अयोध्या (Ayodhya)में राम मंदिर के निर्माण के साथ ही राम नगरी सज रही है।
अपने आराध्य के स्वागत के लिए रामनगरी में हर चौक चौराहे को भी सजाया और सवांरा जा रहा है। जिससे दर्शन करने आने वाले भक्तों को नव्य-भव्य अयोध्या (Ayodhya) से परिचय हो सके। राम मंदिर बनने से पहले जो लोग अयोध्या (Ayodhya) आए होंगे, उन्हें राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या (Ayodhya) का नया रूप देखने को मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रयासों से अयोध्या (Ayodhya) को पुरातन संस्कृति के साथ-साथ देश की कला-संस्कृति से भी जोड़ा जा रहा है।
बताते चलें कि अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर बनने के बाद दर्शन के लिए देश ही नहीं विदेश से भी भक्त गण अपने आराध्य के लिए रामलला के दर्शन के लिए आएंगे। ऐसे में स्थानीय प्रशासन एवं राज्य सरकार ने अयोध्या (Ayodhya) को अपने राज्य और देश की संस्कृति,कला, महान विभूतियों से परिचित करवाने का माध्यम बनाया है।

इसी कड़ी में रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में नया घाट पर स्वर कोकिला लता मंगेशकर चौराहे का निर्माण किया गया है। इस चौराहे पर स्वर कोकिला को समर्पित एक 40 फिट ऊंची और 14 टन वजनी वीणा को स्थापित किया गया है। अब ये चौराहा अयोध्या (Ayodhya) आने वाले भक्तों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। आइए अयोध्या (Ayodhya) में नव निर्मित इस चौराहे के बारे में जानते हैं
अयोध्या (Ayodhya) में स्वर कोकिला के नाम पर चौराहा
दरअसल, भारतीय गायन में लता मंगेशकर को स्वर कोकिला के नाम से जाना जाता है। हिंदी सिनेमा में लता दीदी के नाम से विख्यात लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज से कई गीतों को सजाया है। जब लता दीदी ने “ए मेरे वतन के लोगों” गाना गाया था, उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भावुक हो गए थे।

अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर बनने के साथ ही योगी सरकार ने स्वर कोकिला को समर्पित ये चौराहा किया है। नया घाट के नाम से चौराहा अब लता मंगेशकर चौराहा कहा जाएगा। करीब 7.9 करोड़ की लागत से बने इस चौराहे पर विशाल वीणा का निर्माण किया गया है। इस वीणा को बनाने वाले मूर्तिकार पद्मश्री राम सुतार हैं। वीणा पर मां सरस्वती के सुंदर चित्र के साथ इसपर सुंदर चित्रकारी भी की गई है। नया घाट पर लगी ये विशाल वीणा स्वर कोकिला के मधुर गायन का संदेश देती है।
अयोध्या (Ayodhya) में मिला कला-संस्कृति को सम्मान
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स्वर कोकिला के निधन के पश्चात सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम नगरी अयोध्या (Ayodhya) के इस चौराहे को स्वर कोकिला लता मंगेशकर की स्मृति में विकसित करने का निर्देश दिया था। जिसके फलस्वरूप अब ये चौराहा स्वर कोकिला लता मंगेशकर चौराहा कहलाता है। स्व. लता जी ने अपने पूरे जीवन काल में अनेकों ऐसे गीतों को अपना स्वर दिया, जिसे अन्य गायकों को आज भी गाने में सोचना होता है। ऐसा कहा जाता है कि उनके कंठ में साक्षात सरस्वती का वास था।

बताते चलें कि राम नगरी में राम मंदिर निर्माण के दौरान ही पूरे शहर को ही एक नई रूप में सजाया जा रहा है। बीते 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अब भव्य-दिव्य राम मंदिर का विशाल रूप तैयार हुआ है। जिसमें आगामी 22 जनवरी को देश के पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एवम अन्य गणमान्य मेहमानों की उपस्थिति में काशी के कर्मकांडी विद्वानों के द्वारा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया जाना है।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।