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AI BHASHINI APPAI BHASHINI APP

वाराणसी में पीएम मोदी ने 17 दिसंबर को काशी तमिल संगमम का उद्घाटन किया।

इस बार यह आयोजन काशी में गंगा किनारे नव निर्मित नमो घाट पर हुआ। इस बार के आयोजन में कई नए बदलाव देखने को मिले। इस बार इस आयोजन में AI टूल का भी इस्तेमाल किया गया। वाराणसी में काशी तमिल संगमम का यह दूसरा चरण है, इससे पहले वर्ष 2022 में यह आयोजन काशी में हो चुका है। अभी हाल ही में पीएम ने एक कार्यक्रम में AI को लेकर चर्चा की थी। पीएम ने इसके लाभ और नुकसान चर्चा के साथ अन्य कई बातों पर चर्चा की थी। ऐसे में इस बार जब काशी तमिल संगमम के आयोजन में AI टूल BHASHINI का प्रयोग हुआ तो भाषा सम्बंधित दूरियां भी मिट गई।

दरअसल, जब पीएम मोदी ने उद्घाटन के बाद तमिल और काशी के लोगों को संबोधन शुरू किया, पीएम मोदी ने मंच से कहा- तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना। तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है- मदुरई मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना है, इसलिए तमिलनाडु का काशीवासियों के बीच हृदय में जो प्रेम है, जो संबंध है,वह अलग भी है और अद्वितीय है।

मुझे विश्वास है काशी के लोग आप सभी की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे होंगे।उन्होंने कहा आप जब यहां से जाएंगे तो बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ-साथ काशी का स्वाद,काशी की संस्कृति और काशी की स्मृतियां भी ले जाएंगे। आज यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से टेक्नोलॉजी का नया प्रयोग भी हुआ है,एक नई शुरुआत हुई है। और उम्मीद है इससे आप तक मेरी बात पहुंचाना और आसान हुआ है।

उनकी आवाज को हिंदी से तमिल भाषा में अनुवाद किया गया। यह अनुवाद AI टूल “भाषिणी” की मदद से हुआ। इस टूल की मदद से पीएम का संदेश उन लोगों तक भी पहुंचा जो हिंदी समझ और लिख नहीं सकते हैं।

आइए जानते हैं AI टूल “भाषिणी” BHASHINI के बारे में मुख्य बातें:

पीएम मोदी

क्या है AI BHASHINI APP

दरअसल, भाषिणी टूल भारत में बोली और लिखी जाने वाली भाषाओं को लिखने, बोलने और सुनने का जरिया है। यह टूल AI पर आधारित भाषा अनुवाद पद्धति पर काम करता है। इसी के साथ इस टूल की मदद से अलग-अलग भाषा का अनुवाद और लेखन किया जा सकता है। बताते चलें कि पीएम मोदी ने इस डिजिटल इंडिया Bhashini को वर्ष 2022 में गुजरात में उद्घाटन के दौरान पेश किया था। इस टूल की मदद से सभी भारतीयों तक इंटरनेट की सुविधा को उपलब्ध कराना है। भाषिणी के साथ विभिन्न भाषाओं में डिजिटल सेवा को आसान बनाया जा रहा है।

कैसे करें AI भाषिणी BHASHINI का उपयोग

इस AI टूल को उपयोग करना बेहद ही आसान है। इसे यूजर अपने मोबाइल फ़ोन में प्लेस्टोरे से डाउनलोड कर सकता है। यह सुविधा एंड्रॉयड और आईओएस दोनों वर्जन के साथ उपलब्ध है।

कैसे काम करता है AI भाषिणी BHASHINI APP

दरअसल, भाषिणी ऐप पर अलग-अलग भाषाओं से जुड़े इनपुट जुटाए जाते हैं। इन इनपुट्स का एक बहुत बड़ा डेटाबेस तैयार होता है। इस डेटाबेस का इस्तेमाल AI को ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि ऐप का इस्तेमाल दूसरे यूज़र्स बेहतर तरीके से कर सके।

भारत में भाषिणी टूल भाषा तकनीक के तहत लाया गया है। इस टूल के माध्यम से कई तरह के काम किए जा सकते हैं। इसकी मदद से सरकारी पोर्टल, MSME और स्टार्टअप अपनी सेवाओं को भारत की विभिन्न भाषाओं में भी दे पाएंगे। यह टूल उन लोगों के लिए मददगार साबित होगा जो एक से ज्यादा भाषा नहीं जानते हैं और अन्य भाषा का कंटेंट पढ़ना चाहते हैं। भाषिणी ऐप अन्य भाषा में लिखने में भी मदद करेगा। इससे हिंदी भाषी राज्यों का सम्बंध दक्षिण भारतीय राज्यों से आसानी से हो सकेगा।

Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

One thought on “पीएम मोदी ने अपने भाषण में प्रयोग किया AI टूल BHASHINI, जानिए इसके बारे में”
  1. […] पीएम मोदी ने कहा कि आज पेश हुए बजट में युवा भारत की युवा आकांक्षाओं की परछाई दिखती है। इस बजट में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। आज के बजट में स्टार्टअप को टैक्स में छूट के दायरे को बढ़ाने पर भी विचार किया गया है। सरकार शोध और नवाचार पर 1 लाख करोड़ का फंड बनाने की घोषणा की गई है। इसमें राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए पूंजीगत व्यय को 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक ऊंचाई दी गई है।’ […]

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