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अंगदानजानिए कौन कर सकता है अंगदान

अंगदान से बढ़कर कोई भी पुण्य काम नहीं है।

अंगदान करने से एक व्यक्ति कई सारे जीवन को बचा सकता है। भारत में अंगदान को लेकर कई सारे भ्रम फैलाए गए हैं। लेकिन, बढ़ती जागरूकता और पर्याप्त सूचनाओं से इस काम के लिए लोग आगे आ रहे हैं। जिसके लिए कई जीवन अपनी खुशियों को जी पा रहे हैं। हालांकि, एक पॉजिटिव बात है कि पिछले सालों में अंगदान को लेकर जागरूकता हुई है। जिससे कई लोग इस नेक काम के लिए सामने आ रहे हैं। अंगदान एक तरह का जीवनदान ही होता है। यदि भारत समेत पूरी दुनिया में अंगदान को लेकर जागरूकता पर्याप्त मात्रा में हो तो हर मृत व्यक्ति अपने पीछे कई लोगों को नया जीवन दे सकता है।

ऑर्गन डोनेशन इंडिया के डेटा रिकॉर्ड के अनुसार, हर साल करीब पांच लाख लोगों को अंगदान की जरूरत होती है। लेकिन, यदि जमीनी बात करें तो सिर्फ 52, 000 ही अंग उपलब्ध हैं। मतलब साफ है कि अभी इस काम के लिए काफी जागरूकता और शिक्षा की जरूरत है। जानकर हैरानी होगी कि हर 5 में से 3 व्यक्ति इसी इंतजार में हैं कि कोई उन्हें आंखे दान करेगा। जिससे वो भी इस रंगीन दुनिया को देख सकेंगे। इसी कड़ी में आपको बताते चलें कि अंगदान करना किसी भी प्रकार से आसान काम नहीं है। यह बेहद जटिल और कानूनी काम भी है। बताते चलें की अंग देने वाले को डोनर और अंग लेने वाले को रिसीवर कहा जाता है।

अंगदान कौन कर सकता है

विज्ञान की बढ़ती कामयाबी ने मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की की है। जिससे किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को उस अंग लगाकर उसे नया जीवन दे सकता है। दरअसल, यदि किसी व्यक्ति का अंग किसी प्रकार से खराब हो जाता है तो उसके खराब अंग को रिप्लेस करके उसे नए अंग लगाए जा सकते हैं। बताते चलें कि आधुनिक समय में मृत व्यक्ति के साथ-साथ जीवित व्यक्ति भी अंगदान कर सकते हैं। जीवित व्यक्ति अपने किडनी और लिवर का कुछ हिस्सा दान कर सकता है।

अंगदान
जानिए कौन कर सकता है अंगदान

वहीं मृत व्यक्ति के अंग जिनमें हार्ट, लिवर, किडनी, पैंक्रियाज और आंखों का कॉर्निया प्रमुख हैं। मरने के कुछ घंटे बाद तक जिंदा रहते हैं। यदि वक्त रहते इन्हें ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है, तो इससे दूसरे व्यक्ति को जीवनदान मिल जाता है। अंगदान दो तरह के होते हैं। एक वो डोनर होता है जो जीवित होता है, वहीं दूसरा डोनर वो होता है जिसकी मृत्यु हो जाती है। दोनों की अंगदान की प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है।

अंगदान
जानिए कौन कर सकता है अंगदान

यदि कोई व्यक्ति जीवित है और अंगदान करना चाहता है तो उसे मेडिकल टेस्ट से गुजरना होता है।अंगदान करने के लिये व्यक्ति का स्वस्थ्य होना जरूरी होता है। सबसे पहले जीवित व्यक्ति का मेडिकल टेस्ट होता है, जिससे तय होता है कि अमुक व्यक्ति अंगदान देने के लिए स्वस्थ है। अंगदान करने वाले व्यक्ति के यदि मेडिकल टेस्ट पॉजिटिव आते हैं तो उसके अंगदान की प्रक्रिया शुरू की जाती है। अंगदान की प्रक्रिया के बाद डोनर और रिसीवर दोनों को डॉक्टर की देख रेख में रहना होता है।

अंगदान
जानिए कौन कर सकता है अंगदान

अंगदान करना पूरी तरह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है। इसीलिए अंगदान के लिए किसी भी व्यक्ति को ब्लैकमेल या मजबूर करके अंगदान नहीं करवाया जा सकता है। इसीलिए, भारत में अंगदान को लेकर कानून भी बनाए गए हैं। इसके लिए साल 1994 में ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एंड टिशूज एक्ट (Transplantation of Human Organs & Tissues Act) पास हुआ।

अंगदान
जानिए कौन कर सकता है अंगदान

यह कानून जीवन बचाने के लिए मानव अंगों के सर्जिकल रिमूवल, ट्रांसप्लांटेशन और उसके रख-रखाव के नियमों को सुनिश्चित करता है। बता दें कि इसमें भी लिविंग ऑर्गन डोनेशन और  डिसीस्ट ऑर्गन डोनेशन के अलग-अलग प्रावधान है। इस कानून के मुताबिक, लिविंग अंगदान करने के लिए रिसीवर और डोनर दोनों के बीच ब्लड रिलेशन या कोई करीबी पारिवारिक संबंध होना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि अंगों के खरीद-फरोख्त पर शिकंजा कसा जा सके।

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Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

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