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Gyanvapiज्ञानवापी परिसर में व्यासजी तहखाने में होती रहेगी पूजा

Gyanvapi Mosque Survey Report : ज्ञानवापी परिसर में हिंदू मंदिर के प्रबल संकेत मिले हैं।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम से सटे ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report) सार्वजनिक होने के बाद परिसर में हिंदू मंदिर होने के स्प्ष्ट सबूत मिले हैं। बताते चलें कि कोर्ट के आदेश पर 839 पन्नों की रिपोर्ट की प्रिंटेड कॉपी सभी पक्षकारों को सौंप दी गई है।

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report) मिलने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने प्रेस वार्ता की। अपनी प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में एक बड़े हिंदू मंदिर होने के संकेत मिले हैं। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report)में साफ बताया गया है कि आज का ज्ञानवापी परिसर एक समय में हिंदू मंदिर था।

दरअसल, वाराणसी में ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। जानकारी के लिए बता दें काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करीब 2050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन औरंगजेब ने साल 1664 में मंदिर को तुड़वा दिया। दावे में कहा गया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर उसकी भूमि पर किया गया है जो कि अब ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।

Gyanvapi Mosque Survey Report
सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई मस्जिद

इसी विवाद को खत्म करने के लिए कोर्ट में याचिका डाली गई कि ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया जाए। और, जिससे यह पता चल सके कि जमीन के अंदर का भाग मंदिर का अवशेष है या नहीं। इसी के साथ विवादित ढांचे का फर्श भी तोड़ा जाए जिससे पता चले कि तोड़कर 100 फीट ऊंचा ज्योतिर्लिंग स्वयंभू विश्वेश्वरनाथ भी वहां मौजूद हैं या नहीं।

Gyanvapi Mosque Survey Report
सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा, मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई मस्जिद

मस्जिद की दीवारों की भी जांच कर पता लगाया जाए कि ये मंदिर की हैं या नहीं। याचिकाकर्ता का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ था। इन्हीं दावों पर पर अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से सर्वे करवाया था।

Gyanvapi Mosque परिसर में था बड़ा हिंदू मंदिर

सर्वे में साफ लिखा है कि 17वीं शताब्दी में मुगल शासक औरंगजेब के समय हिंदू मंदिर की संरचना को गिराया गया। इसके बाद मंदिर के अवशेषों और स्तंभों की मदद से परिसर में मस्जिद बनाई गई। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report) में सामने आई है कि 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं, जहां पुराने हिंदू मंदिर होने के साक्ष्य मिले हैं। एक पुराने शिलालेख पर फ़ारसी भाषा में मंदिर तोड़े जाने का आदेश और मस्जिद बनाने की तारीख लिखी हुई है।

Gyanvapi Mosque Survey Report
सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा, मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई मस्जिद

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report) में ज्ञानवापी की दीवारों पर बनाई गई हिंदू धर्म संबंधित तस्वीरें और लिखे गए शब्द मंदिर होने के साक्ष्य दे रहे हैं। एएसआई की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Mosque Survey Report) में इसका उल्लेख किया गया है रिपोर्ट के अनुसार एक स्तम्भ पर नागरी लिपि में “कासी” लिखा हुआ है। इसी के साथ लिपि 17वीं शताब्दी की बताई जा रही है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है परिसर में मौजूद अवशेष मंदिर के हैं। जिन्हें मस्जिद निर्माण में उपयोग किया गया है। ज्ञानवापी परिसर में देवनागरी, तेलुगू, कन्नड़ लिपियों के शिलालेख भी शामिल है। इन शिलालेख में देवताओं के तीन नाम जैसे जर्नादन, रुद्र और उमेश्वर पाए गए हैं।

मस्जिद के नीचे मूर्तियों को दबाया गया है। तहखाने में भी हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। दरवाज़ों पर पशु पक्षियों के चित्र हैं। गलियारों में कुआं भी मिला है। स्वास्तिक के निशान और नाग देवता की निशान भी मिले हैं। चकौर अरघा मिला है, जिसे शिवलिंग का बताया जा रहा है। चतुर्भुज मूर्ति और एक जनेउधारी मूर्ति मिली है। वहां तांबे कलश, सिक्के आदि हैं।

तहखाना में शेर के रूप में नरसिंह भगवान की भी तस्वीर मिली है। पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का हिस्सा है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वह ज्ञानवापी की पानी की टंकी का भी ASI सर्वे करने की अदालत से मांग करेंगे। पानी की टंकी अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील है। एडवोकेट कमिश्नर कार्यवाही के दौरान पानी की टंकी में शिवलिंग की आकृति मिली थी। मंदिर पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बताता है।

Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

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