CAA: पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
जिस CAA कानून का इंतजार पिछले चार सालों से देश कर रहा था। वो कल शाम को पूरे देश में लागू कर दिया गया। हालांकि, इस बात का इशारा पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने किया था कि देश में CAA आगामी लोक सभा चुनाव से पहले लागू किया जा सकता है। इसी के साथ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है।
उन्हें नागरिकता देने के लिए चार साल पहले बने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को केंद्र सरकार ने सोमवार को अधिसूचित कर दिया। इसके साथ ही यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। अब इन तीन देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के शरणार्थी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने पूरी प्रक्रिया को आनलाइन किया है और इसके लिए पोर्टल भी लांच किया जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व CAA को लागू करने का एलान कर दिया था। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी करने के साथ ही भाजपा ने 2019 के चुनाव में किया अपना एक और वादा पूरा कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक CAA को अधिसूचित किए जाने के बाद नागरिकता के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
CAA: जानिए इन लोगों को दी जाएगी नागरिकता
कुछ चुनाव समस्यायों की आशंका को देखते हुए पूरी प्रक्रिया को आनलाइन बनाया गया है। इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले पात्र कुछ अल्पसंख्यक आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की जांच कर गृह मंत्रालय उन्हें नागरिकता का सर्टिफिकेट जारी कर देगा। आवेदन के लिए संबंधित देश से आने का कोई प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं होगी। आवेदक को सिर्फ यह साबित करना होगा कि वह 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गया था।

इसके लिए भी नियम तय कर दिए गए हैं। आवेदकों को अपने वैध या खत्म हो चुके विदेशी पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण मसलन, भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र की प्रति या मैरेज रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र की प्रति वैध प्रदान करनी होगी। इन दस्तावेज को जमा करना अनिवार्य नहीं है और इन्हें उपलब्ध होने पर ही देने का प्रविधान किया गया है।
CAA: नागरिकता संशोधन कानून लाने का क्या है उद्देश्य
सीएए का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले व्यक्तियो की रक्षा करना है। सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश व पाकिस्तान से आए गैर मुस्लिमों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है। नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर छह साल किया गया है।
CAA: आवेदक को करनी होगी भारत को स्थायी घर बनाने की घोषणा
- भारत में कम-से-कम 12 महीने बिताने के बाद ही यहां की नागरिकता चाहने वाले लोग सीएए के तहत आवेदन के पात्र माने जाएंगे।
- आवेदकों को यह घोषणा करनी होगी कि वे वर्तमान नागरिकता को त्याग रहे हैं और भारत को स्थायी घर बनाना चाहते हैं।
- आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद आवेदकों को शपथ लेनी होगी कि वे विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति आस्था और निष्ठा रखेंगे।
- उन्हें यह शपथ भी लेनी होगी कि वे भारत के नागरिक के रूप में ईमानदारी से कानूनों का पालन करेंगे और कर्तव्यों को पूरा करेंगे।
- दिसंबर 2019 में संसद की दोनों सदनों ने सीएए पारित किया था। कानून का उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार गैर मुस्लिमों को नागरिकता देना था।
- दशकों से इन अल्पसंख्यकों को लंबी अवधि के वीजा पर भारत में रहना पड़ता था और उन्हें इसका बार-बार नवीनीकरण करना पड़ता था। उन्हें दस्तावेज भी देने पड़ते थे।
- घर-बार छोड़कर भागने वालों के पास दस्तावेज नहीं होते। सीएए के तहत इन तीन देशों से होने का दस्तावेज देने की आवश्यकता को खत्म कर दिया गया है।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।