संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के द्वारा 20 दिसंबर 2005 को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस (International Human Solidarity Day) का आयोजन किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी घोषणा (United Nation Declaration) के अनुसार एकजुटता उन मूलभूत आवश्यकताओं का मूल तत्व है, जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की नींव के लिए बेहद आवश्यक है। इसीलिए, प्रत्येक वर्ष भारत सहित पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य “विविधता में एकता” और विश्व भर के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का है। विश्व में लोगों के बीच एकजुटता का होना बेहद ही आवश्यक है, और विश्व कल्याण का रास्ता साफ करती है। लोगों में एकता का होना किसी भी राज्य के लिए नितांत जरूरी है। आइए जानते हैं इस दिन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को:
संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली ने रेसोल्यूशन 60/209 के तहत मानव एकता (Human Unity) को मौलिक अधिकार(Fundamental Rights) के रूप में मान्यता दी है। बताते चलें कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के पीछे भी विश्व के सभी देशों के लिए एक सयुक्त मंच तैयार करना था। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के पूर्व विश्व में दो विश्व युद्ध हो चुके थे। इन दो युद्धों में काफी तबाही हुई थी, जिसमें जान माल की हानि खतरनाक स्तर पर हुई थी। इसी समस्या से निपटने के लिए संघ की स्थापना हुई, जिससे विश्व के सभी देशों को अपनी बात कहने का एक मंच मिल सके। जिससे विश्व भविष्य में इन भयावह युद्धों से बच सके।

चूंकि संयुक्त राष्ट्र संघ, पूरे विश्व में मानव के हितों की रक्षा करने वाली संस्था है। इसीलिए राष्ट्र संघ द्वारा एकजुटता के महत्व को बताने और जन जागरूकता बढ़ाने और विश्व कल्याण के लिए यह दिन मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस की थीम हर साल एक ही रहती है। इस दिन को पूरे विश्व में गरीबी, अशिक्षा, भेदभाव, को मिटाकर आर्थिक समानता, सहयोग और सामाजिक न्याय की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता क्यों है जरूरी
दरअसल, मानव में एकता का होना बेहद जरूरी है। यदि हम विश्व इतिहास को देखें तो ज्ञात होता है कि जितने भी महान कार्य और ऐतिहासिक घटनाएं हुई है, वह केवल मानवीय एकता के कारण ही संभव हो पाई है। देश को आजाद करना हो, सदियों से जड़ें जमा चुकी कोई कुरीति या अन्य किसी भी प्रकार का सकारात्मक बदलाव हो लोगों की एकता के कारण ही संभव हो पाई है। जब लोग एक होकर किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो बड़े-बड़े राजवंशों की जड़ें भी हिल जाती है।

आज 21वीं सदी में देखा जा रहा है की बड़े देश छोटे देशों पर अधिकार करने के लिए युद्ध कर रहे हैं। उन्हें भुखमरी, गरीबी, अशिक्षा, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार, आतंकवाद जैसे जघन्य कृतियों को करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। मानव ही मानव के खिलाफ आधुनिक होती दुनिया में खड़ा हो गया है। ऐसे में आज का दिन मानवता के लिए एक नई दिशा की राह दिखाता है। आज रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध, चीन- तिब्बत विवाद, गृह युद्ध न जाने ऐसे कितनी घटनाएं हैं, जो इस बात का संकेत करती हैं कि आज भी विश्व स्तर पर इन घटनाओं की रोकथाम के लिए सोचने और समझने की जरूरत है।

अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस का लक्ष्य
1. विविधता में एकता का प्रदर्शन
2. लोगों में एकता और बंधुत्व को बढ़ावा देना
3. अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मजबूती
4. सर्वांगीण विकास के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाना
5. सतत विकास को बढ़ावा देना
6. वैश्विक स्तर पर शांति को बढ़ावा देना

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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