I.N.D.I.A गठबंधन में फूट पड़ती नजर आ रही है।
जी हां, लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देने का दंभ भरने वाला I.N.D.I.A गठबंधन अब टूटने लगा है। जिसकी पहली फुट ममता बनर्जी ने डाल दी है। दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले ही लोकसभा का चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। जिसे लेकर I.N.D.I.A गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस में हलचल पैदा हो गई है।
I.N.D.I.A गठबंधन की बात करें तो इस समय गठबंधन में कुछ भी ठीक-ठाक चलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। अभी बंगाल और पंजाब की स्थिति साफ हो चुकी है। लेकिन, पटना में भी कुछ स्थिति साफ नहीं समझ में आ रही है। क्योंकि नीतीश कुमार पिछले कई दिनों से लालू यादव से दूरी बनाए हुए हैं। और कहीं ना कहीं उनके मन में कुछ पाक जरूर रहा है। जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है कि हो सकता है कि नीतीश कुमार अंतिम समय में एनडीए में शामिल हो जाए और इंडिया गठबंधन को अलविदा कह दें।
कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल आचार्य प्रमोद कृष्णन ने ममता बनर्जी को लेकर बड़ा दावा किया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा,” अभी कुछ और दल भी साथ छोड़ेंगे। उन्होंने लिखा- ‘अभी कुछ और ‘दल’ भी छोड़ेंगे, ‘दल-दल’ में फंसना कोई नहीं चाहता’।
I.N.D.I.A गठबंधन में फूट, बीजेपी ने ली चुटकी
वहीं बीजेपी ने भी इस फैसले पर अपनी राय रखी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी I.N.D.I. गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला हताशा का संकेत है। अपनी राजनीतिक जमीन बरकरार रखने में असमर्थ वह सभी सीटों पर लड़ना चाहती है। इस उम्मीद में कि वह चुनाव के बाद भी प्रासंगिक हो सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी गठबंधन के चेहरे के रूप में उभरने की उनकी इच्छा के विपरीत किसी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा।

राष्ट्रीय प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी दिल्ली की कई यात्राएं काम नहीं आईं। वह चुनाव के बाद की हिंसा के खून को छिपा नहीं सकीं और तुष्टीकरण की राजनीति की दुर्गंध से खुद को मुक्त नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि शर्मिंदा ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे की वकालत की और खुद को इस रेस से बाहर कर दिया।
उन्हें एहसास हुआ कि उनकी घबराहट के बावजूद विपक्षी खेमे में उनके पास कोई पैसा नहीं था और वे लंबे समय से बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं, लेकिन तथ्य यह है कि राहुल गांधी के बंगाल में सर्कस आने से ठीक पहले उनकी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा I.N.D.I. गठबंधन के लिए एक मौत की घंटी जैसा।

इसी बीच जैसे ही बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का संकेत किया, वैसे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पंजाब में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया। और, साफ किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस से कोई भी समझौता नहीं करने वाली है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक पत्रकार वार्ता में जब कांग्रेस को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने साफ बता दिया कि आम आदमी पार्टी ऐसा कोई भी गठबंधन करने नहीं जा रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं, जो पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के पाले में हैं। ऐसे में किसी भी अन्य दल से सीट शेयरिंग को लेकर कोई सवाल ही नहीं उठता है।

पंजाब के सीएम से जब ममता बनर्जी और कांग्रेस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सम्भव है कि उनकी कोई बातचीत चल रही हो। लेकिन, पंजाब में हम ऐसा कुछ भी नहीं करने जा रहे हैं। ऐसे में ये साफ हो गया कि I.N.D.I.A गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
वहीं पंजाब कांग्रेस में भी आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर किसी भी तरह का कोई सॉफ्ट कार्नर नहीं दिखाई दिया। वहीं जालंधर में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी के गठबंधन को लेकर विरोध किया है। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा का चुनाव अकेले दम पर लड़ना चाहिए।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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