Kisan Andolan : एक बार फिर दिल्ली में किसान आंदोलन की आहट
किसान एक बार किसान अपने खेतों को छोड़कर देश की राजधानी दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। एक बार फिर Kisan Andolan का रूप दिल्ली की और बढ़ती भीड़ इशारा कर रही है। बताते चलें की दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है,ऐसे में सरकार की पुरजोर कोशिश है कि इस बार किसानों की ये भीड़ Kisan Andolan का रूप न लेने पाएं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और किसान संगठनों के बीच चंडीगढ़ में सोमवार रात करीब साढ़े पांच घंटे बैठक चली, लेकिन बात नहीं बनी।
रात करीब 11:30 बजे बैठक से बाहर आकर किसान नेताओं ने मंगलवार को सुबह दस बजे दिल्ली कूच की घोषणा कर दी। सूत्र बता रहे हैं कि एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून को लेकर बातचीत अटक गई। केंद्रीय मंत्रियों ने एक कमेटी बनाकर मांगों को हल करने का प्रस्ताव दिया लेकिन किसान संगठन इस पर सहमत नहीं हुए।
ऐसे में एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली में Kisan Andolan की आहट सुनाई दे रही है। रात करीब 11:30 बजे बैठक से बाहर आकर किसान नेताओं ने मंगलवार को सुबह दस बजे दिल्ली कूच की घोषणा कर दी। सूत्र बता रहे हैं कि एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून को लेकर बातचीत अटक गई। केंद्रीय मंत्रियों ने एक कमेटी बनाकर मांगों को हल करने का प्रस्ताव दिया लेकिन किसान संगठन इस पर सहमत नहीं हुए।
भाकियू सिद्धपुर के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमारी मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देना और किसानों की कर्ज माफी था। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया, जो हमने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि ऐसी कमेटियां तो बार-बार बनती रही हैं। सरकार ने हमारी यह मांग मानने की बात कही थी और अब इसे लागू करने की घोषणा करे।

डल्लेवाल ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा में किसानों को रोकने के लिए प्रबंध किए जा रहे थे, उससे साफ था कि सरकार की मंशा हमारी मांगों को मानने की नहीं है। सरकार ने किसान नेता रमनदीप सिंह मान, तेजवीर सिंह, सरवण सिंह पंधेर के एक्स अकाउंट भी बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पास सुबह तक का समय है, अगर वह इस दौरान कोई घोषणा करती है तो हम विचार करेंगे। हालांकि, सुबह 10 बजे दिल्ली चलो के अपने फैसले पर कायम रहे और इसी कड़ी में किसानों का एक बड़ा दल दिल्ली कूच कर रहा है।
बैठक में शामिल केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत बहुत अच्छे माहौल में हुई है। किसान संगठन की अधिकतर मांगों पर सहमति भी बनी, लेकिन कुछ मुद्दों पर हमने किसानों की कमेटी बनाकर उन पर विचार करने का प्रस्ताव दिया। जिस पर सहमति नहीं बन पाई। यह देशभर के किसानों और जन मानस से जुड़े मुद्दे हैं और हमें विश्वास है कि किसान संगठन हमारे प्रस्ताव पर विचार करेंगे और हम एक बार फिर बैठकर बातचीत से हर मसले को हल कर लेंगे। केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच दो दौर की कर उन बातचीत हुई।
Kisan Andolan : किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने देने की तैयारी
किसानों के दिल्ली कूच करने के एलान के मद्देनजर हरियाणा और दिल्ली में कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। हरियाणा ने पंजाब से लगती सीमाएं सील कर दी हैं तो राजधानी में पुलिस ने तय किया है कि किसी भी हालत में किसानों को ट्रैक्टर, बस व अन्य वाहनों से घुसने नहीं दिया जाएगा। भारी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त कानून-व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि अगर कोई मेट्रो, ट्रेन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट व अन्य तरीके से घुसने में कामयाब हो भी गया तो पहचान होते ही हिरासत में ले लिया जाएगा।

वहीं किसानों के इस कदम पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों के हक में काम कर रही है, लेकिन एमएसपी के मुद्दे पर किसानों को कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का काम मोदी सरकार ने किया है। धान और गेहूं की कीमतों में वृद्धि करने के साथ कांग्रेस सरकार के समय से दो गुना फसलों की खरीद भी मोदी सरकार ने ही शुरू की है। मंडियों को आनलाइन कर किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया जा रहा है।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।