भारत रत्न (Bharat Ratan) भारत देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।
जिसे खेल, कला,साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय और असाधारण कार्य करने वाली विभूतियों को दिया जाता है। हालांकि, खेल जगत में भारत रत्न (Bharat Ratan) देने की परंपरा की शुरूआत काफी बाद में हुई, जब क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न (Bharat Ratan) दिया गया। सचिन तेंदुलकर ही एक मात्र भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्हें अभी तक भारत रत्न (Bharat Ratan) दिया गया है, इन्हीं के लिए संविधान में संशोधन करके खेल के क्षेत्र में भी भारत रत्न (Bharat Ratan) देने की शुरुआत की गई। आइए जानते हैं कि भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratan) का इतिहास:
आज यानी 2 जनवरी 1954 को ही भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इस पुरस्कार को भारत में देने की शुरुआत की थी। भारत रत्न (Bharat Ratan) देने की सिफारिश भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से करते हैं। जिसके बाद राष्ट्रपति तय करके अमुक व्यक्ति को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratan)” दिया जाता है।
भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति द्वारा एक पदक और हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस सम्मान के साथ अतिरिक्त कोई राशि नहीं दी जाती है। हालांकि, यह आवश्यक नहीं कि भारत रत्न (Bharat Ratan) हर वर्ष दिया जाए। हालांकि, भारत रत्न (Bharat Ratan) के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती है। भारत का कोई भी व्यक्ति बिना किसी जाति, धर्म, पेशे, पद, लिंग के आधार पर बिना भेदभाव के योग्य हो सकता है। भारत रत्न (Bharat Ratan) सिर्फ साल भर में तीन बार ही दिया जाता है।

भारत रत्न (Bharat Ratan) की डिजाइन
बताते चलें कि सबसे पहले भारत रत्न (Bharat Ratan) की डिजाइन में 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण पदक होता था। जिसके ऊपर हिंदी में भारत रत्न (Bharat Ratan) लिखा हुआ था। पदक के नीचे की तरफ पुष्पहार बना हुआ था। इसके पीछे राष्ट्रीय चिन्ह और वाक्य लिखा होता था। इसके बाद भारत रत्न (Bharat Ratan) में बदलाव किया गया और तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। इसके नीचे चांदी में भारत रत्न (Bharat Ratan) लिखा रहता है।

बताते चलें कि अब तक भारत के इतिहास में 48 लोगों को ही भारत रत्न (Bharat Ratan) सम्मान दिया गया है। अंतिम बार यह सम्मान वर्ष 2019 में दिया गया था। वर्ष 2019 में कला क्षेत्र से भूपेन हजारिका( मरणोपरांत) , सेवा क्षेत्र से नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और लोक कार्य के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न (Bharat Ratan) से सम्मानित किया गया था।
भारत रत्न (Bharat Ratan) प्राप्तकर्ता को मिलती हैं ये सुविधाएं

भारत रत्न (Bharat Ratan) प्राप्तकर्ता को सरकारी कार्यालयों में विशेष सुविधाएं मिलती हैं। मसलन, रेलवे में मुफ्त यात्राओं की सुविधा मिलती है। भारत रत्न (Bharat Ratan) प्राप्त कर्ता को वारंट ऑफ प्रेसिडेंस में स्थान मिलता है, साथ ही उनका प्रोटोकॉल भी चलता है। भारत रत्न (Bharat Ratan) प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के रूप में वरीयता दी जाती है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।