Lok Sabha Election 2024 : रालोद-एनडीए का गठबंधन तय
आगामी Lok Sabha Election 2024 जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है। राजनीतिक दल अपनी सुविधानुसार अपनी गोटियां सेट करने में लगे हैं। बिहार की सियासी उठा पटक के बाद अब यूपी में सियासी बाजार गर्म हो चुका है। बताते चलें कि अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहे रालोद पार्टी का अब एनडीए का हिस्सा बनना तय हो गया है।
ऐसे में यूपी की पश्चिम की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। बता दें कि रालोद पार्टी की पहचान किसानों की पार्टी के रूप में है। इस पार्टी के साथ पश्चिम में जाट और गुर्जर वोटबैंक सबसे ज्यादा जुड़ा है। अब ऐसे में राष्ट्रीय लोक दल का एनडीए के साथ जाना, इंडिया गठबंधन के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। ऐसे में आगामी Lok Sabha Election 2024 में लड़ाई बड़ी कांटे की टक्कर की होने वाली है।

इस बात की जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने दी। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी ने अपने दिवंगत पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की जयंती पर इस बात की पुष्टि कर दी कि रालोद अब एनडीए के साथ आगामी Lok Sabha Election 2024 लड़ेगी। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने इस अलगाव का जिम्मा सपा मुखिया अखिलेश यादव पर सौंपा। जयंत चौधरी ने संकेत दिया कि सपा से उसका तालमेल गड़बड़ाने पर उन्होंने यह कदम उठाया। वह खुलकर बोले भीं कि परिस्थतियों के कारण कम समय में यह निर्णय लेना पड़ा।
Lok Sabha Election 2024 : इंडिया गठबंधन में मची हलचल
रालोद ने सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी कार्यालय में पूर्व अध्यक्ष अजित सिंह की जयंती मनाई। इस मौके पर जयन्त रालोद भाजपा गठबंधन की अधिकृत घोषणा कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। माना जा रहा है कि सीटों को लेकर हुए समझौते पर सहमति की अंतिम मुहर लगते ही वह इसकी घोषणा कर देंगे। हालांकि, उन्होंने फिर स्पष्ट किया कि वह राजग में शामिल होने का निर्णय कर चुके हैं। विपक्षी पार्टियों द्वारा कही जा रहीं से बातों का उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ जाने को लेकर पहले से कोई योजना नहीं थी। ऐसा नहीं है कि पहले से ऐसा सोच रखा था।
बहुत कम समय में परिस्थितियों के कारण यह निर्णय लेना पड़ा। इस निर्णय से कुछ विधायकों के नाराज होने के प्रश्न पर रालोद मुखिया ने दावा किया कि उन्होंने अपने दल के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद ही यह कदम उठाया है। दल में इस निर्णय पर सर्वसम्मति का आधार संकेतों में उन्होंने अपने दादा व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने को भी बताया।

उन्होंने कहा कि आज भी देश का किसान चौ. चरण सिंह को अपना मानता है। जयंत ने चुनावों से पहले भारत रत्न की घोषणा पर सवाल उठाने पर कहा कि अगर सत्तारूढ़ दल किसी को सम्मानित करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है? क्या वे (विपक्षी दल) यह कह रहे हैं कि चुनावी वर्ष में सरकार को किसी को भारत रत्न नहीं देना चाहिए।

बता दें कि जयंत चौधरी के इस फैसले ने इंडिया गठबंधन के नेताओं की नींद उड़ा दी है। पीएम मोदी की तीसरी बार सरकार बनने से रोकने के लिए बने कांग्रेस, सपा ,राजद अन्य क्षेत्रीय राजनीति दलों का इंडिया गठबंधन अब धीरे-धीरे टूटने लगा है। बिहार, बंगाल और पंजाब के बाद यूपी में अब ये रालोद के रूप में चौथा झटका है, जो इंडिया गठबंधन को लगा है।
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निजी स्वार्थ और सीटों के बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पा रही है। जिसके कारण इंडिया गठबंधन से अब एक के बाद एक राजनीतिक दल एक दूसरे का साथ छोड़ रहे हैं। ऐसे में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस देश में अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है। बताते चलें कि राहुल गांधी अभी फिलहाल भारत जोड़ों न्याय यात्रा पर निकले हैं।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।