Varanasi : कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा अलविदा
Dr. Rajesh Mishra ने कांग्रेस का हाथ छोड़ मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। 2004 से 2009 तक वह Varanasi से कांग्रेस के सांसद थे। उन्होंने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा महासचिव अरुण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पार्टी के मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की मौजूदगी में भगवा दल की सदस्यता ग्रहण की।
इस तरह उन्होंने 25 साल पुराने संबंध को तोड़ दिया। वह लंबे समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश की भदोही सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन यह सीट गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है।
Varanasi : बनारस की जमीन से जुड़े नेता रहे हैं राजेश मिश्रा
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व सांसद Rajesh Mishra को सलेमपुर सीट से उतारा था। वो इस बार भी टिकट के दावेदार थे। इस बार उन्होंने देवरिया या भदोही से लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। अब माना जा रहा है कि वह भाजपा के टिकट से भदोही से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
बीएचयू छात्रसंघ उपाध्यक्ष से सांसद तक का सफर : पूर्वांचल और Varanasi की सियासत में Dr. Rajesh Mishra ब्राह्मणों के बीच एक जाना पहचाना चेहरा हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में एमए और पीएचडी की डिग्री हासिल करने के साथ ही परिसर से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। समाजवादियों के मंच से 1982 में छात्रसंघ चुनाव मैदान में उतरे और उपाध्यक्ष बनें।

इस चुनाव (अध्यक्ष मनोज सिन्हा व महामंत्री अनिल श्रीवास्तव निवाचित हुए थे।) इसके बाद 1984 में छात्रसंघ अध्यक्ष के लिए ताल ठोकी लेकिन जीत हाथ नहीं लगी। इसके बाद 1996 से 2004 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य रहे। कांग्रेस में 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल के खिलाफ उम्मीदवार बनाया।
हालांकि इस चुनाव में वह हार गए। कांग्रेस ने दोबारा उन पर विश्वास जताया और 2004 में Dr. Rajesh Mishra को फिर Varanasi से टिकट दिया गया। इस बार उन्होंने पार्टी को निराश नहीं किया और शंकर प्रसाद जायसवाल को शिकस्त में दी। इसके बाद कांग्रेस ने वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव में भी उनको उतारा लेकिन वोटों के ध्रुवीकरण के कारण वो चौथे नंबर पर रहे। बीजेपी से डा. मुरली मनोहर जोशी ने हासिल की। बीएसपी से मुख्तार अंसारी दूसरे स्थान पर और बीजेपी से बगावत कर मैदान में उतरे अजय राय तीसरे नंबर पर रहे।

वहीं कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने के बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई। Varanasi कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने पूर्व सांसद Dr. Rajesh Mishra के भाजपा में शामिल होने पर एक बयान जारी कर कहा कि इससे पार्टी को कोई नुकसान नहीं हुआ बल्कि अब पार्टी के अंदर गुटबाजी खत्म हो गई। कांग्रेस ने पूर्व सांसद को बहुत सम्मान दिया। अब जब पार्टी के लिए संघर्ष का समय था तो वह पार्टी छोड़ दिए । पार्टी ने कई बार लोकसभा चुनाव में टिकट दिया। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनावी कमेटी का सदस्य बनाया। आजीवन एआइसीसी सदस्य, प्रदेश में महासचिव व उपाध्यक्ष रहे। हर चुनाव में टिकट बंटवारे तक भूमिका रही।
जानकरी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अजय राय पर भरोसा जताते हुए डा. मिश्रा का दिकट काट दिया। तीन साल बाद कांग्रेस ने एक बार फिर विधानसभा चुनाव में वाराणसी शहर दक्षिणी विधानसभा सीट से उनको उम्मीदवार बनाया लेकिन भाजपा के डा. नीलकंठ तिवारी ने Dr. Rajesh Mishra को मात दे दी। के आम चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने Dr. Rajesh Mishra को टिकट दिया। इस बार उन्हें गृहक्षेत्र देवरिया ज़िले की सलेमपुर सीट से उतारा लेकिन वहां उनको महज 27 हजार 288 वोट मिले।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।