Varanasi : काशी में पर्यटकों को होगी सुविधा
धर्म नगरी Varanasi में मंदिरों के दर्शन और अन्य पर्यटन स्थलों को घूमना अब और भी आसान होने वाला है। बता दें Varanasi शहर में नई ई-बसों का संचालन होने वाला है। जो शहर और बाहर से आए यात्रियों को पूरे Varanasi शहर का भ्रमण करने में सुविधा होगी। ये बसें वाराणसी के प्रमुख मंदिरों के साथ अन्य पर्यटन स्थलों तक ले जाएंगी। दरअसल, वाराणसी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काशी दर्शन बस सेवा शीघ्र प्रारंभ होगी। लोकार्पण की भी तैयारी पूरी कर ली गई है। बस से काशी दर्शन के लिए पर्यटकों को 500 रुपये प्रति व्यक्ति किराया अदा करना होगा।
दरअसल, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीते दिनों काफी संख्या में पर्यटकों का आना हुआ है। बताते चलें कि गंगा के किनारे बसा वाराणसी शहर आध्यात्म, शिक्षा, दर्शन, योग, ध्यान ,गीत-संगीत का सबसे बड़ा केंद्र है। Varanasi यूपी ही नहीं पूरे देश की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात है। मंदिरों के इस शहर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक काशी विश्वनाथ का भी मंदिर है। जिसके दर्शन करने हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु वाराणसी आते हैं।
Varanasi : 500 रुपए में पूरे शहर का होगा नगर भ्रमण
Varanasi रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर सारनाथ है, जहां गौतम बुद्ध ने पहली बार ज्ञान प्राप्त करने के बाद अपना उपदेश दिया था। हालांकि, जब से काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का भव्य निर्माण हुआ है। यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हुआ है। जिसके ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन की पूरी कोशिश है कि आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए जाए। ऐसे में इन बस सेवाओं का संचालन इन्हीं प्रयासों की एक कड़ी है।

कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की मंगलवार को 28वीं बैठक में इस पर सहमति जताई गई। साथ ही पर्यटकों की सुविधा के लिए कस्टमर केयर नंबर जारी करने को हरी झंडी दी गई। बैठक में पूर्व के कार्यवृत्ति को अनुमोदित कर इलेक्ट्रिक एसी बसों में मासिक पास निर्गत किए जाने के संबंध में काशी पास पर सहमति जताई गई। बैठक में जिलाधिकारी एमराजलिंगम , नगर निगम तथा सिटी ट्रांसपोर्ट से संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

यह बस सुबह नौ बजे कैंट स्टेशन से यात्रियों को लेकर चलेगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव मंदिर पर ठहरेगी। नमो घाट के बाद यात्रियों को लेकर सारनाथ पहुंचेगी। यहां डेढ़ घंटे तक ठहराव होगा। इस बीच यात्री बुद्ध स्टेच्यू, म्यूजियम, धमेख स्तूप और सारनाथ बुद्धिस्ट टेंपल का भ्रमण कर सकेंगे। तुलसी मानस मंदिर, दुगांकुंड के बाद संकट मोचन मंदिर तक जाएगी। अंत में यह बस यात्रियों को वापस कैंट स्टेशन छोड़ देगी।

हालांकि, वर्तमान समय में भी वाराणसी शहर में ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। जो वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से वाराणसी के विभिन्न इलाकों में संचालित होती है। जिनमें कैंट स्टेशन से चलने वाली बसें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन, दुर्गाकुंड, सारनाथ, चौबेपुर में स्वर्वेद मंदिर, मार्कंडेय महादेव, रोहनिया स्थित शूलटंकेश्वर महादेव और रामनगर का किला तक संचालन प्रमुख रूप से होता है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।