वकालत के क्षेत्र में करियर
वकालत, जॉली एलएलबी,पिंक, थप्पड़, जय भीम,आर्टिकल 15 जैसी फिल्मों में वकील की अहम भूमिका ,और सोशल मीडिया पर पुलिस अफसरों व नेताओं को कानून का पाठ पढ़ाते वकील को देख सर्वे बताता है कि युवाओं का रुझान वकालत के क्षेत्र में बढ़ा है। वहीं दूसरी और सर्वे यह भी बताता है कि वकालत के क्षेत्र में 2030 तक नए आयाम रचे जाएंगे लिहाजा रोजगार के क्षेत्र भी बढेगे। इसलिए अगर आप भी वकालत करने का मन बना रहे है तो आज के इस लेख में हम आपको वो सब बताएंगे जो आपको जानना जरूरी है।
➡दसवीं, 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद ::-
दसवीं, 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद
12वीं करने के बाद आप कानून के क्षेत्र में कॅरियर बनाने की दिशा में कदम रख सकते हैं। किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स आदि) के छात्र इसे अपना सकते हैं। कुछ यूनीवर्सिटी व कॉलेजों में प्रवेश की अपनी प्रक्रिया है, लेकिन भारत के सभी विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) और लॉ कॉलेजों में कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में हासिल आल इंडिया रैंक और स्कोर के आधार पर दाखिला लिया जाता है।
कुछ प्रमुख प्राइवेट लॉ कॉलेज एलसेट इंडिया के आधार पर प्रवेश देते हैं। इनमें ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, अलायन्स स्कूल ऑफ़ लॉ, यूपीएस देहरादून शामिल हैं। वहीं, सिम्बायोसिस लॉ स्कूल पुणे, हैदराबाद और नॉएडा में दाखिले के लिए सेट (सिम्बायोसिस एंट्रेंस टेस्ट ) पास करना होता है।
👉🏻लॉ के अंतर्गत कोर्सेस:-
1. क्रिमिनल लॉ:
– यह सबको पढ़ना पड़ता है। इसके अध्ययन से ही क्राइम्स और उसके प्रति कानून और प्रावधान की जानकारी मिलती है।
2. कॉरपोरेट लॉ:-
इसके अंतर्गत कॉरपोरेट और बिज़नेस वर्ल्ड में होने वाली व्यावसायिक समस्याओं और अपराधों को रोकने तथा फाइनेंस प्रोजेक्ट, टैक्स लाइसेंस और ज्वॉइंट स्टॉक से संबंधित काम और कानून की जानकारी होती हैं।
3. बौद्धिक सम्पदा तथा पेटेंट कानून:-
– इसके तहत बताया जाता है कि बौद्धिक सम्पदा और पेटेंट क्या होते हैं, उनसे जुड़े कानून आदि के बारे में बताया जाता है।
-किसी का आइडिया चुरा कर काम करना बौद्धिक सम्पदा कानून का उल्लंघन माना जाता है।
4. साइबर लॉ:-
– कंप्यूटर जगत में नित नए ईज़ाद, सोशल नेटवर्किंग, नेट बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग वगैरह से साइबर क्षेत्र में क्राइम का दायरा बढ़ा है।
-इस कानून के तहत साइबर क्राइम से जुड़े मुद्दों पर कानून जानकारी देता है कि उनसे कैसे निपटा जाये और उनके लिए सजा का क्या प्रावधान है।
5. फैमिली लॉ:-
– यह महिलाओं के लिए उपयुक्त और पसंदीदा क्षेत्र है। इसके तहत तलाक, गोद लेने, पर्सनल लॉ, शादी, गार्जियनशिप एवं अन्य सभी पारिवारिक मामले आते हैं।
– पारिवारिक मामलों को उसी स्तर पर सुलझाने के लिए हर राज्य के सभी जिलों में फैमिली कोर्ट की स्थापना हैं।
6. बैंकिंग लॉ:-
– बैंकिंग के तहत लोन, लोन रिकवरी, गिरवी आदि से संबंधित कानून और कार्यों का निपटारा कैसे किया जाए और उससे सम्बन्धित नियम और कानून का क्या प्रावधान है इसपर अध्ययन किया जाता है।
7. टैक्स लॉ:-
– टेक्स लॉ के तहत सभी प्रकार के टैक्स जैसे सर्विस टैक्स, सेल टैक्स, इनकम टैक्स आदि से सम्बन्धित लॉ की जानकारी होती है।
👉🏻वकालत के इन पदों में आप बना सकते है अपना करियर:-
1. एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस:
– लॉ करने के बाद आप सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में खुद की प्रैक्टिस कर सकते हैं, शुरुआती दौर में किसी सीनियर एडवोकेट के अधीन प्रैक्टिस कर सकते हैं।
– अपनी रूचि के अनुसार आप क्षेत्र चुन सकते हैं। इनमें सिविल, टैक्स, क्रिमिनल, कॉर्पोरेट मामले आदि शामिल हैं।
2. लीगल एनालिस्ट :
– बड़े उद्योग घरानों और लॉ फर्म्स में व्यावसायिक समस्याओं और अन्य न्यायिक समाधान के लिए लीगल एनालिस्ट की आवश्यकता होती है।
– एक लीगल एनालिस्ट के वार्षिक पैकेज की शुरुआत में 6-10 लाख रु. तक होती है।
3. लीगल जर्नलिस्ट
-मीडिया हाउसेस में लीगल, क्राइम व कोर्ट की खबरें कवर करने के लिए भी लॉ के छात्रों की मांग है।
4. लीगल एडवाइज़र:-
– बहुत से उद्योगपति, कंपनियां, नेता तथा संस्थाएं न्यायिक अड़चनों के समाधान हेतु लीगल एडवाइज़र नियुक्त करते हैं।
5. सरकारी वकील :-
– बार कॉउंसिल की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आप सरकार और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं।
6. जुडिशल सर्विस और पब्लिक सर्विस कमीशन :-
– राज्य सरकार और केंद्र सरकार समय-समय पर जुडिशल सर्विस और सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित करती हैं, इसमें सफल होकर आप कोर्ट में जज तथा अन्य ऊंचे पदों पर कार्य कर सकते हैंं।
7. जुडिशल क्लर्कशिप :-
– जुडिशल क्लर्कशिप या लॉ क्लर्क, जज के सहायक के तौर पर कार्य करते हैं, ये जज को विधि संबंधी या केस से सम्बंधित अनुसंधान में सहायक का कार्य करते हैं।
8 :- मुकदमेबाजी वकील-
वकालत करने के बाद आप मुकदमेबाजी वकील बन सकते हैं। ये वकील अपने कस्टमर का अदालत में किसी भी विवाद से जुड़े मुकदमे को फाइल करते हैं। ऐसे में यदि आप बोलने, दूसरों की वकालत करने और अदालती कार्यवाही के रोमांच का आनंद लेना चाहते हैं तो मुकदमेंबाजी वकील बन सकते हैं। मुकदमेबाजी के अंतर्गत, आप सिविल कानून या आपराधिक कानून में विशेषज्ञता का चयन कर सकते हैं। सिविल मुकदमे में व्यक्तियों, संगठनों या सरकारी संस्थाओं के बीच विवाद शामिल होते हैं, जबकि आपराधिक मुकदमे राज्य के खिलाफ अपराधों से संबंधित होते हैं।
9. कानूनी सलाहकार :-
वकालत के बाद अभ्यर्थी कानूनी सलाहकार भी बन सकते हैं। ऐसे वकील व्यक्तियों, व्यवसायों या सरकारी संगठनों को विशेष कानूनी सलाह प्रदान करते हैं। एक कानूनी सलाहकार के रूप में आप अपनी विशेषज्ञता का उपयोग ग्राहकों को विभिन्न कानूनी मामलों, जैसे अनुबंध, नियामक अनुपालन, रोजगार कानून, बौद्धिक संपदा, और बहुत कुछ पर मार्गदर्शन करने के लिए करेंगे। कानूनी सलाहकार अक्सर विभिन्न प्रकार के ग्राहकों के साथ काम करते हैं, जिनमें छोटे व्यवसाय, स्टार्टअप, बहुराष्ट्रीय निगम, सरकारी एजेंसियां या यहां तक कि व्यक्तिगत ग्राहक भी शामिल हैं। ऐसे वकीलों को भी लाखो-करोड़ों रुपए की सैलरी मिलती है।
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10-एडीआर स्पेशलिस्ट :-
(ALTERNATIVE DISPUTE RESOLUTION (ADR) SPECIALIST)
वकालत कर चुके युवा एडीआर स्पेशलिस्ट के रूप में भी करियर बना सकते हैं। ऐसे वकील अपने जरिए विवादों के समाधान की सुविधा प्रदान करते हैं। यानि ये वकील मध्यस्थता के रूप में काम करते हैं और संघर्षरत पक्षों की मध्यस्थता कराते हैं। एडीआर विशेषज्ञों के पास तेज सुनने की क्षमता, प्रभावी संचार, बातचीत और समस्या-समाधान सहित मजबूत संघर्ष-समाधान स्किल होना चाहिए। क्योंकि ये स्किल ही मध्यस्थता कराने में मदद करती हैं। ऐसे वकीलों की भी लाखों करोड़ों रुपए की सैलरी दी जाती है।
11:- कानूनी शोधकर्ता-
वकालत के बाद आप लीगल शोधकर्ता के रूप में भी करियर बना सकते हैं। ऐसे वकील कानूनी मामलों या नीति निर्माण के लिए किसी भी मुद्दें पर शोध और विश्लेषण करते हैं। साथ ही प्रासंगिक जानकारी निकालने और सार्थक निष्कर्ष निकालने के लिए क़ानून, केस कानून, विनियम और कानूनी टिप्पणियों की जांच भी करना पड़ता है। कानूनी शोधकर्ताओं के पास सटीक और अद्यतित जानकारी इकट्ठा करने के लिए कानूनी डेटाबेस, पुस्तकालयों और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करने में दक्षता सहित उत्कृष्ट शोध कौशल होना चाहिए। ऐसे वकील सरकार और अन्य संस्थाओं के लिए भी काम करते हैं।
★नोट :- एलएलबी की डिग्री मिलने के बाद वकालत करने के लिए स्टेट बार कॉउन्सिल में एनरॉल कराने की आवश्यकता होती है।
👉🏻जाने कहां मिलेंगे रोजगार के अवसर :-
●आप खुद की प्रैक्टिस कर सकते हैं, समय-समय पर न्यायिक सेवा के लिए रिक्तियां निकलती है, लॉ के विद्यार्थियों के लिए प्रशासनिक सेवा भी एक बेहतर विकल्प है।
●आप स्वतंत्र विधि परामर्शी के तौर पर भी काम कर सकते हैं, राजनीतिक पार्टिया भी लीगल एडवाइज़र और पॉलिटिकल एडवाइज़र के लिए विधि के छात्रों को प्राथमिकता देते हैं।
●सीए फर्म और चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी टैक्स लॉयर की जरूरत पड़ती है, टैक्स लॉ में रोजगार की असीमित संभावनाएं हैं।
●अगर आपकी रुचि अकादमिक की ओर है तो आप लॉ में मास्टर्स डिग्री करने के बाद यूजीसी नेट की परीक्षा पास कर असोसिएट प्रोफेसर के तौर पर किसी लॉ स्कूल और कॉलेज में पढ़ा सकते हैं।
➡ कहां कितनी सैलरी यह भी जान लीजिए:-
● लॉ फर्म्स
-5-25 लाख सालाना। कई लॉ फर्म्स 50 लाख सालाना तक का पैकेज भी देती हैं।
●एडवोकेट :
– हुनर और काबिलियत से असीमित कमा सकते हैं। भारत में कई ऐसे लॉयर है जो एक कोर्ट पेशी के लिए 5 लाख से 1 करोड़ तक चार्ज करते हैं।
– फिर भी न्यूनतम 25-30 हज़ार रुपए की आमदनी आराम से की जा सकती है।
●लॉ स्कूल प्रोफेसर :-
– लॉ के प्रोफेसर को शुरुआती दौर में तीस हज़ार रुपये तक सैलरी मिल सकती है जो आगे चलकर 1-2 लाख रु. महीने तक होता है।
●लीगल एडवाइजर
– 5 लाख-12 लाख तक सालाना कमाया जा सकता है जो आगे चलकर और भी बढ़ सकता है।
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👉🏻वकालत के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए यह जरूरी गुण आप मे होने चाहिए:-
●बेहतर संवाद कौशल
●अच्छी याददाश्त
●त्वरित प्रतिक्रिया देने का सामर्थ्य
●तार्किकता और चीजों का विश्लेषण करने में दक्षता
●ध्यान से बातों को सुनने का धैर्य
●दायरों को पार जाकर सोचने का हुनर
●कानूनी पहलुओं की बेहतर जानकारी
●समर्पण के साथ कड़ी मेहनत करने का जज्बा
👉🏻उपलब्ध पाठय़क्रम:-
●एलएलबी, अवधि: तीन वर्ष
●बीए एलएलबी (ऑनर्स), अवधि : पांच वर्ष
●बीएससी एलएलबी (ऑनर्स), अवधि : पांच वर्ष
●बीकॉम एलएलबी (ऑनर्स), अवधि : पांच वर्ष
●एलएलएम
●पीएचडी
👉🏻पाठक के मन की जिज्ञासा का हल :- वकील क्या है?
वकील लाइसेंस प्राप्त पेशेवर होते हैं जो कानून का अध्ययन और अभ्यास करते हैं। एक वकील के पास आमतौर पर एक एकाग्रता क्षेत्र और लोगों या हितों का एक समूह होता है जिनकी वे वकालत करते हैं।
सामान्य वकील कर्तव्य:
ग्राहक और उनके हितों को सलाह देना और उनका प्रतिनिधित्व करना
प्रस्तुत करने के लिए दस्तावेज़ों पर शोध और समीक्षा करें
उनके मामलों से संबंधित कानूनों और विनियमों की व्याख्या करें।

Lokendra Singh Tanwar
लोकेन्द्र सिंह तंवर
आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं।
आप The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।
Good knowledge