राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरणों में हैं।
जिस तरह से राम मंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट समय-समय पर राम मंदिर (Ram Mandir)से जुड़ी तस्वीरों को साझा कर रहा है, उन्हें देखकर देश भर में हर राम भक्त मंदिर की एक झलक पाने को आतुर है। बताते चलें की मंदिर निर्माण की आधार शीला देश के पीएम मोदी द्वारा 5 अगस्त को रखी गई थी। इसी के बाद सेराम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। राम मंदिर की आधारशिला 40 किलों की चांदी की ईंटों से हुई थी। यह कार्यक्रम भी तीन दिवसीय चला था।
भव्य-दिव्य रूप ले चुके राम मंदिर (Ram Mandir) में वास्तुकला और नक्काशी का बेजोड़ नमूना पेश किया गया है। राम मंदिर (Ram Mandir) को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे रामलला के दर्शन के साथ ही भक्त अपनी संस्कृति और कला से भी परिचित हो सकेंगे। राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण में विभिन्न प्रकार के कुल 12 लाख घन पत्थरों का उपयोग किया गया है। राम मंदिर (Ram Mandir) का मूल ढांचे का निर्माण राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों से किया गया है। इन पत्थरों का रंग गुलाबी है।

राम मंदिर (Ram Mandir) में राजस्थान के गुलाबी पत्थरों का हुआ उपयोग
इन्हीं पत्थरों से राम मंदिर (Ram Mandir) में सिंह द्वार, नित्य मंडप, गुण मंडप, और गर्भ गृह का निर्माण हुआ है। जिससेराम मंदिर (Ram Mandir) की छवि अलौकिक होती दिख रही है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर के फर्श का निर्माण सफेद मकराने के उच्च कोटि के पत्थरों से किया गया है। फर्श पर सफेद मार्बल लगाए गए हैं।

राम मंदिर (Ram Mandir) की खिड़कियों को भी बंशी पहाड़पुर के ही लाल बलुआ पत्थरों से ही बनाया गया है। राम मंदिर (Ram Mandir) का चौखट का निर्माण मकराना के सफेद पत्थरों से हुआ है। जानकर हैरानी होगी कि राम मंदिर (Ram Mandir) की नींव के लिए बंशी पहाड़पुर और मिर्जापुर के ग्रे रंग के पत्थरों का उपयोग किया गया है। इन पत्थरों में काफी मजबूती होती हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि राम मंदिर (Ram Mandir) आंदोलन के समय ही इस पत्थर का चयन किया गया था। इसी के साथ इन्हीं पत्थरों में से करीब सवा लाख घन फुट पत्थरों को तराश करराम मंदिर (Ram Mandir) की पहली मंजिल के लिए तैयार भी कर लिया गया था।
राम मंदिर (Ram Mandir) में 1 किलोमीटर का है परकोटा
राम मंदिर (Ram Mandir) के प्रांगण में करीब 5 एकड़ में परकोटा का निर्माण किया गया है। जिसमें राजस्थान के ही जोधपुर के ही पत्थरों का निर्माण किया गया है। जैसा कि राम मंदिर (Ram Mandir) ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर जो तस्वीरें साझा की जाती हैं, उनमें इन पत्थरों को अब नक्काशी में ढाल कर इनकी चमक और दमक के साथ इनकी भव्यता और दिव्यता देखते ही बनती है।

राम मंदिर (Ram Mandir) का परकोटा लगभग 800 मीटर की परिधि में आयातकार में हुआ है। परकोटे के चारों ओर पंचदेव मंदिर का भी निर्माण किया गया है। राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण में एक तरह से पूरे भारत का ही योगदान है।
जानकारी के लिए बता दें, (Ram Mandir) के निर्माण में देश के सभी राज्यों से मदद हुई है। देश के सभी मुख्य नदियों से जल मंगाया जा रहा है। (Ram Mandir) में देश ही नहीं विदेशों से भी लोग अपनी-अपनी क्षमता अनुसार सहयोग कर रहा है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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