों के सदस्य, महिला मैत्रीसंघों एवं स्वयं सहायता समूहों के सदस्य आदि सदस्यता हेतु पात्र होते हैं. अभ्यर्थियों के चयन के तथा चयन प्रक्रिया के सम्पूर्ण हो जाने के उपरान्त उन्हें प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है जिसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की संतुष्टि पर परीक्षा /साक्षात्कार पास कर लेने के पश्चात प्रशिक्षित उम्मीदवारों को इस पद पर पैनल में शामिल किया जाता है।

●पैरा लीगल वालंटियर के लिये आयु सीमा-

उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष, अधिकतम 38 वर्ष होनी चाहिए. अलग अलग जिलों/राज्यों में आयु सीमा में विभिन्नता हो सकती है।

👉🏻 ऐसे होता है पैरा लीगल वालंटियर का चयन :-

Paralegal Volunteer के पद के लिए उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है. समय-समय पर विभिन्न विभागों के अधीन इन पदों पर नियुक्ति के लिए रिक्तियां निकलती रहती हैं. अगर आप भी इन सभी रिक्तियों के बारे में जानना चाहते हैं तो भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, विभिन्न राज्य सरकारों के अंतर्गत निकलने वाले दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रह सकते हैं।

●प्रशिक्षण

चयनित PLV समूह का प्रशिक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष की निगरानी में होगा। एक बार में ज़्यादा से ज़्यादा 50 लोगों को ही प्रशिक्षण दिया जायेगा।पूरे प्रशिक्षण को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार दो से तीन चरणों में पूरा किया जायेगा। जिसमें की लगभग एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद जो आवेदक सफलता पूर्वक प्रशिक्षण को पूरा कर लेंगे उनको प्राधिकरण द्वारा PLV पहचान पत्र दे दिया जायेगा।

●तैनाती, वेतन एवं कार्यकाल :-

PLV का काम करने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार अपने क्षेत्र का चयन कर सकते हैं, जैसे कि आप अगर चाहें तो जिला स्तर पर काम करें या फिर तहसील या गाँव स्तर पर। अब अगर वेतन की बात की जाये तो यहाँ पर सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन पाने का प्रावधान नहीं है, लेकिन आपको प्राधिकरण द्वारा मानदेय दिया जायेगा, जिससे कि आपके आने-जाने का ख़र्च इत्यादि जो भी है उसको पूरा किया जायेगा। सभी “पैरा-लीगल वालंटियर” का कार्यकाल एक वर्ष का रहेगा, जिसके बाद अगर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आपके कार्य से संतुष्ट है, तब वह आपके कार्यकाल को एक और वर्ष के लिए बढ़ा सकता है।

👉🏻”पैरा-लीगल वालंटियर” के दायित्व :-

Paralegal Volunteer

1. Paralegal Volunteer लोगों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करेगा, विशेष रूप से उन लोगों को जो समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं।

2. Paralegal Volunteer लोगों को उनके विवाद / मुद्दे / समस्यों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ सम्बंधित प्राधिकरण में सम्पर्क करेंगे,जिससे की समय रहते उनका समाधान किया जा सके।

3. Paralegal Volunteer लगातार अपने संचालन के क्षेत्र में नज़र रखेंगे और अगर कहीं पर कोई अन्याय या क़ानून का उल्लंघन करता है, तो वह इसकी सूचना प्राधिकरण में जा के दे सकते हैं।

4. अगर PLV किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी प्राप्त करता है, तो वह पुलिस स्टेशन जा के निकटतम कानूनी सेवा संस्थान के माध्यम से गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी सहायता मिले यह बात सुनिश्चित करेगा।

5. PLV यह भी सुनिश्चित करेगा कि अपराध से पीड़ित व्यक्ति की उचित देखभाल हो साथ ही Cr.P.C. की धारा 357A के तहत उसको मुआवजा मिले।

6. PLV, DLSA / TLSC की अनुमति से जेल में बंद कैदियों को भी क़ानूनी सहायता प्रदान कर सकता है। इसके अलावा वह बाल सुधार गृह भी जा सकता है।

7. PLV बाल अधिकारों को लेकर समाज को जागरूक करेगा साथ ही बाल श्रम, बच्चों और लड़कियों की तस्करी इत्यादि के बारे में पता चलने पर निकटम क़ानूनी संस्था या फिर प्राधिकरण की बाल कल्याण समिति को सूचित करेगा।

8. PLV अपने क्षेत्र में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजन के लिए DLSA(जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) / TLSC (तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण) की सहायता करेंगे।

9. Paralegal Volunteer लोगों में लोक अदालतों, सुलह, मध्यस्थता के माध्यम से आपसी विवादों को सुलझाने के लिए जागरूकता पैदा करेंगे।

10. Paralegal Volunteer अपनी इन्हीं सब गतिविधियों की मासिक रिपोर्ट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या फिर तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण को एक उचित प्रारूप में प्रस्तुत करेंगे।

👉🏻PLV को कब हटाया जा सकता है?

1. कार्यक्रम में रूचि न लेने पर।

2. किसी भी अपराध का आरोपी होने पर।

3. शारीरिक या मानसिक रूप से असक्षम हो जाना।

Lokendra Singh Tanwar
Auther at Hind Manch

लोकेन्द्र सिंह तंवर

आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं।

आप  The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।

By Lokendra Singh Tanwar

लोकेन्द्र सिंह तंवर

आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं। आप  The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।

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