>
Subashchandra BoseSubashchandra Bose

सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने भारत को आजाद कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

आजादी की इस लड़ाई में सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) के नाम प्रमुख नेताओं में से एक है। उन्हें जानने वाले प्यार से नेता जी के नाम से जानते और बुलाते थे। भारत को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए कई आंदोलनों के नेतृत्व किया और हिस्सा भी रहें। जिसकी वजह से उन्हें कई बार अंग्रेजी हुकूमत ने जेल में भी बंद किया। उनकी बुद्धि और बहादुरी ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव को जड़ से हिला कर रख दिया था। सुभाष चंद्र बोस के कारण अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम हो गया था।

सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) गरम दल के नेता थे, उन्होंने भारत की आजादी के लिए विदेशों की कई यात्राएं की। नेता जी सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) का मानना था कि अंग्रेजी हुकूमत को यदि भारत से खदेड़ना है तो उनकी तरह ही उनसे लड़ना होगा। यही कारण है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने आजाद हिंद फौज के नाम से एक सेना बनाई।

नेता जी ने ही अंग्रेजों के खिलाफ सैन्य विद्रोह किया। अंग्रेजों को देश में और विदेशी दबाव नेताजी के कारण ही हुआ, जिससे उन्हें भारत को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि, यह भारत का दुर्भाग्य है कि गुलामी के दौर के क्रांतिकारी नेताओं को आजाद भारत में रहने का सौभाग्य नहीं मिला। यदि ये नेता आजाद भारत का नेतृत्व करते तो आज भारत की दशा और दिशा दोनों ही बदली होती।

Subashchandra Bose
आजाद हिंद फौज

नेताजी ने सेना बनाकर अंग्रेजो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। हालांकि, यह तो सभी जानते हैं कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी। लेकिन, नेताजी ने 1947 से कई वर्ष पहले ही भारत को आजाद घोषित किया और भारत का झंडा लहरा दिया था। आइए जानते हैं इस घटना के पीछे की कहानी

सुभाषचंद्र बोस (Subashchandra Bose) ने पहली बार फहराया झंडा

दरअसल, सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने वर्ष 1947 से करीब 4 वर्ष पहले ही भारत को आजाद घोषित कर दिया था। 21 अक्टूबर 1943 को नेता जी सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने वो कर दिखाया जिसका सपना हर भारतवासी देखा करता था। सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की स्थापना करने के बाद नेताजी सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने अंग्रेजी हुकूमत को चेता दिया था, की अब भारत में उनके शासन की कोई जरूरत नहीं है। अंग्रेज जितना जल्दी हो सके देश को छोड़ कर जाए, भारत के लोग अपने देश को चलाना जानते हैं।

Subashchandra Bose
आजाद हिंद फौज

बताते चलें कि आजाद हिंद फौज के बनने से देश में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ था। आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों को एक मजबूत नेता मिला था। हालांकि, ये फौज देश के बाहर बनी थी, लेकिन इसका प्रभाव पूरे भारत पर देखा जा रहा था। 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर के कैथे भवन में रास बिहारी बोस ने आजाद हिंद फौज की बागडोर नेताजी सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) के हाथों में दी थी।

सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) बनें पहले प्रधानमंत्री

आजाद हिंद फौज को विश्व के 9 देशों ने मान्यता दी थी। इसी कड़ी में जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप आजाद हिंद फौज को दिया। सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने उन द्वीपों का दौरा किया और उनका नया नामकरण किया।

Subashchandra Bose
सुभाषचंद्र बोस

अंडमान का नया नाम शहीद द्वीप और निकोबार का नया नाम स्वराज द्वीप रखा गया। इसी कड़ी में सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) ने 30 दिसंबर 1943 को तिरंगा झंडा फहराया था। इसके बाद सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) को आजाद हिंद फौज का प्रधानमंत्री बनाया गया। सुभाषचंद्र बोस ( Subashchandra Bose) इस नई आजाद सरकार के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री थे।

खबरों से अपडेट रहने के लिए जुड़ें :-


WhatsApp Group

Join Now

Telegram Group

Join Now

 

Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!
  • Facebook
  • X (Twitter)
  • LinkedIn
  • More Networks
Copy link