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विश्व हिंदी दिवस

दुनियाभर में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि इस दिन का क्या महत्व है और इसे मनाने की शुरुआत कैसे हुईl

हर साल 10 जनवरी को दुनियाभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है. दुनियाभर में हिंदी के प्रति उत्साही लोगों द्वारा हिंदी के महत्व को याद रखने और एक भाषा के रूप में इसके सम्मान के लिए World Hindi Day मनाया जाता है. भले ही दुनियाभर में अंग्रेजी को बोलने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है. लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसे बोलने और समझने वाले लोग आपको दुनियाभर में मिल जाएंगे. हमारे देश के लोगों के लिए हिंदी मान, सम्मान और अभिमान की भाषा हैl

विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत 1949 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पहली बार हिंदी बोली जाने की वर्षगांठ के रूप में की गई थी. इसके बाद 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. तब से लेकर आज तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हिंदी सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं. हालांकि, पहली बार विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था. इस फैसले का ऐलान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के द्वारा किया गया था|

👉🏻विश्व हिंदी दिवस का महत्व?

विश्व हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस

इस दिन का मकसद भारतीय भाषा के बारे में जागरूकता पैदा करना और इसे दुनियाभर में वैश्विक भाषा के रूप में प्रचारित करना है. विश्व हिंदी दिवस भारतीय भाषा के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता पैदा करने और हिंदी भाषा के उपयोग और प्रचार को लेकर भी किया जाता है|

👉🏻कैसे मनाया जाता है ये दिन?

विदेश मंत्रालय इस दिन हर साल हिंदी को प्रमोट करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करता है. कभी-कभी इस अवसर को चिह्नित करने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा विशेष डाक टिकट जारी करके भी यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है. स्कूलों में इस दिन डिबेट, चर्चा, हिंदी कविता पाठ, साहित्य कक्षाएं, नाटक, क्विज और इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हिंदी क्लब समेत कई संगठन भी वाद-विवाद और चर्चा करते हैंl

👉🏻विश्व हिंदी दिवस बनाम हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है. वहीं हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में हिंदी भाषा के प्रचार और वैश्विक मान्यता पर केंद्रित है. दूसरी ओर, भारत में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस भारत में हिंदी भाषा की मान्यता पर केंद्रित है. हालांकि, गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों में इस भाषा को बढ़ावा देने के बारे में बहस होती रही है|

●राष्ट्रीय हिंदी दिवस विश्व हिंदी दिवस से कैसे भिन्न है?

विश्व हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस

अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया की व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भाषाई विविधता के रूप में अंग्रेजी, मंदारिन और स्पेनिश के बाद, हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी वैदिक संस्कृत के प्रारंभिक रूप की प्रत्यक्ष वंशज भी है।
हिंदी दिवस 14 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जो हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित करता है। इस बीच, विश्व हिंदी सम्मेलन या विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी को मनाया जाता है जो हिंदी भाषा पर एक शब्द सम्मेलन है।

👉🏻स्टूडेंट कॉर्नर :-

●वर्ष 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाए जाने वाले दिन को चिह्नित करने के लिये भारत में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
●काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंददास ने हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के क्रम में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
●हिन्दी आठवीं अनुसूची की भाषा भी है।
●अनुच्छेद 351 ‘हिंदी भाषा के विकास के लिये निर्देश’ से संबंधित है।
●वर्ष 1960 में भारत सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय के अधीन केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना की गई थी।

👉🏻● हिंदी भाषा

विश्व हिंदी दिवस
हिंदी भाषा को अपना नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से प्राप्त हुआ है, जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्की के आक्रमणकारियों ने सिंधु नदी के आसपास के क्षेत्र की भाषा को हिंदी यानी ‘सिंधु नदी की भूमि की भाषा’ नाम दिया।
यह भारत की राजभाषा है, अंग्रेजी दूसरी अन्य राजभाषा है।
भारत के बाहर कुछ देशों में भी हिंदी बोली जाती है, जैसे मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा नेपाल में।

हिन्दी अपने वर्तमान स्वरूप में विभिन्न अवस्थाओं के माध्यम से उभरी है जिसके दौरान इसे अन्य नामों से जाना जाता था। पुरानी हिंदी का सबसे प्रारंभिक रूप अपभ्रंश (Apabhramsa) था। 400 ईस्वी में कालिदास ने अपभ्रंश में विक्रमोर्वशियम नामक एक रोमांटिक नाटक लिखा।
आधुनिक देवनागरी लिपि 11वीं शताब्दी में अस्तित्त्व में आई।

 

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●इन देशों में बोली जाती है हिंदी भाषा :-

हिंदी भाषा विश्व में अधिकतम जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. भारत के अतिरिक्त हिंदी भाषा नेपाल, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और फिजी जैसे अन्य देशों में भी बोली जाती है।

●हिन्दी भाषा की विशेषताएँ:-

हिंदी भाषा के उज्ज्वल स्वरूप का ज्ञान कराने के लिए यह आवश्यक है कि उसकी गुणवत्ता, क्षमता, शिल्प-कौशल और सौंदर्य का सही-सही आकलन किया जाए। यदि ऐसा किया जा सके तो सहज ही सब की समझ में यह आ जाएगा कि –
संसार की उन्नत भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है।
वह सबसे अधिक सरल भाषा है।
वह सबसे अधिक लचीली भाषा है।

हिंदी दुनिया की सर्वाधिक तीव्रता से प्रसारित हो रही भाषाओं में से एक है।
वह एक मात्र ऐसी भाषा है जिसके अधिकतर नियम अपवादविहीन है।
वह सच्चे अर्थों में विश्व भाषा बनने की पूर्ण अधिकारी है।
हिंदी का शब्दकोश बहुत विशाल है और एक-एक भाव को व्यक्त करने के लिए सैकड़ों शब्द हैं।
हिन्दी लिखने के लिये प्रयुक्त देवनागरी लिपि अत्यन्त वैज्ञानिक है।
हिन्दी को संस्कृत शब्दसंपदा एवं नवीन शब्द-रचना-सामर्थ्य विरासत में मिली है। वह देशी भाषाओं एवं अपनी बोलियों आदि से शब्द लेने में संकोच नहीं करती। अंग्रेजी के मूल शब्द लगभग 10,000 हैं, जबकि हिन्दी के मूल शब्दों की संख्या ढाई लाख से भी अधिक है।

हिन्दी बोलने एवं समझने वाली जनता पचास करोड़ से भी अधिक है।
हिंदी दुनिया की दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
हिन्दी का साहित्य सभी दृष्टियों से समृद्ध है।
हिन्दी आम जनता से जुड़ी भाषा है तथा आम जनता हिन्दी से जुड़ी हुई है। हिन्दी कभी राजाश्रय की मोहताज नहीं रही।
भारत के स्वतंत्रता-संग्राम की वाहिका और वर्तमान में देशप्रेम का अमूर्त-वाहन।
भारत की सम्पर्क भाषा।
भारत की राजभाषा।

Lokendra Singh Tanwar
Auther at Hind Manch

लोकेन्द्र सिंह तंवर

आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं।

आप  The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।

By Lokendra Singh Tanwar

लोकेन्द्र सिंह तंवर

आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं। आप  The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।

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