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Shivkar Bapuji Talpare

वर्तमान विमान के जनक और उनके साथ हुए विश्वास घात की कहानी…………………..

भारत के गौरवमयी इतिहास में अनेकों महापुरुषों ने जन्म लिया। इन महापुरुषों ने अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे-ऐसे कार्य किए, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में आज भी होती है। वहीं कुछ ऐसे महान व्यक्ति भी हुए, जिन्होंने असंभव को संभव किया, लेकिन उन्हें उनके हिस्से का सम्मान नहीं मिला पाया। हमारे देश के कई ऐसे व्यक्त्वि हुए, जिनकी खोज के सिद्धांत पर काम करते हुए विदेशियों ने उसे अपने नाम के साथ जोड़ लिया। दरअसल, हमारे वेदों पुराणों में चिकित्सा, विज्ञान, भूगोल जैसे विषयों के सिद्धांत लिखे गए हैं। इन सिद्धांतों का अध्ययन करते हुए भारतीयों ने कई अविष्कार भी किए हैं।
इन्हीं व्यक्तियों में शिवकर बापूजी तलपड़े का नाम भी शामिल है। इन्हें भी इनकी खोज के लिए बहुत कम लोग ही जानते हैं। आइए विस्तार में बताते हैं कि बापूजी कौन थे, उनकी खोज क्या थी:

Shivkar Bapuji Talpare का जन्म

वर्ष 1864 में Shivkar Bapuji Talpare का जन्म मुंबई महाराष्ट्र में हुआ था। बचपन से ही बापूजी पढ़ाई-लिखाई में काफी मेधावी छात्र रहे। विज्ञान को वेदों पुराणों से जोड़कर पढ़ना और नए-नए प्रयोग करना इनकी दिनचर्या का हिस्सा था। उन्होंने रामायण और महाभारत का भी गहन अध्ययन किया। बापूजी आम लोगों से हटकर वेदों और पुराणों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पढ़ते थे। अध्ययन के दौरान उन्होंने पाया कि देवताओं के पास भी आसमान में उड़ने वाली कोई वस्तु भी हुआ करती थी। जैसे: रामायण में वर्णित है कि लंका पति रावण के पास पुष्पक विमान भी हुआ करता था।
अध्ययन के क्रम में ही उन्होंने हजारों वर्ष पूर्व ऋषि भारद्वाज द्वारा लिखी किताब विमानिका का गहन अध्ययन किया। इस किताब ने बापूजी के सोचने का नजरिया ही बदलकर रख दिया।

आम भारतीयों सिर्फ वैदिक ग्रंथो में ही विमानों के बारे में पढ़ते थे। लेकिन, बापूजी ने ठान लिया कि वो इसे सच करके दिखाएंगे। अपने अध्ययन की मदद से Shivkar Bapuji Talpare ने विमान बनाने का काम शुरू कर दिया। लेकिन, Shivkar Bapuji Talpare के सामने एक बड़ी चुनौती थी कि वो विमान का सामान कहां से लाएंगे। बताते चलें कि जिस समय की यह बात है उस समय भारत में अंग्रेजी हुकूमत ने अपनी जड़ें जमा दी थी। अंग्रेजों को यह कतई पसंद नहीं था कि कोई भारतीय ऐसे अविष्कार करे। पैसों की तंगी और अंग्रेजों का डर दोनों बापूजी को विमान बनाने में आड़े आ रहा था।

मुंबई के चौपाटी में उड़ा विश्व का पहला हवाई जहाज

Shivkar Bapuji Talpare
ऋषि भारद्वाज की पुस्तक विमानिका में वर्णित विमान

जैसे-तैसे Shivkar Bapuji Talpare ने विमान बनाना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने बांस की लकड़ियों से विमान का ढांचा बनाया और ईंधन के रूप में पारा धातु का उपयोग किया। वजन में हल्का होने के कारण पारे को ईंधन के रूप में प्रयोग किया गया। जिससे विमान आसानी से उड़ान भर सकता था। आखिरकार, विमान बनकर तैयार हो गया, अब बारी थी इसे आसमान में उड़ाकर नया इतिहास रचने की। इस विमान का नाम

वर्ष 1895 में Shivkar Bapuji Talpare विमान को उड़ाने के मुंबई के चौपाटी पर पहुंच गए। बापूजी की इस नई खोज पर उस समय ज्यादा लोगों को कोई भरोसा नहीं था। यहां तक कि उनकी इस उड़ान को देखने न तो कोई वैज्ञानिक और न ही कोई पत्रकार उस दिन वहां पहुंचे। उनके साथ कुछ मित्र, परिवारजन के लोग ही इस करिश्मे को देखने पहुंचे।

Shivkar Bapuji Talpare ने विमान उड़ाने की प्रक्रिया को शुरू किया, देखते ही देखते विमान धरती छोड़ आसमान की तरफ उड़ने लगा। Shivkar Bapuji Talpare की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, उनका यह प्रयास सफल हो गया था। ऐसा कहा जाता है कि यह विमान 1500 फिट की ऊंचाई तक उड़ा था। इसके बाद विमान नीचे गिर गया। इधर बापूजी की कोशिश सफल हुई थी, लेकिन दूसरी बार वो सफल होंगे इसका उन्हें खुद संशय था। इधर उनके पास जो भी पैसा था, वो भी अब खत्म हो चुका था। दोबारा विमान बनाने के लिए उनके पास न तो सामान था और न ही पैसा था। इसके लिए उन्होंने कई व्यापारियों से पैसे की मदद मांगी लेकिन, सबने मना कर दिया। यहां तक कि वो बड़ोदा के राजा के पास भी गए, उन्होंने भी अपने हाथ खड़े कर दिए।

रेली ब्रदर्स ने किया धोखा

इतना कुछ होने के बाद इस बात की खबर अंग्रेजी हुकूमत को लग गई। अंग्रेजों ने उनके इस आईडिया को लेने के लिए साजिश रची। उन्होंने रेली ब्रदर्स नाम की एक कंपनी बापूजी के पास भेजी। कंपनी ने प्रस्ताव रखा कि हम आपको आर्थिक मदद देंगे, लेकिन बदले में उन्हें इस डिजाइन को देना होगा। बापूजी अंग्रेजों की इस चाल को समझ नहीं पाए और इस प्रस्ताव पर हामी भर दी।

डिजाइन मिलने के बाद कंपनी लंदन चली गई। वहां यह डिजाइन राइट बंधुओं के हाथ लग गई। डिजाइन हाथ लगने के बाद वर्ष 1903 में राइट बंधुओं ने विमान बनाकर अमेरिका के कैरेलिना समुद्र तट पर इसे पहली बार उड़ाया था। इसके बाद दुनिया में पहली बार विमान उड़ाने का श्रेय राइट बंधुओं के पास चला गया। इधर अंग्रेजों से धोखा मिलने के बाद Shivkar Bapuji Talpare भी अस्वस्थ रहने लगे और वर्ष 1916 में उनकी मृत्यु हो गई।

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Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

2 thoughts on “Shivkar Bapuji Talpare ने बनाया था पहला हवाई जहाज….”
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