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Bharat Ratna 2024कृषि क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को दिया जाएगा भारत रत्न

Bharat Ratna 2024 : एमएस स्वामीनाथन ने कृषि के लिए छोड़ी थी पुलिस की नौकरी

भारत सरकार ने एमएस स्वामीनाथन को Bharat Ratna 2024 देने का एलान किया है। बताते चलें की एमएस स्वामीनाथन ने भारत में कृषि के लिए कई बड़े काम किए। पीएम मोदी ने कृषि क्रांति के जनक और वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को Bharat Ratna 2024 की घोषणा करते हुए लिखा,”यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को Bharat Ratna 2024 से सम्मानित कर रही है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है, भारत की एक बड़ी जनसंख्या देश के गांवों में निवास करती है। आजादी से पहले और आजादी के बाद भारत में कृषि में की दशा ठीक नहीं थी। वर्ष 1947 में भारत को आजादी तो मिल गई थी, लेकिन भारत में गरीबी,भुखमरी अपनी चरम सीमा पर थी। ब्रिटिश शासनकाल में भी खेती-बाड़ी की दशा बेहद ही दयनीय थी। समय-समय पर अकाल का आना,लगान जैसी समस्याओं ने भारत में कभी किसानी की दशा को सुधरने नहीं दिया।

Bharat Ratna 2024
कृषि क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन भी होंगे सम्मानित

भारत के लिए यह भावना बन चुकी थी कि कृषि से जुड़े होने के बावजूद भारत के लिए भुखमरी से निजात पाना कठिन है। जिसके पीछे वही पुराने तरीके से खेती का होना था। भारत के किसान न तो अच्छे बीजों और न ही उपकरणों का उपयोग करते थे। जिससे भारत कृषि प्रधान होने के बाद भी भुखमरी और गरीबी से जीने को मजबूर था।

ऐसे में आजादी के बाद एमएस स्वामीनाथन ने ही भारत कृषि परंपरा को सुधारने का प्रयास किया। एमएस स्वामीनाथन ही ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने सबसे पहले गेहूँ की एक बेहतरीन किस्म मैक्सिकन गेहूँ की खोज की। स्वामीनाथन की इस खोज से भारत का दुनिया में गेहूं को लेकर कद बढ़ा। स्वामीनाथ की इस उम्दा खोज से भारत के गेहूँ उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। इसलिए, स्वामीनाथन को “भारत में हरित क्रांति का जनक” माना जाता है।

Bharat Ratna 2024
कृषि क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को दिया जाएगा भारत रत्न

भारत में स्वामीनाथन के खोजों का ही परिणाम है कि विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े देश भारत को अन्न की कोई कमी नहीं होती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में ऑस्ट्रेलिया जितनी जनसंख्या के बराबर हर वर्ष भारत की जनसंख्या बढ़ती है। ऐसे में स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना कृषि को सम्मानित किए जाने के बराबर ही है। ऐसे में आज जब स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया जा रहा है तो आइए जानते हैं उनके जीवन से जुडी हुई विशेष बातें

Bharat Ratna 2024 : भारत में कृषि के जनक थे एमएस स्वामीनाथन

दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1943 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा था। देश में पड़े इस भीषण अकाल ने स्वामीनाथन को अंदर झकझोर कर रख दिया था। देश में कृषि को सुधारने के लिए उन्होंने 1944 में मद्रास एग्रीकल्चरल कॉलेज से कृषि विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। इसके बाद स्वामीनाथन ने 1947 में स्वामीनाथन ने आनुवंशिकी और पादप प्रजनन के अध्ययन के लिए दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) आ गए। आनुवंशिकी और पादप प्रजनन के अध्ययन के बाद एमएस स्वामीनाथन ने 1949 में साइटोजेनेटिक्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

Bharat Ratna 2024
कृषि क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को दिया जाएगा भारत रत्न

हालांकि, कृषि की पढाई से एमएस स्वामीनाथन के ने परिवाले नाखुश थे। स्वामीनाथन का परिवार चाहता था कि वे सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करें। स्वामीनाथन ने अपने परिवार की इच्छाओं का सम्मान किया। स्वामीनाथन ने सिविल सेवा की परीक्षा दी,और भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन भी हुआ। उसी दौरान नीदरलैंड में आनुवंशिकी में यूनेस्को फेलोशिप के रूप में कृषि क्षेत्र में एक मौका मिला। स्वामीनाथन ने पुलिस सेवा को छोड़कर नीदरलैंड जाना सही समझा। 1954 में वह भारत आ गए और यहीं कृषि के लिए काम करना शुरू कर दिया।

एमएस स्वामीनाथन को उनके काम के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें पद्मश्री (1967), पद्मभूषण (1972), पद्मविभूषण (1989), मैग्सेसे पुरस्कार (1971) और विश्व खाद्य पुरस्कार (1987) महत्वपूर्ण हैं। वर्ष 28 सितंबर 2023 को भारत के खेतों में सोना उगाने वाला मां भारती का ये सच्चा सपूत मां भारती की गोद में सदा के लिए चिरनिद्रा में चला गया।

Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

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