पीएम मोदी ने आज परीक्षा पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने उन बच्चों से बात की जो आगामी बोर्ड या अन्य परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले हैं। पीएम मोदी ने अपने चर्चा के दौरान बच्चों से परीक्षा संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा की। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देशभर के स्कूलों से छात्रों ने भाग लिया है। कार्यक्रम में जवाहर नवोदय विद्यालय सहित देशभर के राजकीय और प्राइवेट स्कूलों के छात्र शामिल हुए। पीएम मोदी ने परीक्षा में मानसिक तनाव और दबाव को कैसे झेले, इसपर भी टिप्स दिए।
जहां परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चे उनका इंतजार कर रहे थे। पीएम मोदी ने सबसे पहले छात्रों द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट्स देखे। पीएम मोदी ने परीक्षा पर चर्चा शुरू करने से पहले, पीएम मोदी ने भारत मंडपम में एक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीकों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत परियोजनाओं पर काम करने वाले छात्रों की एक प्रदर्शनी का निरीक्षण करने का सौभाग्य मिला। पीएम मोदी ने कहा, ”मुझे छात्रों और शिक्षकों को इतनी शानदार प्रदर्शनी लगाने और मुझे यह समझाने के लिए बधाई देनी चाहिए कि नई पीढ़ी क्या सोचती है।”

पीएम मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान के आईटीपीओ, भारत मंडपम पहुंचे। सभागार पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने छात्रों और अभिभावकों के साथ संवाद शुरू किया। पीएम मोदी ने अपना संवाद शुरू करते हुए कहा कि-,” ‘कार्यक्रम से वापस लौटकर अपने साथी छात्रों के साथ साझा करें अनुभव’। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है। पीएम मोदी ने बच्चों को भारत का भविष्य बताया और कहा कि यही बच्चे भारत के भविष्य को आकार देंगे।
पीएम मोदी ने बताया दबाव को कैसे मैनेज करें
पीएम मोदी ने से जब पूछा गया कि दबाव को कैसे मैनेज किया जाए, इसपर पीएम मोदी ने कहा-इच्छाशक्ति से हम दबाव के बावजूद सफलता हासिल कर सकते हैं… हमें दबाव से निपटने की कला को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। दबाव को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम नहीं है; इस प्रक्रिया को आसान बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों और अभिभावकों पर भी है।

प्रतिस्पर्धा से आने वाले दबाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “जीवन में चुनौतियां और स्पर्धा होना बहुत जरूरी है। इनके बिना जीवन बहुत ही प्रेरणाहीन बन जाएगा। जीवन में हेल्दी कॉम्पीटीशन होना जरूरी है।”

पीएम मोदी ने कहा, दोस्तों से प्रतिस्पर्धा न करें, बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें और दोस्तों को अपने लिए प्रेरणा बनाएं। पीएम मोदी ने कहा, माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। चर्चा के दौरान ही पीएम मोदी ने अभिभावकों को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा-, “मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों की उपलब्धियों से न करें।”

पीएम मोदी ने छात्रों को सलाह दी कि हमेशा टाइम मैनेजमेंट के प्रति जागरूक रहना चाहिए। परीक्षा हो या नहीं अपने कार्य को सही समय पर पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, काम करने की कभी थकान नहीं होनी चाहिए। काम करने से संतोष होता है।
टीचर का स्टूडेंट के साथ का नाता शुरूआत से लेकर परीक्षा आने तक निरंतर बढता रहे तो शायद परीक्षा के दौरान छात्रों पर तनाव की नौबत न आए। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों के साथ केवल सिलेबस तक ही संबंधित न हों। शिक्षक और छात्र का नाता ऐसा हो कि छात्र छोटी-मोटी समस्या को भी शिक्षक के साथ डिस्कस करने से संकोच नहीं करना चाहिए।

पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान लिखने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत कम लोग लिखकर प्रैक्टिस करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पठन-पाठन के साथ लिखकर भी तैयारी करें। ऐसा करने से आपको अपनी गलतियों में सुधार करने का मौका मिलेगा, साथ ही टाइम मैनेजमेंट भी कर पाएंगे।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।