नीतीश कुमार बिहार में एनडीए गठबंधन के साथ नई सरकार बना चुके हैं।
हालांकि, सरकार भले नई हो लेकिन मुख्यमंत्री वही पुराने नीतीश कुमार हैं। जी हां बताते चलें कि पिछले कई दिनों से बिहार की राजनीति में कुछ भी सही नहीं चल रहा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अनबन की खबरें सामने आ रही थी। जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार राजद के साथ छोड़कर एक बार फिर अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ मिल सकते हैं।
ऐसा हुआ भी कल यानी बीते रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अपने दलों के नेताओं के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा बिहार के राज्यपाल को सौंप दिया। इसके बाद बीजेपी के समर्थन से दोबारा नीतीश कुमार बिहार के नए और नौवीं बार मुख्यमंत्री बन जाते हैं।
हालांकि, नीतीश कुमार बिहार ही नहीं देश की राजनीति में भी इनदिनों महत्वपूर्ण भूमिका में थे। बीजेपी के साथ पकड़ने से पहले नीतीश कुमार ने ही पटना में इंडिया गठबंधन बनने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई थी। दरअसल, आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस सहित क्षेत्रीय दलों का (जिसमें सपा, राजद, जदयू,आप समेत कई छोटे बड़े दल) का एक गठबंधन तैयार हुआ था। जिसकी पिछले दिनों कई बैठकें भी हुई, जिनमें नीतीश कुमार ने संयोजक की भूमिका निभाई थी।
नीतीश कुमार पर बरसे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव
ऐसे में नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ मिल जाना अन्य दलों के बड़े नेताओं को रास नहीं आ रहा है। जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की है। अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा है,” भाजपा अपने जीवनकाल में इतनी कमज़ोर कभी नहीं थी, जितनी आज हो गयी। आज विश्वासघात का नया कीर्तिमान बना है। जनता इसका करारा जवाब देगी। कोई आप पर विश्वास न करे, एक व्यक्ति के रूप में किसीकी इससे बड़ी हार और कुछ नहीं हो सकती।”

इसके बाद अखिलेश यादव ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि,” ये भाजपा का लोकसभा चुनाव हारने की हताशा का नतीजा है… जिसने साज़िश करके एक भावी प्रधानमंत्री को अपने साथ मिलाकर मुख्यमंत्री के पद तक ही सीमित कर दिया।
भाजपा ने बिहार की जनता का अपमान किया है और जनमत का भी। जनता इस अपमान का जवाब भाजपा गठबंधन को लोकसभा का चुनाव हराकर देगी। बिहार का हर निवासी अपना अगला वोट, बिहार के सम्मान को बचाने के लिए डालेगा और भाजपा को हराने के लिए।”

दरअसल, अखिलेश यादव भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। उन्होंने इंडिया गठबंधन बनने के शुरुआत से ही नीतीश कुमार को सीएम का फेस बताया था। ऐसे में अब जब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है तो उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की है। इससे पहले अखिलेश यादव ने एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस को भी इस बात का जिम्मेदार बताया था। उन्होंने कहा,” नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में बनाए रखने की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की थी। देश में विपक्ष और इंडिया गठबंधन में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है।
ऐसे में कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती थी। यदि नीतीश कुमार को कोई दिक्कत थी, तो कांग्रेस पार्टी को बात करनी चाहिए थी। कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी बनती थी ,नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनाए रखने की। कांग्रेस को जिस तत्परता के साथ बिगड़े हालात संभालने चाहिए थे, उसने ऐसा नहीं किया। अखिलेश यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन में ऐसा कोई भी नेता नहीं है जो नीतीश कुमार का सम्मान न करता हो। हर पार्टी उनका सम्मान करती है। ”

जानकारी के लिए बता दें कि इंडिया गठबंधन भी अब लगभग टूट ही चुका है। जहां बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले ही लोकसभा 2024 का चुनाव अकेले लड़ने का एलान किया है। वहीं पंजाब में भी आम आदमी लोकसभा की 13 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ने जा रही है। यूपी में गठबंधन की हालत काफी खराब है। यूपी में सपा का वोटबैंक अच्छा होने के कारण अखिलेश यादव ने कांग्रेस को केवल 11 सीटों का ही आफर किया है। ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर देश की राजनीति में पिछड़ती नजर आ रही है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।