भारत ने पूरे विश्व को योग से परिचित करवाया है। योग को लेकर भारत सहित पूरा विश्व सजग हो गया है।
स्वर्वेद महामंदिर धाम/ जगह-जगह योग और ध्यान केंद्र खोले जा रहे हैं। जिससे लोगों को काफी लाभ पहुंच रहा है। इसी कड़ी में पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में योग और ध्यान को समर्पित एक भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण किया गया है।
दरअसल, इस भव्य मंदिर का नाम स्वर्वेद महामंदिर धाम है, जो योग और ध्यान का अद्वितीय साधना केंद्र माना जा रहा है। वाराणसी से करीब 20 किलोमीटर दूर उमरहा गांव में यह मंदिर स्थित है। अभी हाल ही में पीएम मोदी ने इस महामंदिर का

उद्घाटन करके देश को समर्पित किया। हालांकि, अभी मंदिर का निर्माण कार्य अभी चल ही रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, स्वर्वेद महामंदिर धाम परिसर में ही योग और ध्यान के प्रणेता सद्गुरु की 135 फिट ऊंची मूर्ति का निर्माण होना है। इसे अध्यात्म की मूर्ति या स्टैच्यू ऑफ स्प्रिच्युएलिटी के नाम से जाना जाएगा। स्वर्वेद महामंदिर धाम अनेक सामाजिक कल्याण परियोजनाओं का भी प्रमुख केंद्र है। आइए जानते हैं कि इस स्वर्वेद महामंदिर की क्या खासियत है
स्वर्वेद महामंदिर धाम कितने क्षेत्र में फैला है

दरअसल, यह मंदिर 80 हजार वर्गफीट क्षेत्र में फैला है और इसकी ऊंचाई 182 फिट है। यह मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है, जिसकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। इस मंदिर में लगभग 20 हजार से अधिक साधक योग और ध्यान एक साथ कर सकते हैं। 7 मंजिला इस मंदिर के हर तल पर सद्गुरु देव की संगमरमर की सुंदर मूर्ति विराजमान है।

स्वर्वेद महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के दोहे, वेदों के मंत्र और संतजनों के वचनों को सफेद मकराना संगमरमर पर उकेरा गया है। जो किसी भी व्यक्ति को बरबस ही अपनी और आकर्षित करते हैं। स्वर्वेद महामंदिर धाम में जाति, धर्म किसी भी प्रकार का कोई बंधन नहीं है।
स्वर्वेद महामंदिर धाम में बनी अद्भुत वास्तुकला

स्वर्वेद मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही, एक नए लोक का एहसास होता है। यह मंदिर 400 से अधिक स्तम्भों पर टीका है। मंदिर का ढाई लाख वर्गफीट फर्श सफेद संगमरमर से बनाया गया है। मंदिर के अंदर छतों पर नक्काशी दार शिखर है, जिसमें लकड़ी

और कांच की बेजोड़ कलाकृतियों का संगम किया गया है। मंदिर के हर तल पर आध्यात्मिक संदेशों और भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जिन्हें चित्रों के माध्यम से उकेरा गया है। मंदिर के सबसे ऊपरी दो मंजिलों पर 238 लोगों की क्षमता वाले दो ऑडिटोरियम बनाए गए हैं। मंदिर के भूतल पर सत्संग भवन और ध्यान के लिए गुफाओं का निर्माण किया गया है। मंदिर में छोटी- बड़ी कुल 6 लिफ्ट्स भी लगाई गई है।
स्वर्वेद महामंदिर में इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं गुजरात से मंगाए गए और जीआरसी तकनीक से निर्मित 125 पंखुड़ियों वाले नौ कमल वाले शिखर हैं। मंदिर के बाहरी झरोखों पर 132 ऋषियों-ऋषिकाओं और साधकों की भी मूर्ति लगी है। महामंदिर के प्रांगण में सुंदर बगीचा और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया गया है।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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