Swami Prasad Maurya : स्वामी ने दिया समाजवादी पार्टी से इस्तीफा
उत्तर प्रदेश में इनदिनों राजनीतिक उठापठक तेज हो गई है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को हुआ है। जिसमें उनके कद्दावर नेता एक के बाद एक पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। अब इसी कड़ी में सपा के महासचिव रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है। बताते चलें कि कुछ दिनों पहले Swami Prasad Maurya ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देते हुए, पार्टी में आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी में बने रहने के लिए कहा था।
लेकिन, कल Swami Prasad Maurya ने अपनी नई पार्टी का भी एलान किया। लेकिन, आज Swami Prasad Maurya ने आज सपा से इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया। जी हां, सपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले नेता Swami Prasad Maurya ने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।

सभापति को लिखी चिट्ठी में एमएलसी सीट से इस्तीफा देते हुए स्वामी ने लिखा- मैं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उ०प्र० निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद्, उ०प्र० निर्वाचित हुआ हूं. चूंकि मैंने Swami Prasad Maurya की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, अस्तु नैतिकता के आधार पर विधान परिषद्, उ०प्र० की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं. कृपया स्वीकार करने की कृपा करें।
Swami Prasad Maurya ने पार्टी के अंदर भेद-भाव का आरोप लगाते हुए, उन्होंने अखिलेश यादव को अपना इस्तीफा सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से भेज दिया। आगामी लोकसभा चुनाव सर पर है। और, ऐसे में इस नेता का इस्तीफा देना किसी भी सूरत में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए अच्छा संकेत नहीं है। बता दें कि इस बड़े नेता की पकड़ प्रदेश के पिछड़े, दलित वोटबैंक पर अच्छी पकड़ है। जिसका असर आने वाले लोकसभा चुनावों में देखा जा सकता है।

Swami Prasad Maurya : UP में अखिलेश यादव को बड़ा झटका
दरअसल, अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव के पद पर भेदभाव होने का आरोप लगाया है। कहा कि पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए मेरे द्वारा दिए गए बयानों पर पार्टी के वरिष्ठतम नेता चुप रहने में सपा के बजाय उसे मेरा निजी बयान बता देते हैं।
‘पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव व नेता ऐसे हैं जिनका हर बयान पार्टी का होता है और मेरा निजी हो जाता है। एक ही स्तर के पदाधिकारियों में कुछ का निजी और कुछ का पार्टी का बयान कैसे को हो जाता है, यह समझ के परे है। ऐसे भेदभाव पूर्ण, महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए राष्ट्रीय महासचिव पद से मैं त्यागपत्र दे रहा हूं।”

स्वामी प्रसाद ने अखिलेश सम्मान, उन्होंने को स्नेह व प्यार के लिए चयान धन्यवाद भी दिया है। उन्होंने त्यागपत्र इंटरनेट मीडिया एक्स में पोस्ट करते इसे अखिलेश व, समाजवादी और पार्टी को टैग किया है। उन्होंने लिखा, जब से मैं सपा में शामिल हुआ, निजी लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश कैसे की।
बिना किसी मांग के आपने मुझे – विधान परिषद भेजा और ठीक इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाया, इस सम्मान के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। पार्टी को ठोस जनाधार देने के लिए जनवरी-फरवरी 2023 में साथ मैंने आपके पास जातिवार जनगणना होंने कराने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित को जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण बचाने, बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्या व लाभकारी मूल्य दिलाने, लोकतंत्र व संविधान बचाने आदि मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश में भ्रमण के लिए रथ यात्रा निकालने का प्रस्ताव रखा था। आपने सहमति देते हुए, यात्रा को होली के बाद निकालने का आश्वासन भी दिया था।

आश्वासन के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया। उन्होंने लिखा.. पार्टी का जनाधार बढ़ाने का क्रम मैंने अपनी तौर तरीके से जारी रखा है। इसी क्रम में मैंने आदिवासियों दलितों व पिछड़ों के सम्मान स्वाभिमान को जगा कर व सावधान कर भाजपा से वापस लाने की कोशिश की तो पार्टी के कुछ छोटे व कुछ बड़े नेता ने “मौर्य जी का निजी बयान है’ कहकर इस धार को कुंद करने की कोशिश की।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।